उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 3 दिसम्बर 20 (रेई)- इस साल आगमन का चिंतन शुक्रवार 4 दिसम्बर से शुरू होगा। परम्परा के अनुसार संत पापा फ्रांसिस भी आगमन के इस चिंतन में भाग लेंगे।
कपुचिन फादर कांतालामेस्सा जो कुछ ही दिनों पहले कार्डिनल बने हैं 1980 से ही परमधर्मपीठ के उपदेशक रहे हैं। उन्होंने इसके लिए विषयवस्तु स्तोत्र ग्रंथ से चुना है, "हमें जीवन की क्षणभंगुरता सिखा जिससे हम में सदबुद्धि आये।" (90,12)
कार्डिनल कांतालामेस्सा ने 4 दशकों में तीन संत पापाओं को उपदेश दिया है। हाल में वाटिकन न्यूज के साथ हुए साक्षात्कार में कार्डिनल ने अपने अनुभवों को साझा किया है। उन्होंने कहा, "पोप जॉन पौल द्वितीय [या] बेनेडिक्ट जैसे संत पापाओं के बारे सोचना और संत पापा फ्रांसिस भी जिन्होंने एक गरीब, साधारण कपुचिन पुरोहित को सुनने के लिए समय निकाला, इसके द्वारा उन्होंने पूरी कलीसिया को एक उदाहरण दिया है, ईश वचन के प्रति सम्मान का आदर्श प्रस्तुत किया है, कुछ मायने में, वे ही मुझे उपदेश देते हैं।"
वाटिकन द्वारा जारी एक सूचना के अनुसार क्रिसमस की तैयारी पर इस साल का उपदेश तीन बार होगा।
उपदेश में भाग लेने के लिए कार्डिनलों, महाधर्माध्यक्षों, धर्माध्यक्षों, परमधर्मपीठीय आवास के प्रिफेक्ट, रोमन कुरिया के कर्मचारी और रोम विकारियेट एवं धर्मसमाजों के सुपीरियर्स को निमंत्रण दिया गया है जो आगमन काल के हर शुक्रवार को होगा।