संत पापा ने अमेरिकी सामाजिक मंत्रालय के नेताओं से कहा: भविष्य के नायक बनें
वाटिकन न्यूज
वाशिंगटन, बुधवार 29 जनवरी 2025 : संयुक्त राज्य अमेरिका में काथलिक सामाजिक मंत्रालय सभा (सीएसएमजी) को दिए गए संदेश में संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि जयंती वर्ष, "प्रेरितिक मिशन के केंद्र में 'आशा को संगठित करने' की चुनौती को रखने का अवसर है।"
यूएससीसीबीके न्याय और शांति सचिवालय द्वारा प्रत्येक वर्ष वार्षिक बैठक का आयोजन संयुक्त राज्य के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के दस अन्य विभागों और बीस राष्ट्रीय काथलिक संगठनों के सहयोग से किया जाता है। इस वर्ष की सभा का विषय "आशा के मिशनरी, न्याय के पैरोकार" है।
मेल-मिलाप, समावेशन और भाईचारे के पुल बनाना
प्रतिभागियों को दिए गए अपने संदेश में, संत पापा फ्राँसिस ने इस बात पर जोर दिया कि कलीसिया का प्रेरितिक मिशन "एक ऐसी कलीसिया की मांग करता है जो आगे बढ़े, जो 'शब्दों और कार्यों' से उस आशा को बनाए रखने में सक्षम हो जिसके साथ इतने सारे परिवार हमेशा इन धन्य भूमियों में आते हैं।"
संत पापा अपनी आशा व्यक्त करते हैं कि सीएसएमजी "एकता का प्रतीक बनेगा, 'मेल-मिलाप, समावेशन और भाईचारे के पुल बनाने के लिए" - एक चुनौती जिसे वे जानते हैं कि वे पार कर सकते हैं क्योंकि, जैसा कि उन्होंने समझाया, "आप में से प्रत्येक सबसे अधिक ज़रूरतमंद लोगोः बहिष्कृत, त्यागे गए, गरीब और प्रवासियों में येसु मसीह को पहचानने के लिए बहुत मेहनत करता है।"
इतिहास के नायक
अमूर्त विचारों के बजाय ठोस वास्तविकता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में कलीसिया की प्रशंसा करने के बाद, संत पापा फ्राँसिस सामाजिक मंत्रालय के नेताओं की सेवा को मान्यता देते हैं, जो हमेशा 'सामान्य भलाई की सेवा में' "एक सामाजिक संवाद को संभव बनाता है, गरीबों की बात सुनता है और उनसे बात करता है।"
संत पापा उन्हें “इतिहास के नायक बनने” से न डरने के लिए प्रोत्साहित करते हुए यह चेतावनी भी देते हैं कि “यदि हम सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने में विफल रहते हैं, तो हम हर व्यक्ति, जो इस दुनिया में आता है, हर आशावान युवा जो अमेरिका में कदम रखता है, की गरिमा की गारंटी नहीं दे पाएंगे।”
आशा के तीर्थयात्री बने रहें
फिर, सभा में भाग लेने वाले युवाओं को संबोधित करते हुए, संत पापा ने अपनी नसीहत दोहराई, “खुद को आशा से वंचित न होने दें,” उन्हें याद दिलाते हुए कि वे “इस युद्ध को समाप्त करने की कुंजी हैं जो पृथ्वी को हिला देता है।”
अंत में, संत पापा फ्राँसिस काथलिक सामाजिक मंत्रालय सभा के सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया कि वे “अपने पूर्वजों की तरह आशा के तीर्थयात्री बने रहने का साहस रखें।”
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