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वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन 

इताली न्यायविदों से कार्डिनल पारोलीन, दुर्बल वर्ग के समीप रहें

वाटिकन राज्य सचिव ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कानूनी ढांचे को फिर से आकार देने में काथलिक न्यायविदों के मूलभूत योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "यह प्राकृतिक कानून के प्राचीन सिद्धांत की "पुनर्खोज" के कारण हुआ, जो यहूदी-यूनानी-रोमन संस्कृति में अंकुरित हुआ था और बाद में ख्रीस्तीय धर्म के विचारों द्वारा बढ़ाया गया था।"

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

रोम, शुक्रवार, 10 दिसम्बर 2021(रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन ने, गुरुवार को, इताली काथलिक न्यायविदों के संघ यूजीसीआई के विधिवेत्ताओं को एक विडियो सन्देश भेजकर दुर्बल वर्ग के समीप रहने का आह्वान किया।

"समाज में सबसे गौण, कमज़ोर लोगों की कानूनी सुरक्षा", विषय पर आयोजित 70 वीं राष्ट्रीय संगोष्ठी में, इताली संवैधानिक ढांचे के आलोक में, मानव व्यक्ति की नाजुकता की कानूनी प्रासंगिकता का अध्ययन किया जा रहा है, जो काफी हद तक काथलिक धर्मशिक्षा से प्रेरित है। इसमें चर्चा इस बात पर केंद्रित है कि एक ऐसे कानून को कैसे बढ़ावा दिया जाए जो सबसे कमजोर लोगों के बुनियादी मानवाधिकारों को कायम रख सके और उनकी रक्षा कर सके। संगोष्ठी के विषय पर चर्चा करते हुए कार्डिनल पारोलीन ने कहा कि यह आज के संदर्भ में विशेष रूप से प्रासंगिक है जहां "नए" मौलिक मानवाधिकार सामने आ रहे हैं।

काथलिक न्यायविद तथा मानवाधिकार

अपने मुख्य भाषण में, वाटिकन राज्य सचिव ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कानूनी ढांचे को फिर से आकार देने में काथलिक न्यायविदों के मूलभूत योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "यह प्राकृतिक कानून के प्राचीन सिद्धांत की "पुनर्खोज" के कारण हुआ, जो यहूदी-यूनानी-रोमन संस्कृति में अंकुरित हुआ था और बाद में ख्रीस्तीय धर्म के विचारों द्वारा बढ़ाया गया था।"

प्राकृतिक कानून का सिद्धान्त

उन्होंने इस बात के प्रति ध्यान आकर्षित कराया कि प्राकृतिक कानून के प्राचीन सिद्धांत ने मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा को बहुत प्रेरित किया जिसके अनुसार सभी लोगों के समान मौलिक अधिकार हैं, जिसका स्रोत प्रत्येक व्यक्ति में निहित गरिमा है और जो इताली संविधान में भी प्रतिष्ठित हैं। कार्डिनल महोदय ने कहा कि प्राकृतिक कानून का सिद्धांत समाज में कमज़ोर वर्ग की सुरक्षा के सिद्धांत और एकजुटता के सिद्धांत को भी रेखांकित करता है।

सामाजिक न्याय एवं एकात्मता

इस बात को रेखांकित कर कि सामाजिक न्याय का सिद्धान्त तथा एकात्मता का सिद्धान्त दोनों इताली संविधान  में निहित हैं, कार्डिनल पारोलीन ने "कमजोर लोगों की रक्षा के लिए सकारात्मक कानून की आवश्यकता" पर प्रकाश डालते हुए कहा कि  "उन सभी भेदभावपूर्ण बाधाओं को दूर करना होगा जो उन्हें और भी कमजोर बनाते हैं", ताकि वे अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रभावी ढंग से आनंद ले सकें।"

आप्रवासियों एवं बच्चों की रक्षा

कार्डिनल पारोलीन ने कहा कि वर्तमान समय में सबसे कमजोर व्यक्ति जिन्हें कानूनी संरक्षण की आवश्यकता है,  वे हैं आप्रवासी, किन्तु बच्चे भी, जो सहायक प्रजनन तकनीकों सहित, कई अन्य कारणों से, अपने जैविक माता-पिता के बिना अनाथ हो जाते हैं। कार्डिनल महोदय ने इटली के न्यायविदों को प्रोत्साहन दिया कि वे सदैव उन लोगों के क़रीब रहें जो समाज से परित्यक्त हैं और जिन्हें समाज ने भुला दिया गया है।  

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10 December 2021, 11:37