सूडान और कोलोम्बिया में शांति हेतु पोप की अपील
वाटिकन न्यूज
रविवार को देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने सूडान एवं दक्षिणी सूडान के लोगों के प्रति सहानुभूति प्रकट की। उन्होंने कहा, “सूडान में चल रहा संघर्ष, जो अप्रैल 2023 में शुरू हुआ था, दुनिया में सबसे गंभीर मानवीय संकट पैदा कर रहा है, जिसके खतरनाक परिणाम दक्षिण सूडान में भी देखने को मिल रहे हैं। मैं दोनों देशों के लोगों के करीब हूँ और मैं उन्हें भाईचारा और एकजुटता बनाये रखने एवं सभी प्रकार की हिंसा से बचने और खुद का शोषण न होने देने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ। मैं सूडान में युद्धरत पक्षों से अपनी अपील दोहराता हूँ कि वे शत्रुता समाप्त करें और बातचीत की मेज पर बैठने के लिए सहमत हों। मैं अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आग्रह करता हूँ कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करें कि आवश्यक मानवीय सहायता विस्थापितों तक पहुँचे और युद्धरत पक्षों को शांति के रास्ते खोजने में शीघ्र मदद मिले।”
कोलम्बिया के लोगों के लिए पोप की प्रार्थना
कोलम्बिया में हथियारबंद दो दलों के बीच चल रहे संघर्ष के कारण आम नागरिकों को मौत का शिकार होना पड़ रहा है। संत पापा ने उनके लिए प्रार्थना करते हुए कहा, “मैं कोलंबिया की स्थिति के बारे में चिंतित हूँ, खासकर कैटाटुम्बो क्षेत्र में, जहाँ सशस्त्र दलों के बीच संघर्ष के कारण नागरिकों को मौत का सामना करना पड़ा है और तीस हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। मैं उनके प्रति अपनी निकटता व्यक्त करता हूँ और उनके लिए प्रार्थना करता हूँ।”
26 जनवरी को विश्व कोष्ठ रोग दिवस मनाया जाता है। संत पापा ने उन लोगों को प्रोत्साहित किया जो इस बीमारी से पीड़ित लोगों की मदद के लिए काम करते हैं कि “वे अपनी प्रतिबद्धता जारी रखें, साथ ही जो ठीक हो गए हैं उन्हें समाज में फिर से शामिल होने में मदद करें। उन्हें हाशिए पर न रखा जाए!”
होलोकॉस्ट के पीड़ितों की याद
27 जनवरी को ऑशविट्ज़ यातना शिविर की मुक्ति के अस्सी वर्ष बाद, होलोकॉस्ट के पीड़ितों की याद में अंतर्राष्ट्रीय स्मृति दिवस मनाया जाएगा। उन वर्षों में लाखों यहूदियों और अन्य धर्मों के लोगों के विनाश की भयावाह घटना को न तो भुलाया जा सकता है और न ही नकारा जा सकता है। पोप ने हंगरी की कवि एडिथ ब्रुक की याद की, जो रोम में रहती हैं। जिन्होंने यह सब सहा है। संत पापा ने इटली के टेलीविजन कार्यक्रम के तेम्पो के फा में उन्होंने सुनने का प्रोत्साहन दिया।
उन्होंने यहूदी-विरोधी भावना दूर करने की अपील करते हुए आगे कहा, “हम अनेक शहीदों सहित अनेक ख्रीस्तीयों को भी याद करते हैं। मैं सभी से यहूदी-विरोधी भावना के अभिशाप को मिटाने में सहयोग करने की अपील दोहराता हूँ, साथ ही हर प्रकार के भेदभाव और धार्मिक उत्पीड़न को भी मिटाने में साथ देने की अपील करता हूँ। आइये, हम सब मिलकर एक अधिक भाईचारे वाली और अधिक न्यायपूर्ण दुनिया का निर्माण करें, युवाओं को भ्रातृत्व, क्षमा और शांति के तर्क में सभी के लिए दिल खोलने की शिक्षा दें।”
पोप का अभिवादन
उसके बाद संत पापा ने इटली तथा विश्वभर से आये सभी तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया। उन्होंने संचार जगत की जयन्ती के अवसर पर संचार से जुड़े सभी लोगों का अभिवादन किया। “मैं उन पत्रकारों और संचारकर्मियों का अभिवादन करता हूँ जिन्होंने इन दिनों अपनी जयंती मनाई है: मैं उनसे आग्रह करता हूँ कि वे सदैव आशा के वाहक बने रहें।”
तत्पश्चात् रोम के काथलिक ऐक्शन दल के युवाओं का अभिवादन किया जो विभिन्न पल्लियों और काथलिक स्कूलों से संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्रित थे। उन्होंने कहा, “आप "शांति के कारवां" के अंत में आए हैं, जिसके दौरान आपने अपने जीवन में येसु की उपस्थिति पर चिंतन किया, अपने साथियों को स्वागत और भाईचारे की सुंदरता का गवाह दिया।”
और अंत में अपने लिए प्रार्थना का आग्रह करते हुए संत पापा ने सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।
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