महिलाओं एवं किशोरियों की सुरक्षा का परमधर्मपीठ ने किया आह्वान
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर- वाटिकन सिटी
जिनिवा, शुक्रवार, 26 मार्च 2021 (वाटिकन न्यूज़): जिनिवा स्थित महिलाओं पर संयुक्त राष्ट्र संघीय आयोग के वर्तमानकालीन सत्र में वाटिकन अधिकारी तथा आयोग में परमधर्मपीठ की प्रतिनिधि डॉक्टर फ्रान्चेस्का दी जोवान्नी ने महिलाओं एवं किशोरियों के लिये न्यायसम्मत एवं प्रेममय विश्व की रचना का आह्वान किया।
महिलाओं की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र संघीय आयोग का सत्र 15 मार्च से 26 मार्च तक जारी है, जिसमें विश्व के प्रतिनिधि आनलाईन व्यवस्था सहित भाग ले रहे हैं।
महिलाओं एवं किशोरियों के विरुद्ध हिंसा
सुश्री दी जोवान्नी ने कहा कि विगत 25 वर्षों के दौरान महिलाओं एवं किशोरियों के विरुद्ध हिंसा को कम करने में राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तरों पर बहुत काम किया गया है तथापि यह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने ध्यान आकर्षित कराया कि प्रायः घर में रहकर काम करनेवाली महिलाओं को हिंसा का शिकार बनना पड़ता है। महिलाएँ और किशोरियाँ मानव तस्करी का भी शिकार बननी हैं, वेश्यावृत्ति के लिये उनका शोषण किया जाता है, वे बलात्कार और मारपीट का शिकार बनती हैं और बहुत बार उन्हें गर्भपात के लिये बाध्य किया जाता है।
पीड़ित महिलाओं की मदद
परमधर्मपीठीय प्रतिनिधि ने कहा कि पीड़ित महिलाओं एवं किशोरियों की मदद के तहत उनके सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना, और साथ ही उनके उपचार हेतु हर प्रकार की मनोवैज्ञानिक, चिकित्सीय, वित्तीय एवं कानूनी सहायता मुहैया कराना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि इन सब के बावजूद हिंसा ढानेवालों को दण्डित करना भी ज़रूरी है ताकि महिलाओं की प्रतिष्ठा को पुनःस्थापित किया जा सके। उन्होंने ध्यान दिलाया कि काथलिक कलीसिया द्वारा विश्व के विभिन्न भागों में इस प्रकार की मदद प्रदान करनेवाली हज़ारों सामाजिक संस्थाएँ हैं, जो महामारी के बीच भी पीड़ित महिलाओं एवं किशोरियों को समर्थन प्रदान करती आई हैं।
अश्लील साहित्य एवं मीडिया में व्याप्त भ्रष्ट रूपकों की भी उन्होंने कड़ी निन्दा की जो महिलाओं एवं किशोरियों को एक वस्तु मात्र बताते तथा पुरुषों एवं किशोरों के समक्ष उनकी तौहीन करते हैं।
महिलाओं की भूमिका का महत्व
महिलाओं के विरुद्ध सभी प्रकार के भेदभावों से जुड़े साहित्य एवं रूपकों पर प्रतिबन्ध का आह्वान करते हुए उन्होंने सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की भूमिका महत्व देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को समान प्रतिष्ठा देकर तथा उनकी शक्ति को मान्यता देकर सम्पूर्ण विश्व समाज का विकास सम्भव हो सकेगा।
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