हिल्टन फाउंडेशन से संत पापा: 'गरीबों की सेवा हेतु कलीसिया को धर्मबहनों की ज़रूरत है'
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, बुधवार 22 जनवरी 2025 : संत पापा फ्राँसिस ने बुधवार को आम दर्शन समारोह से पहले संत पापा पॉल षष्टम सभागार के एक छोटे कमरे में कॉनराड हिल्टन फाउंडेशन के निदेशक मंडल से मुलाकात की। संत पापा ने उनका वाटिकन में सहृदय स्वागत किया और कहा, “हमारे समय में, जब हमारी दुनिया में गरीबों और बहिष्कृत लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है, आपने भले समारी की तरह जुनून और करुणा के साथ, मानवीय गरिमा को बढ़ावा देने के लिए खुद को सक्रिय रूप से प्रतिबद्ध करने का फैसला किया है। यह दृष्टांत हमें दूसरों की ज़रूरतों के साथ पहचान करने, उन लोगों तक पहुँचने और उन्हें ऊपर उठाने के लिए प्रेरित करता है जो रास्ते में गिर गए हैं, और इस तरह हम सभी को लाभान्वित करते हैं।” (फ्रातेल्ली तुत्ती, 67)
वंचित लोगों के जीवन में सुधार
प्रसिद्ध होटल व्यवसायी कॉनराड हिल्टन द्वारा 1944 में स्थापित, यह फाउंडेशन अनुदान, साझेदारी और वकालत के माध्यम से दुनिया भर में वंचित और कमजोर लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए समर्पित सबसे बड़े परोपकारी संगठनों में से एक है। संत पापा ने फाउंडेशन की उदारता और प्रतिबद्धता की प्रशंसा की, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, शरणार्थी सहायता और गरीबी के खिलाफ लड़ाई के क्षेत्र में सेवा देते हैं, ये प्रेम और करुणा का एक ठोस प्रमाण है। उन लोगों के जीवन को बदल सकती है जो खुद को कमजोर परिस्थितियों में पाते हैं।
प्रशिक्षण के माध्यम से धर्मबहनों का सशक्तिकरण
संत पापा ने कहा कि संस्थापक, कॉनराड निकोलसन हिल्टन का सपना फाउंडेशन की परियोजनाओं को प्रेरित करता रहता है। इनमें से एक है: धर्मबहनों का समर्थन करना। कॉनराड हिल्टन धर्मबहनों को बहुत सम्मान देते थे; अपनी वसीयत में, उन्होंने फाउंडेशन से सबसे गरीब और सबसे कमज़ोर भाइयों और बहनों की सेवा करने के उनके मिशन में खासकर युवा धर्मबहनों के प्रशिक्षण और उनके धर्मसमाजों में बुजुर्गों की देखभाल में योगदान करने के लिए कहा। और वे इन कामों को निष्ठा और रचनात्मकता के साथ कर रहे हैं। संत पापा ने धर्मबहनों को व्यावसायिकता और मिशनरी आउटरीच में बढ़ने के अवसर प्रदान करने के लिए कई वाटिकन विभागों के साथ सहयोग करने हेतु उनके प्रति अपना आभार व्यक्त किया।
संत पापा ने कहा कि अतीत में, इस क्षेत्र में पुरोहितों के प्रशिक्षण में बहुत कम निवेश किया गया था, परंतु सीमाओं पर, परिधि में और गरीबों के बीच उनके काम के लिए प्रशिक्षण और योग्यता की आवश्यकता होती है। अतः धर्मबहनों के लिए निरंतर शिक्षा और प्रशिक्षण की आवश्यकता तत्काल है।
धर्मबहनें गरीबों की सेवा करने हेतु बुलायी गई हैं, नौकर बनने के लिए नहीं
संत पापा ने इस बात पर जोर देते हुए कहा, “धर्मबहनों का मिशन हमारे बीच सबसे कमज़ोर लोगों की सेवा करना है। यह किसी के लिए नौकर बनना नहीं है। इसे रोकना चाहिए और आप एक फाउंडेशन के रूप में कलीसिया को इस मानसिकता से बाहर लाने में मदद कर रहे हैं।” आगे संत पापा ने कहा कि अक्सर यह सुनने को मिलता है कि धर्मप्रांतों, रोमन कूरिया और विश्वविद्यालयों में ज़िम्मेदारी के पदों पर पर्याप्त धर्मबहनें नहीं हैं। यह काफी हद तक सच है: हमें पुरोहितों और मर्दाना मानसिकता पर काबू पाने की ज़रूरत है। दूसरी ओर, संत पापा ने धर्माध्यक्षों से यह कहते हुए भी सुना है, "मैं कुछ धर्मप्रांतों के कार्यालयों में धर्मबहनों को नियुक्त करना चाहता हूँ, लेकिन उनके अधिकारी उन्हें नहीं छोड़ते।" इसलिए मैं सुपीरियर जनरल से कहूँगा: उदार बनें, विश्वव्यापी कलीसिया और एक ऐसे मिशन की दृष्टि विकसित करें जो आपके संस्थान की सीमाओं से परे हो।”
करुणा, निकटता और कोमलता
अंत में संत पापा फ्राँसिस ने हिल्टन फाउंडेशन को उनके "अथक कार्य और सेवा" के लिए धन्यवाद दिया, जो उन लोगों के बीच आशा को बढ़ावा देता है जो परित्यक्त महसूस करते हैं। करुणा, निकटता, कोमलता, ईश्वर के तीन गुणों के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने एक ऐसी दुनिया का सपना व्यक्त किया "जहाँ परित्यक्त, बहिष्कृत, हाशिए पर पड़े लोग समाज में बहुत जरूरी बदलाव के एजेंट बन सकते हैं ताकि हम सभी भाई-बहनों की तरह रह सकें।
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