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संत पापा फ्रांसिस प्रभु प्रकाश के पर्व में संत पापा फ्रांसिस प्रभु प्रकाश के पर्व में  (ANSA)

संत पापाः ईश्वर हमें खोजने की पहल करते हैं

संत पापा फ्रांसिस ने प्रभु प्रकाश के महापर्व, अपने उपदेश में कहा कि ईश्वर ज्योति की तरह चमकते हुए स्वयं हमें खोजने की पहल करते हैं।

वाटिकन सिटी

संत पापा फ्रांसिस ने प्रभु प्रकाश महापर्व के अवसर पर रोम वाटिकन के संत पेत्रुस महागिरजाघर में यूखारिस्तीय बलिदान अर्पित किया।

हमने उनका तारा उदित होते देखा और उन्हें दंडवत करने आये हैं। ज्योतिषियों ने यह साक्ष्य येरुसालेम के निवासियों के लिए यह घोषित करते किया कि यहूदियों के राजा का जन्म हुआ है।

ज्योतिषियों ने इस बात का साक्ष्य दिया कि उन्होंने आकाश में एक तारा को उदित होते देखा और वे भिन्न दिशाओं से निकल पड़े। आशा की जयंती के इस वर्ष में, संत पापा संत मत्ती के सुसमाचार पर अपने प्रवचन में तीन बिन्दुओं चमक, सभों को दिखाई देना और मार्ग दिखाने पर प्रकाश डाला।

चमकीला तारा

चमकीले तारा पर अपना चिंतन प्रस्तुत करते हुए संत पापा फ्रांसिस ने कहा कि येसु के समय बहुत से राजा अपने को “चमकदार” मानते क्योंकि वे अपने को महत्वपूर्ण, शक्तिशाली और प्रसिद्ध समझते थे। यद्यपि ख्रीस्त जयंती के समय ज्योतिषियों को प्रकट हुई ज्योति कोई ऐसी ज्योति नहीं थी। उनकी कृत्रिम और ठंडी भव्यता, जो उनकी परियोजनाओ और शक्ति की चाह से उत्पन्न होती, उनके आवश्यकताओं को संतुष्ट नहीं करती थी, जो नवीनता और आशा की खोज करते थे। इसके बदले, वे एक दूसरे तरह की ज्योति से संतुष्ट थे, जो तारे के द्वारा चिन्हित रहा, जो अपने में चमकते हुए दूसरों को ज्योति और उत्साह प्रदान करता था। तारा हमारे लिए उस अद्वितीय ज्योति के बारे कहता है जो सभी लोगों को मुक्ति और खुशी का मार्ग प्रदर्शित करता है जो कि प्रेम है।

ज्योति ईश्वर का प्रेम

इससे भी बढ़कर, यह ज्योति ईश्वर का प्रेम है, जो हमारे लिए मानव बने और अपने को बलि अर्पित करते हुए हमें देते हैं। यह ज्योति, हमें अपने को दूसरों के लिए देने हेतु निमंत्रण देती है, जहाँ हम उनकी सहायता से दूसरों के लिए आशा की एक निशानी बनने को कहे जाते हैं यहाँ तक की अपने जीवन की घनी अंधेरी रातों में भी। क्या हममें आशा है जिससे हम अपने विश्वास के कारण दूसरों के लिए आशा की किरण बन सकें?

प्रेम से लोगों को येसु की ओर लायें

तारा अपनी चमक से ज्योतिषियों को बेतलेहेम की ओर ले चलता है। उसी भांति, हम अपने प्रेम से, उन लोगों को येसु की ओर ला सकते हैं जिन से हम मिलते हैं, हम उन्हें शरीरधारी ईश्वर के पुत्र में पिता के सुन्दर चेहरे को देखने में मदद कर सकते हैं, उनके प्रेम करने के तरीके, जहाँ हम निकटता, करूणा और कोमलता को पाते हैं। हम ईश्वर के इन रूपों को कभी न भूलें। हम इसे बिना किसी जटिलतम चीजों या तड़क भड़क माध्यमों के द्वारा बल्कि अपने हृदय को विश्वास से ज्योर्तिमय, उदारतापूर्ण स्वागत की निगाहों, भातृत्वमय शब्दों और कार्यों के द्वारा करते हैं जो हमारी सहृदयता और कोमलता को प्रस्तुत करता है।

ज्योतिषियों पर हमारा चिंतन करना इस भांति, अपनी आंखें आकाश की ओर तारे की खोज में उठाना  है, हम ईश्वर से निवेदन करें कि हम चमकती ज्योति बन सकें जो दूसरों को उनसे मिलन हेतु अग्रसर करते हों।

तारे की चमक सभों के लिए

दूसरे बिन्दु सभों को दिखाई देने पर अपने विचार व्यक्त करते हुए संत पापा फ्रांसिस ने कहा कि ज्योतिषिगण गुप्त बातों को नहीं समझ पा रहे थे लेकिन उन्होंने आशा में एक चमकीले तारे को देखा। उन्होंने उसे देखा वहीं दूसरे जैसे कि हेऱोद और सदूकियों को उसकी भनक तक नहीं लगी। फिर भी, तारा सदैव वहाँ है, वह उनके लिए दिखाई देता है जो अपनी निगाहें आकाश की ओर, आशा की निशानी की खोज में उठाते हैं। क्या मैं दूसरों के लिए आशा की निशानी हूँ?

