जायद पुरस्कार: घृणा फैलाने का विरोध करने हेतु कार्रवाई का आह्वान
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शनिवार, 9 अक्टूबर 2021 (वाटिकन न्यूज) : वाटिकन न्यूज के मुख्यालय ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की मेजबानी की, जिसमें मानव बंधुत्व जायद पुरस्कार के जूरी समिति के सदस्य शामिल थे, जो इस साल के मानव बंधुत्व जायद पुरस्कार के विजेता को चुनेंगे।
पुरस्कार उन व्यक्तियों और संगठनों को दिया जाता है जिन्होंने मानव प्रगति में गहरा योगदान दिया है, साथ ही साथ हमारी सामान्य मानवता के आधार पर शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की सुविधा प्रदान की है।
भाईचारे की राह पर कदम
कार्डिनल माइकल चरनी एसजे ने शुक्रवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत करते हुए कहा कि मानव बंधुत्व पर दस्तावेज़ "एक उपलब्धि" के बजाय लोगों के बीच शांति के मार्ग पर एक महत्वपूर्ण "कदम" है।
कार्डिनल ने कहा कि दस्तावेज़ का दीर्घकालिक प्रभाव "विश्वासियों द्वारा" इसके स्वागत पर निर्भर करेगा। उन्होंने आगे कहा कि पृथ्वी पर प्रत्येक व्यक्ति एक आस्तिक है और कुछ लोगों को आस्तिक और अन्य को "नास्तिक" कहना एक झूठा भेद है।
कार्डिनल चरनी ने कहा, "मानव 'अविश्वास' जैसी कोई चीज़ नहीं होती है।" "इसलिए, यह सभी धर्मों के अनुयायियों पर निर्भर करता है कि वे दस्तावेज़ के अर्थ और क्षमता को महसूस करें और इसे व्यवहार में लाने के लिए के लिए खुद को प्रतिबद्ध करें।"
आस्थाओं को एकजुट करना
नाइजर के पूर्व राष्ट्रपति, महामदौ इस्सौफौ ने कहा कि दस्तावेज़ तीन महान "अब्राहमी धर्मों" के लोगों को एकजुट करने में ऐतिहासिक है - यहूदी धर्म, ख्रीस्तीय धर्म और इस्लाम - भाईचारे, शांति, सहिष्णुता के मूल्यों और स्वतंत्रता की तलाश करने की एक आम इच्छा में एकजुट करता है।
उन्होंने कहा कि जायद पुरस्कार, दस्तावेज़ में निहित मूल्यों का पता लगाने का अवसर प्रदान करता है, साथ ही साथ दुनिया जिस दिशा में जा रही है।
'नफरत के वायरस' पर काबू पाना
हिंसा और कट्टरता का मुकाबला करने के लिए काम करने वाले प्रोजेक्ट अलादीन के अध्यक्ष डॉ. लिआह पिसार ने इस अवसर को चल रहे कोविड -19 महामारी से जोड़ा।
उसने कहा कि महामारी ने लोगों के बीच "घृणा का वायरस" उत्पन्न किया है, जिसे मानव बंधुत्व का मूल्य ही घृणा के वायरस पर प्रतिक्रिया कर सकता है।
वाटिकन न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में डॉ. पिसार ने मानव बंधुत्व के अपने अनुभव के बारे में संक्षेप में बात की, मानवता की ओर जाने की दिशा के बारे में अपनी चिंता दोहराई।
उसने एक उदाहरण के रूप में अपने पिता की आहुति के दर्दनाक अनुभव की पेशकश की। पिता सामुएल पिसार ने डकाऊ और ऑशविट्ज़ में नाजी मृत्यु शिविरों में चार साल बिताया। पोलिश स्कूल, के 900 बच्चों में वह एकमात्र जीवित बचा था और अपने परिवार के हर सदस्य की हत्या के दुःख को सहन किया था।
उनकी बेटी के अनुसार "फिर भी, इन सब के वावजूद वे आशावान बने रहे और इस विश्वास के साथ कि कोई वंशानुगत दुश्मन नहीं हैं।"
(बांये से दायें) महामदौ इस्सौफौ, जोस रामोस होर्टा, लिआ पिसारी
दस्तावेज़ में सार्वभौमिक मूल्य है
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्वी तिमोर के पूर्व राष्ट्रपति जोस रामोस होर्टा ने कहा कि मानव बंधुत्व पर दस्तावेज़ मानवीय विचारों के इतिहास में सार्वभौमिक मूल्यों को एक साथ लाने की क्षमता में "असाधारण" है।
उन्होंने कहा कि दो हस्ताक्षरकर्ता- संत पापा फ्राँसिस और अल-अजहर के ग्रैंड इमाम, अहमद अल-तैयब- प्रतिष्ठित धार्मिक नेता हैं और खुलेपन के उनके व्यक्तिगत उदाहरणों में इस्लाम और ख्रीस्तीय धर्म के अरबों लोगों को एकजुट करने की शक्ति है।
मानव बंधुत्व की उच्च समिति के महासचिव न्यायाधीश मोहम्मद अब्देलसलाम ने दस्तावेज़ के दो नेताओं और हस्ताक्षरकर्ताओं के साथ-साथ दस्तावेज़ के मुख्य प्रोत्साहक, अबू धाबी के शेख जायद बिन सुल्तान अल नाहयान की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, "मानव बंधुत्व पर दस्तावेज़ दोनों नेताओं के बीच रोटी बांटने और तोड़ने के एक बहुत ही ऐतिहासिक क्षण में आता है, और इस दस्तावेज़ में उन्होंने पूरी दुनिया को एक संदेश प्रस्तुत किया है जो साझा करने की संस्कृति, शांति की संस्कृति, एकजुटता की संस्कृति का आह्वान करता है।"
एक विजेता के लक्षण
प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाग लेने वालों ने फिर इस सवाल की ओर रुख किया कि जूरी उस व्यक्ति में किन गुणों की तलाश कर रही है जो मानव बंधुत्व के लिए जायद पुरस्कार जीतेगा।
उन्होंने इस तरह के लक्षणों को "बाकी मानवता के लिए एक उदाहरण" और "एक व्यक्ति जो मानव बंधुत्व की खोज के बारे में दृढ़ता से महसूस करता है ताकि इस कारण योगदान करने के लिए संस्थागत कदम उठाए।"
कार्डिनल चरनी ने विशेष रूप से कहा कि प्रत्येक व्यक्ति मानव बंधुत्व की दिशा में काम करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि वे किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश कर रहे हैं, जिसे आमतौर पर पुरस्कारों के लिए नहीं माना जाएगा, खासकर उन गरीबों में से जो अपने दैनिक जीवन में बंधुत्व के मूल्य को बढ़ावा देना चाहता है।
सभी से पुल बनने की अपील
संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव सुश्री फुमज़िले म्लाम्बो ने तब सभी लोगों से एक अपील शुरू की - चाहे वे किसी भी धर्म, परंपरा या पंथ के हों - अपने दैनिक जीवन में मानव बंधुत्व के मूल्य को बढ़ावा देने के लिए काम करें। यह जायद पुरस्कार पाने की विशेषता है।
"एक पुल बनें," दक्षिण अफ्रीका के पूर्व उप राष्ट्रपति से आग्रह किया। "हमारे बीच की खाई को दूर करने के लिए लोगों को एक साथ लाने के लिए आप जो कुछ भी कर सकते हैं वही करें। अगर हम सभी हीरो नहीं हैं तो कोई भी बड़ा हीरो नहीं है। हम सब इसमें एक साथ है।"
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