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विश्व कुष्ठ दिवस, बीमारों की देखभाल विश्व कुष्ठ दिवस, बीमारों की देखभाल 

कार्डिनल चरनी : विश्व कुष्ठ दिवस 'गरिमा में संयुक्त होने' का अवसर

दुनिया भर में हर साल जनवरी के अंतिम रविवार को विश्व कुष्ठ दिवस के रूप में मनाया जाता है। अभिन्न मानव विकास को बढ़ावा देने के लिए बने विभाग के अध्यक्ष ने विश्व कुष्ठ दिवस के अवसर पर एक संदेश जारी किया और कलीसिया से कभी भी कलंक और भेदभाव द्वारा अपने सदस्यों को विभाजित नहीं करने का आह्वान किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 31 जनवरी,2022 (वाटिकन न्यूज) : रविवार 30 जनवरी को 69वें विश्व कुष्ठ दिवस को चिह्नित करते हुए, कार्डिनल माइकेल चरनी ने उन लोगों के साथ कलीसिया की एकजुटता व्यक्त की है जो कुष्ठ (हैनसेन) रोग के साथ जी रहे हैं।

अभिन्न मानव विकास को बढ़ावा देने के लिए बने विभाग के अध्यक्ष कार्डिनल माइकेल ने इस वर्ष की विषय वस्तु, "गरिमा में संयुक्त" पर चिंतन करते हुए, कलीसिया के नेताओं और भली इच्छा वाले सभी लोगों के लिए एक संदेश भेजा।

कार्डिनल ने उल्लेख किया कि 1980 के दशक में बहुऔषध चिकित्सा शुरू होने के बाद से कुष्ठ रोग में गिरावट आई है, लेकिन यह उष्णकटिबंधीय रोग अभी भी विनाशकारी और उपेक्षित है। उन्होंने कहा, "कुष्ठ रोग से जुड़ी कठिन शारीरिक चुनौतियाँ और कलंक के कारण हतोत्साहित करने वाली वास्तविकता संपूर्ण स्वास्थ्य और उपचार के लिए एक बड़ी बाधा बनी हुई है।"

पिछले एक साल में, हैनसेन रोग के 127,000 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिनमें से कई मामलों में दीर्घकालिक जटिलताएं हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, लगभग 3-4 मिलियन लोग इस बीमारी के कारण दृष्टिबाधित या विकृतियों के साथ जी रहे हैं।

गरिमा में संयुक्त  

कार्डिनल चरनी ने कुष्ठ रोगियों के बिना किसी भेदभाव के सम्मान के साथ जीने के अधिकार की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि कलंक पूरे व्यक्ति को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है, उनके आध्यात्मिक और शारीरिक पहलुओं को कम करता है। कुष्ठ से पीड़ित लोग अक्सर दोहरा बोझ उठाते हैं, उन्हें न केवल बीमारी की भौतिक वास्तविकता का सामना करना पड़ता है, बल्कि 'कुष्ठ रोग से पीड़ित कई लोग चिंता, अवसाद, मनोवैज्ञानिक संकट, अलगाव और आत्महत्या के विचार का अनुभव करते हैं।

फलदायी रचनात्मकता

कार्डिनल चरनी ने संत पापा फ्राँसिस के विश्वपत्र फ्रातेल्ली तुत्ती को भी याद किया, जिसमें उन्होंने सभी से हमारे भाइयों और बहनों की पीड़ा को गले लगाने और उदासीन न रहने का आग्रह किया।

"यह हमारी मानवीय गरिमा है जो हमें एकता में पिरोती है। येसु मसीह हमें इस महत्वपूर्ण वास्तविकता को अपने वचनों और जीवन द्वारा सिखाते हैं।"

कार्डिनल चरनी ने कहा कि कोविड -19 महामारी ने स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच को और भी कठिन बना दिया है। हालांकि, "कोई भी महामारी मानव व्यक्ति की गरिमा को नहीं बदल सकती है और न ही समाज में उसकी गरिमा और मूल्य को बदल सकती है।"कार्डिनल ने कहा, गरिमा के साथ एकजुट होने से फलदायी रचनात्मकता आयेगी, जो समुदायों और व्यक्तियों को प्रत्येक व्यक्ति के मूल्य को पहचानने में सक्षम बनाता है, विशेष रूप से वे जो बीमारी और विकलांगता से पीड़ित हैं।

ईश्वर प्रदत्त गरिमा

कार्डिनल चरनी ने विश्व कुष्ठ रोग दिवस के लिए अपने संदेश को एक अनुस्मारक के साथ समाप्त किया कि हैनसेन रोग के इलाज के लिए दवा और तकनीक मौजूद है और इसे उन लोगों के लिए और अधिक उपलब्ध कराया जाना चाहिए जिन्हें इसकी आवश्यकता है।

उन्होंने प्रार्थना की, "बीमारों की सहायिका, माता मरियम,  हमारे लिए प्रार्थना करना जारी रखे, ताकि हम सभी व्यक्तियों में उस अद्वितीय गरिमा और मूल्य को पहचान सकें जिसे ईश्वर ने मानव परिवार को सौंपा है।"

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31 January 2022, 16:02