संत पापाः ईश वचन ज्योति और खुशी लाती है
वाटिकन सिटी
संत पापा फ्रांसिस ने ईश वचन के रविवार का मिस्सा अर्पित करते हुए येसु की प्रेरिताई पर चिंतन किया।
संत पापा ने अपने प्रवचन में कहा कि सुसमाचार जिसका श्रवण हमने किया, हमारे लिए पवित्र आत्मा की पूर्णतः में एक भविष्यवाणी पूरी होने की बात घोषित करता है।यह मुक्तिदाता येसु के द्वारा पूरी होती है जो पवित्र आत्मा की शक्ति से आते हैं।
ईश वचन सजीव
ईश्वर का वचन सजीव है यह सदियों से हमारे संग है और पवित्र आत्मा की कृपा से हर सदी में क्रियाशील है। ईश्वर मानवता के प्रति अपनी प्रतिज्ञाओं को लेकर हमेशा निष्ठावान बने रहते हैं। येसु नाजरेत के ईशमंदिर में इस बात की घोषणा करते हैं, “आज तुम्हारे सुनने में धर्मग्रंथ का यह कथन पूरा हुआ।”
हृदय और मन को खोलें
संत पापा ने कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनों, यह कितनी संयोग की बात है। जयंती वर्ष के शुरू में, ईश वचन के रविवार को हम संत लूकस के सुसमाचार से इस बात को घोषित करते हैं, जहाँ येसु अपने को “अभिषिक्त” मसीह के रुप में प्रस्तुत करते हैं, जो ईश्वर के करूणा के वर्ष को घोषित करने हेतु भेजे गये हैं। येसु, सजीव ईश्वर के वे वचन हैं जिसे हम धर्मग्रंथ की परिपूर्णत स्वरूप पाते हैं। आज की धर्मविधि में हम अपने को उनके समकालीन पाते हैं, हम भी आश्चर्य से भरे हृदय और मन को उन्हें सुनने हेतु खोलते हैं क्योंकि ये वे हैं जो कलीसिया में धर्मग्रंथों के माध्यम अपने बारे में कहते हैं।
येसु की वैश्विक प्रेरिताई
विश्वास के इस उत्साह से, हम प्राचीन भविष्यवाणी को स्वीकारने हेतु आमंत्रित किये जाते हैं जो येसु के हृदय से आती है जो हमारे लिए मसीह के पांच प्रेरितिक कार्यों की विशेषताओं पर चिंतन करने का आहृवान देती है। एक अद्वितीय प्रेरिताई क्योंकि केवल वे ही इसे पूरा कर सकते हैं, इस वैश्विक प्रेरिताई में वे हममें से हर किसी को शामिल करना चाहते हैं।
येसु का प्रथम कार्य
संत पापा फ्रांसिस ने कहा कि येसु का अभिषेक “गरीबों को सुसमाचार सुनाने के लिए हुआ।” यह “सुसमाचार” है शुभ संदेश जिसकी घोषणा येसु कहते हैं, “ईश्वर का राज्य निकट है।” जब ईश्वर राज्य करते तो हम सभी बचाये जाते हैं। ईश्वर अपने लोगों से मिलने आते हैं, वे दीन-दुखियों की चिंता करते हैं। सुसमाचार हमारे लिए करूणा का एक शब्द है। यह हमें प्रेम प्रदर्शित करने का आहृवान करता है, अपने पड़ोसियों के ऋणों को माफ करने और उदारता में दूसरों की सेवा करने को बुलाता है।
बंदियों का मुक्ति का संदेश, दूसरा
ख्रीस्त का दूसरा कार्य बंदियों को मुक्ति का संदेश देना है। बुराई के दिन खत्म होने को हैं क्योंकि भविष्य ईश्वर के हाथों में है। पवित्र आत्मा की शक्ति से येसु हमें ग्लानि और हृदय में व्याप्त सारी गुलामी से मुक्त करते हैं क्योंकि वे पिता की क्षमा को विश्व में लेकर आते हैं। सुसमाचार दया एक शब्द है जो हमें शांति, एकता और मेल-मिलाप के साक्षी बनने का निमंत्रण देता है।
अंधों को दृष्टि दान, तीसरा
येसु का तीसरा प्रेरिताई कार्य अंधों को दृष्टि दान है जिसके द्वारा वे अपनी भविष्यवाणी को पूरा करते हैं। मसीह हमारे हृदय की आंखों को खोलते हैं, जो बहुत बार शक्ति की चाह और व्यर्थ की चीजों में चकाचौध हो जाती हैं। वे हमारे लिए हृदय की बीमारी बनते हैं जिसके कारण हम ईश्वर की उपस्थिति को कमजोर और दुखियों में देखने हेतु असक्षम होते हैं। ईश्वर का वचन हमारे लिए एक ज्योति है जो हमें निरंतर अपने विश्वास का साक्ष्य देने हेतु बुलाता है।