येसु हमारी खोज हेतु पहल करते हैं

यह अपने में एक महत्वपूर्ण संदेश वहन करता है। ईश्वर अपने को किसी खास दल या कुछेक चुने लोगों को प्रकट नहीं करते हैं, वे अपना सहचर्य प्रदान और दिशा-निर्देश उन्हें देते हैं जो एक सच्चे हृदय से उनकी खोज करते हैं। वास्तव में, वे हमारे सवालों को हमसे पहले लाते हैं वे हमारे कहने से पहले हमें खोजने आते हैं। यही कारण है, येसु जन्म के दृश्य में हम ज्योतिषयों को सारी विशेषताओं, उम्र और देशों- एक युवा, एक व्यस्क और एक बुजुर्ग के रुप में पाते हैं, जो पृथ्वी के विभिन्न लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम ऐसा इसलिए करते हैं जिससे हम अपने को इस बात की याद दिला सकें कि ईश्वर हममें से हरएक को सदैव खोजते हैं।

इन बातों पर चिंतन हमारे लिए अच्छा है, एक समय जहाँ व्यक्तिगत रूप में और देशों के रुप में हम शाक्तिशाली संचार माध्यमों को पाते हैं और फिर भी ऐसा प्रतीत होता है मानो हम समझने, स्वीकारने और दूसरों की विभिन्न से मिलन को कम तैयार हैं।

अलगाव की चीजों का त्याग करें

तारा जो आकाशा में चमकता और सबों को रोशनी प्रदान करता हमें इस बात की याद दिलाता है कि ईश्वर इस दुनिया में हर एक नर और नारी से मिलने आते हैं, चाहे वह किसी भी समुदाय, भाषा या जाति का क्यों न हो, और वे हम सभों को वही प्रेरिताई प्रदान करते हैं। दूसरे शब्दों में, ईश्वर हमें उन चीजों का परित्याग करने को कहते हैं जो भेदभाव या अलगाव उत्पन्न करता है, इसके विपरीत वे हमें समुदाय और पड़ोस में एक स्वागत की मजबूत संस्कृति को बढ़ावा देने को कहते हैं जहाँ लोगों के मध्य से भय के संकीर्ण स्थल और परित्याग के भाव- मिलन के खुले स्थल, एकता और जीवन साझा, सुरक्षित रहने के स्थल बनें जहाँ हर किसी को पनाह और स्वीकृति का एहसास होता हो।

ईश्वर किसी का परित्याग नहीं करते हैं

तारा आकाश में है इसलिए नहीं क्योंकि वह हमारी पहुंच से परे हो, बल्कि वह हम सभों के लिए दिखाई दे, जिससे वह सभों के घर में पहुंच सकें और बाधाओं को तोड़ते हुए सुदूर और पृथ्वी के भूले हुए जगहों में आशा उत्पन्न कर सके। आकाश से यह सभों को बता सकें, अपनी उदारतामय ज्योति द्वारा कि ईश्वर किसी को अस्वीकार या नहीं भूलते हैं। क्योंकि वे एक पिता हैं जिनकी महानतम खुशी अपनी संतानों के घर वापसी में है, जहाँ वे विश्व के सभी देशों से जमा होते हैं। वे अपनी संतानों को सेतु निर्माण करते हुए देखते, मार्ग की सफाई, खोये हुए को खोजते और चल नहीं सकने वालों को कंधे में ढ़ोकर लाये जाने से खुश होते हैं, जिससे कोई भी पीछे न छूटे और पिता के निवास में सभी आनंद के भागीदार हो सकें।

यह तारा हमें ईश्वर के उस स्वप्न के बारे में बताता है कि हर जगह के पुरुष और महिलाएं, अपनी समृद्ध विविधता के साथ, एक साथ मिलकर एक परिवार बनाएंगे, वे समृद्धि और शांति में सामंजस्यपूर्ण ढंग से रह सकेंगे।

संत पापाः प्रभु प्रकाश पर्व का मिस्सा

मार्ग इंगित

संत पापा ने मार्ग इंगित करने पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण बात को प्रकट करता है विशेषकर जयंती वर्ष के संदर्भ में जिसका एक मुख्य बिन्दु यात्रा करना है।

तारे की ज्योति हमें अपनी आंतरिक यात्रा करने को निमंत्रण देता है जैसे कि पापा संत जोन पौल द्वितीय ने लिखा, अपने हृदय को उन सारी बातों से मुक्त करें जो प्रेममय नहीं है जिससे हम ईश्वर से पूरी तरह मिल सकें, उन पर अपना विश्वास प्रकट कर सकें और प्रचुरता में उनकी करूणा प्राप्त कर सकें।

एक साथ चलना

संत पापा ने कहा कि एक साथ चलना “परांपरिक रुप में मानवीय जीवन की खोज के अर्थ से जुड़ा है”। तारे को देखते हुए, हम नर और नारियों के रुप में अपने समर्पण “मार्ग” को नवीन कर सकते है, जैसे की ख्रीस्तीय प्रथम सदी में कहे जाते थे।

इस भांति, ईश्वर हमें वह ज्योति बनाये जो दूसरों को उनकी ओर लाता हो, हमें मरियम की तरह उदार बनायें, हम खुले रुप में एक दूसरे का स्वागत करते हुए नम्रता में एक साथ चले, जिससे हम उनसे मिल सकें, उन्हें पहचान सकें और उनकी आराधना कर सकें। उनके द्वारा नवीन, हम दुनिया में उनके प्रेम की ज्योति प्रसारित कर सकें।

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06 जनवरी 2025, 15:40
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