कार्डिनल गुजेरोती का दौरा सीरिया के प्रति पोप के सामीप्य को दर्शाता है
वाटिकन न्यूज
पूर्वी कलीसियाओं के लिए गठित परिषद के प्रीफेक्ट कार्डिनल क्लौदियो गुजेरोती इस सप्ताह सीरिया की छह दिवसीय यात्रा शुरू करेंगे। यह यात्रा पोप फ्राँसिस द्वारा उन्हें सौंपे गए मिशन का हिस्सा है, ताकि वे संकटग्रस्त देश के विश्वासियों को कलीसिया की निकटता प्रदान कर सकें।
यह यात्रा 24 से 29 जनवरी तक होगी। इसकी घोषणा वाटिकन विभाग द्वारा जारी एक बयान में की गई, जिसमें बताया गया कि "संत पापा का इरादा है कि सीरिया की वर्तमान स्थिति में, देश के काथलिक पूरी कलीसिया और विशेष रूप से रोम के धर्माध्यक्ष का स्नेह और समर्थन महसूस कर सकें, जो उनके लिए प्रार्थना करना जारी रखते हैं।"
बयान के अनुसार, कार्डिनल गुजेरोत्ती के साथ विभाग के सचिव महाधर्माध्यक्ष मिशेल जलाख और कार्डिनल के निजी सचिव फादर इमानुएल सबदाख भी होंगे।
कार्डिनल की यात्रा कार्यक्रम
कार्डिनल गुजेरोत्ती, सीरिया के प्रेरितिक राजदूत कार्डिनल मारियो ज़ेनारी, धर्माध्यक्षों, पुरोहितों, धर्मसंघी पुरूषों और महिलाओं एवं काथलिक लोकधर्मी से मिलकर ग्रीक-मेलकाइट, मेरोनाइट, कल्दियन, सीरियाई, अर्मेनियाई और लैटिन रीति के विश्वासियों के साथ प्रार्थना करेंगे।
दमिश्क और अलेप्पो में कार्डिनल गुजेरोत्ती काथलिक समुदायों के धर्मगुरूओं, पुरोहितों, धर्मसमाजियों और लोकधर्मियों के साथ-साथ स्थानीय कलीसियाओं के उदार संगठनों के साथ भी मुलाकात करेंगे।
वे काथलिक धर्माध्यक्षों की आमसभा में भी भाग लेंगे, जो होम्स शहर में आयोजित की जाएगी।
वक्तव्य के अनुसार, कार्डिनल संत पापा फ्राँसिस का अभिवादन प्राधिधर्माध्यक्षों तक पहुँचाएंगे और इस बात पर जोर देंगे कि, "वर्तमान परिस्थितियों में, ख्रीस्तीय एकता एक आवश्यक अनिवार्यता है" और "काथलिक कलीसिया पूर्ण सहयोग के लिए तैयार है।"
ख्रीस्तीय एकता
25 जनवरी को, संत पौलुस के मन-परिवर्तन पर्व और ख्रीस्तीय एकता के लिए प्रार्थना सप्ताह के अंतिम दिन, कार्डिनल गुजेरोती संत पौलुस के स्मारक पर सामूहिक प्रार्थना की अध्यक्षता करेंगे, जो पारंपरिक रूप से उस घटना से जुड़ी जगह पर बनाया गया है जिसने उनके जीवन को प्रेरित किया।
वे लातीनी कलीसिया और बाब तौमा में मैरोनाइट महागिरजाघर में दमिश्क के शहीदों के पवित्र अवशेषों को श्रद्धांजलि भी अर्पित करेंगे।
सीरिया की अपनी यात्रा के समापन पर कार्डिनल गुजेरोती लेबनान के बेरूत की यात्रा करेंगे, जहाँ वे स्थानीय प्रेरितिक राजदूतावास में ठहरेंगे।
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