गुलामी से मुक्ति, चौथा
येसु का चौथा कार्य गुलामों को मुक्त करना है। मसीह के कार्य को किसी तरह के बंधन नहीं रोक सकते हैं जो हमें अपने नाम में भाई-बहन बनाते हैं। सतावट और मृत्यु का दंश ईश्वर की दिव्य शक्ति के सामने खुल जाते हैं। सुसमाचार हमारे लिए स्वतंत्रता का वचन है जो हमें हृदय परिवर्तन, मन की एकता और परीक्षा में धैर्य बने रहने को बुलाता है।
ईश्वर के अनुग्रह का वर्ष, पांचवाँ
अंततः ईश्वर का पांचवाँ कार्य जिसके लिए वे भेजे गये “ईश्वर के अनुग्रह का वर्ष घोषित करना है।” वह साल एक नया युग है जो जीवन को नहीं निगलता बल्कि जीवन को पुनः स्थापित करता है। यह जंयती है और इस अर्थ में जिसे हम मनाते हैं हम अपने को आशा में निश्चित रुप में मुक्तिदाता ईश्वर से मिलन हेतु तैयार करता है। सुसमाचार हमारे लिए खुशी का शब्द है जो हमें एक दूसरे को स्वीकारने और मित्रता में बढ़ने को बुलाता है, जैसे कि हम ईश्वर के राज्य की ओर एक साथ यात्रा करते हैं।
येसु की भविष्यवाणी आज भी जारी है
संत पापा फ्रांसिस ने कहा कि इन पांच कार्यों के द्वारा येसु आज भी अपनी भविष्यवाणी को पूरा करते हैं। वे हमें गुलामी से मुक्त करते हैं। वे हमें कहते हैं कि ईश्वर हमारी द्ररिद्रता में हमारे निकट आते, वे हमें बुराई से छुटकारा दिलाते, हमारी आंखों को ज्योतिमय करते, उत्पीड़न के जुए को तोड़ते और हमारे समय में अपनी उपस्थिति के माध्यम आनंद लेकर आते हैं, वे हमारे संग चलते और हमें अनंत जीवन के लिए निर्देशित करते हैं। यह सच है कि वह मुक्ति जिसे वे हमारे लिए लाते हैं पूरी तरह अनुभव नहीं की जाती है। यद्यपि युद्ध, अन्याय, दुःख और मृत्यु हमारे लिए और हमारे इतिहास के लिए सदैव नहीं रहेंगे क्योंकि सुसमाचार हमारे लिए एक सजीव और एक निश्चित शब्द है जो हमें कभी निराश नहीं करता है।
पिता के प्रति कृतज्ञता
प्रिय भाइयो एवं बहनो, संत पापा फ्रांसिस ने कहा कि आज का रविवार मुख्य रुप से ईश्वर के वचन हेतु समर्पित है। हम पिता ईश्वर का धन्यवाद करें जिन्होंने अपने पुत्र के द्वारा हमें बोला है, उन्हें मानव के रुप में दुनिया की मुक्ति हेतु भेजा है। सम्पूर्ण धर्मग्रंथ जो पवित्र आत्मा की प्रेरणा से मानव द्वारा लिखा गया है हमें इस घटना की ओर इंगित करता है। धर्मग्रंथ हमें ख्रीस्त और उनके कार्यों के बारे में कहता है जिसे पवित्र आत्मा हमारे समय और जीवन के इतिहास में प्रस्तुत करते हैं। जब हम धर्मग्रंथ को पढ़ते और प्रार्थना करते हैं, तो हमें ईश्वर के बारे में सिर्फ ज्ञान नहीं मिलता बल्कि हम पवित्र आत्मा को प्राप्त करते हैं। इस भांति हमारा हृदय, विश्वास से प्रज्वलित आशा में उनके राज्य के आने की प्रतीक्षा करता है।
येसु के कार्य में सहभागी हों
हम उत्साह में येसु के वचनों का प्रत्युत्तर दें। क्योंकि उन्हें हमारे संग बहरे सुनने वाले के रुप में बातें नहीं की है लेकिन अपने साक्ष्यों से बातें करते हुए हमें उसे हर जगह घोषित करने को बुलाते हैं। हम द्रदिदों को सुसमाचार सुनाते के लिए अपने को समर्पित करें, बंदियों के लिए स्वतंत्रता और अंधों को दृष्टिदान की घोषणा करें, बोझ से दबे लोगों को मुक्त करें और ईश्वर के करूणा का वर्ष घोषित करें। ऐसा करने के द्वारा हम ईश्वर की योजना के अनुरूप विश्व में परिवर्तन लायेंगे, जिन्होंने इसे बनाया और अपने अभूतपूर्ण प्रेम में मुक्ति प्रदान करते हैं।
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