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ग्लास्गो में जलवायु परिवर्तन संकट पर जारी कॉप 26 का एक दृश्य, 12.11.2021 ग्लास्गो में जलवायु परिवर्तन संकट पर जारी कॉप 26 का एक दृश्य, 12.11.2021 

कॉप-26 पर परमधर्मपीठ का वकतव्य

स्कॉटलैण्ड के ग्लास्गो में जलवायु परिवर्तन पर जारी विश्व शिखर स्म्मेलन में परमधर्मपीठ के प्रतिनिधिमण्डल की भागीदारी पर वाटिकन प्रेस ने शुक्रवार को एक वकतव्य जारी कर कहा कि परमधर्मपीठीय प्रतिनिधिमण्डल ने शिखर सम्मेलन में उपस्थित होकर जलवायु परिवर्तन के मानवीय चेहरे को प्रकाशित किया है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 12 नवम्बर 2021 (रेई, वाटिकन रेडियो): स्कॉटलैण्ड के ग्लास्गो में जलवायु परिवर्तन पर जारी विश्व शिखर स्म्मेलन में परमधर्मपीठ के प्रतिनिधिमण्डल की भागीदारी पर वाटिकन प्रेस ने शुक्रवार को एक वकतव्य जारी कर कहा कि परमधर्मपीठीय प्रतिनिधिमण्डल ने शिखर सम्मेलन में उपस्थित होकर जलवायु परिवर्तन के मानवीय चेहरे को प्रकाशित किया है।  

परमधर्मपीठीय वकतव्य

वकतव्य में कहा गया, कि परमधर्मपीठ के प्रतिनिधिमंडल ने कॉप-26 के प्रतिभागियों के सामने हमारे सामान्य धाम के लिए संत पापा फ्राँसिस की चिंताओं को उजागर किया है, जिसमें जलवायु संकट के मानवीय चेहरे को प्रकाशित किया है, सर्वाधिक निर्धन लोगों पर जलवायु संकट के प्रभाव और उन लोगों पर इसके घोर प्रभाव पर बल दिया है जिन्होंने इसे सबसे कम क्षति पहुँचाई है।

परमधर्मपीठीय वकतव्य में कहा गया कि वैश्विक औसत तापमान में वृद्धि को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने और ऐसा करने के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन प्रदान करने के लिए राष्ट्रों द्वारा की गई महत्वाकांक्षी प्रतिबद्धताएं सबसे कमजोर समुदायों के अस्तित्व के लिए आशाजनक और वास्तव में आवश्यक हैं।

आगे कहा गया, परमधर्मपीठ का प्रतिनिधिमंडल उन प्रतिबद्धताओं की सराहना करता है जिनकी विभिन्न राष्ट्रों ने प्रतिज्ञा की है। हालांकि अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है, तथापि, किए गए वादों से आशा की किरण जागी है, अब इन वादों को लागू करने के प्रभावी तरीके खोजने के लिये सक्रिय होना महत्वपूर्ण है।

अन्त में कहा गया कि परमधर्मपीठ के प्रतिनिधिमंडल को उम्मीद है कि इस सम्मेलन के अंतिम निर्णय वर्तमान और भावी पीढ़ियों के प्रति जिम्मेदारी की वास्तविक भावना के साथ-साथ हमारे आम घर की देखभाल से प्रेरित रहे तथा ये निर्णय वास्तव में पृथ्वी की पुकार एवं ग़रीबों के रुदन का प्रत्युत्तर दे सकें। (लौदातो सी', एन. 49) "समय समाप्त हो रहा है: इस अवसर को बर्बाद नहीं करना चाहिए।"

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12 November 2021, 11:53