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स्वीडन में ओशे संगठन की पूर्णकालिक सभा, तस्वीर 03.12.2021 स्वीडन में ओशे संगठन की पूर्णकालिक सभा, तस्वीर 03.12.2021 

असहिष्णुता, भेदभाव के विरुद्ध वाटिकन प्रतिनिधि ने दी चेतावनी

यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संगठन, ओशे, की स्थायी समिति के समक्ष संगठन में परमधर्मपीठीय स्थायी मिशन के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष यानूस उरबानज़िक ने चेतावनी दी कि यूरोपीय राष्ट्रों में जातिवाद, नस्लगत हिंसा, सामीवाद विरोधी भावनाएं तथा मुसलमानों, ख्रीस्तीयों एवं अन्य धर्मों के विरुद्ध भेदभाव में नित्य वृद्धि हो रही है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

स्वीडन, शुक्रवार, 10 दिसम्बर 2021 (रेई, वाटिकन रेडियो): यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संगठन, ओशे, की स्थायी समिति के समक्ष संगठन में परमधर्मपीठीय स्थायी मिशन के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष यानूस उरबानज़िक ने चेतावनी दी कि यूरोपीय राष्ट्रों में जातिवाद, नस्लगत हिंसा, सामीवाद विरोधी भावनाएं तथा मुसलमानों, ख्रीस्तीयों एवं अन्य धर्मों के विरुद्ध भेदभाव में नित्य वृद्धि हो रही है।     

असहिष्णुता का अंत हो

यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संगठन, ओशे, संगठन में स्वीडन की अध्यक्षता का स्वागत करते हुए महाधर्माध्यक्ष उरबानज़िक ने कहा कि यह संगठन और यूरोप के लिये एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि सभी सदस्य राष्ट्र मानते हैं कि व्यक्तिगत प्रतिनिधियों द्वारा संबोधित मुद्दे व्यापक सुरक्षा की हमारी खोज का एक अभिन्न अंग हैं। तथापि, उन्होंने कहा, दुर्भाग्यवश हमें यह स्वीकार करना पड़ता है कि सभी संकेत इस बात की पुष्टि करते हैं कि यहूदियों, मुसलमानों, ईसाइयों और अन्य धर्मों के सदस्यों के खिलाफ धार्मिक पूर्वाग्रह से प्रेरित असहिष्णुता और भेदभाव बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि यह स्मरण रखा जाये कि "ईसाई-विरोधी अपराध अब कोई मामूली घटनाएँ नहीं रही हैं।" अस्तु, उन्होंने कहा कि वे संगठन के अधिकारियों तथा प्रतिनिधियों से निवेदन करते हैं कि वे  "बिना किसी पूर्वाग्रह या चयनात्मकता के ईसाइयों, यहूदियों, मुसलमानों एवं अन्य धर्मों के सदस्यों के विरुद्ध व्याप्त असहिष्णुता और भेदभाव को संबोधित करें। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि "घृणा अपराधों के शिकार अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक दोनों समुदायों के हो सकते हैं"। वास्तव में, प्रायः 'अल्पसंख्यक' शब्द का प्रयोग 'पीड़ितों' के पर्याय के रूप में किया जाता है, मानों पीड़ित केवल अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित रहते हैं।

महाधर्माध्यक्ष उरबानज़िक ने कहा, परमधर्मपीठ इस बात के प्रति आश्वस्त है कि धार्मिक असहिष्णुता और भेदभाव के सभी रूपों पर समान ढंग से ध्यान दिया जाना चाहिए, भले ही वे बहुसंख्यक समूह या अल्पसंख्यक समूह के खिलाफ निर्देशित हों, तथा किसी भी आंशिक या चयनात्मक दृष्टिकोण को जगह नहीं दी जानी चाहिये।

धार्मिक पूर्वाग्रह के प्रति उत्कंठा

महाधर्माध्यक्ष उरबानज़िक ने कहा कि परमधर्मपीठ आतंकवादी हमलों, घृणा अपराधों और यहूदी सभागृहों, मस्जिदों, गिरजाघरों, पूजा स्थलों, कब्रिस्तानों और धार्मिक स्थलों के विरुद्ध लक्षित असहिष्णुता की अन्य अभिव्यक्तियों की बढ़ती संख्या के प्रति चिंतित है, जिनका कारण अन्य धर्मों के सदस्यों के खिलाफ धार्मिक पूर्वाग्रह हैं एवं भ्रामक धारणाएँ हैं।  

महाधर्माध्यक्ष उरबानज़िक ने ओशे संगठन के समस्त सदस्य देशों का आह्वान किया कि वे अपने अपने देशों में इस प्रकार की हिंसा और आक्रमणों को रोकने का हर सम्भव प्रयास करें तथा यूरोप में निवास करनेवाले विभिन्न धर्मों के अनुयायियों को उनके धर्मपालन की सुरक्षा की गारंटी दें।  

उन्होंने स्मरण दिलाया कि असहिष्णुता और भेदभाव अक्सर आस्था और विश्वास सम्बन्धी नकारात्मक एवं दकियानूसी विचारों से पोषित होते हैं, विशेष रूप से, इस राय से कि धार्मिक रीति-रिवाज़ों और व्यवहारों को आधुनिक और धर्मनिरपेक्ष समाज में जगह नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह ग़लत धारणा इस तथ्य को अनदेखा कर देती है कि धर्म हमारे लोकतंत्रों के लिए एक सकारात्मक और स्थिर कारक हो सकता है।

 

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10 December 2021, 11:45