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संत पापा फ्रांसिस संत पेत्रुस महागिरजाघऱ के प्रांगण में  एकत्रित समुदाय का अभिवादन करते हुए संत पापा फ्रांसिस संत पेत्रुस महागिरजाघऱ के प्रांगण में एकत्रित समुदाय का अभिवादन करते हुए 

संत पापा: हम चरवाहों और ज्योतिषियों की तरह येसु को खोजें और पहचानें

संत संत पापा फ्राँसिस ने 06 जनवरी प्रभु प्रकाश के पर्व के दिन देवदूत प्रार्थना के पूर्व दिये गये संदेश में ज्योतिषियों का अनुकरण करने, यूखारिस्त में, गरीबों में, परित्यक्तों में, कैदियों में, हमारे करीब येसु को पहचानने में सक्षम होने और उन लोगों के लिए आशा का प्रतीक बनने का आहृवान किया।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, सोमवार 6 जनवरी 2025 : 06 जनवरी प्रभु प्रकाश के पर्व के अवसर पर देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पापा फ्राँसिस ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में उपस्थित सभी विश्वासियों और तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया।

संत पापा ने कहा कि आज कलीसिया येसु के प्रकट होने का जश्न मनाती है और आज का सुसमाचार ज्योतिषियों पर केंद्रित है, जो एक लंबी यात्रा के अंत में तारे के मार्गदर्शन में यहूदियों के राजा की पूजा अर्चना करने के लिए येरूसालेम पहुँचते हैं।

दूर देशों के ज्योतिषि

अगर हम ध्यान दें, तो हम कुछ अजीब बात पाएंगे: दूर देशों से ये ज्योतिषि येसु को खोजने आते हैं, जबकि जो लोग पास में हैं वे बेथलेहम में गुफा की ओर एक कदम भी नहीं बढ़ाते। तारे द्वारा आकर्षित और निर्देशित, ज्योतिषि भारी खर्च का सामना करते हैं, अपना समय देते हैं और उन जोखिमों और अनिश्चितताओं को स्वीकार करते हैं जिनकी उस समय कोई कमी नहीं थी। और फिर भी वे राजा मसीह को देखने के लिए हर कठिनाई को पार करते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि मानवता के इतिहास में कुछ अनोखा हो रहा है और वे इस घटना को खोना नहीं करना चाहते हैं।

संत पेत्रुस प्रांगण में विश्वासीगण
संत पेत्रुस प्रांगण में विश्वासीगण   (ANSA)

इसके बजाय, जो लोग येरूसालेम में रहते हैं, जिन्हें बहुत खुश होना चाहिए और सबसे जल्दी वहाँ पहुँचना चाहिए, पर वे चुपचाप बैठे रहते हैं। पुरोहित और धर्मशास्त्री पवित्र शास्त्रों की सही व्याख्या करते हैं और ज्योतिषियों को मसीह को खोजने का दिशा-निर्देश देते हैं, लेकिन वे अपनी “कुर्सी” से नहीं हिलते। उनके पास जो कुछ है, उससे वे संतुष्ट हैं और वे खोज में नहीं जाते; उन्हें येरूसालेम जाना,  या ज्योतिषियों के साथ बेथलेहम जाना, चाहे कुछ तर्कसंगत नहीं लगता, चाहे वह कुछ किलोमीटर की ही दूरी क्यों न हो।

आज हम किस श्रेणी में आते हैं

संत पापा ने कहा कि यह तथ्य, हमें चिंतन करने के लिए बाध्य करता है और एक निश्चित अर्थ में हमें उत्तेजित करता है, क्योंकि यह प्रश्न उठाता है: आज हम किस श्रेणी में आते हैं? क्या हम चरवाहों के समान हैं, जो उसी रात को गुफा की ओर जल्दी से चले जाते हैं, और पूर्व से आए ज्योतिषी, जो मनुष्य बने ईश्वर के पुत्र की खोज में आत्मविश्वास से निकल पड़ते हैं। एक कहानी के अनुसार, चौथा ज्योतिषि येरुसालेम में देर से आता है, ठीक उसी समय जब येसु को क्रूस पर चढ़ाया गया था - यह एक सुंदर कहानी है; यह ऐतिहासिक नहीं है - क्योंकि वह जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए रास्ते में रुका था और उन्हें येसु के लिए लाए गए कीमती उपहार दिए थे। अंत में, एक बूढ़ा आदमी आया और उससे कहा: "मैं तुमसे सच कहता हूँ, जो कुछ तुमने अपने छोटे से छोटे भाई के लिए किया है, वह तुमने मेरे लिए किया है।" प्रभु सब कुछ जानते हैं जो हमने दूसरों के लिए किया है।

संत पापा ने कहा, “आइए हम कुंवारी मरिया से हमारी सहायता करने के लिए कहें ताकि हम चरवाहों और ज्योतिषियों का अनुकरण करते हुए, यूखारिस्त में, गरीबों में, परित्यक्तों में, कैदियों में, हमारे करीब येसु को पहचानने में सक्षम हो सकें और, अपने समय और अपनी शक्ति का थोड़ा सा हिस्सा ईश्वर और पड़ोसियों को अर्पित करके, हम सांत्वना देकर सांत्वना पा सकें, हम राहत देकर राहत पा सकें और हम उन लोगों के लिए आशा का प्रतीक बनकर अपने अस्तित्व में अर्थ पा सकें जिनसे हम मिलते हैं।

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06 जनवरी 2025, 16:05
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