खोज

Cookie Policy
The portal Vatican News uses technical or similar cookies to make navigation easier and guarantee the use of the services. Furthermore, technical and analysis cookies from third parties may be used. If you want to know more click here. By closing this banner you consent to the use of cookies.
I AGREE
हिन्दी क्रार्यक्रम
सूची पोडकास्ट
इतालवी सेना के रसद दल के लगभग 400 सैनिकों से मिलते संत पापा फ्राँसिस इतालवी सेना के रसद दल के लगभग 400 सैनिकों से मिलते संत पापा फ्राँसिस   (VATICAN MEDIA Divisione Foto)

पोप का मानवीय आपात स्थिति में सहायता के लिए इतालवी सेना को धन्यवाद

इतालवी सेना के रसद दल के लगभग 400 सैनिकों को संबोधित करते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने मानवीय आपात स्थितियों में उनके समर्पित कार्यों पर प्रकाश डाला, जो जरूरतमंदों की सेवा के लिए ख्रीस्त के मिशन और उनके संरक्षक संत क्रिस्टोफर के साहस का प्रतीक है।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 7 नवम्बर 2024 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार को इतालवी सेना के परिवहन और सामग्री ईकाई के अधिकारियों और सैन्यकर्मियों से मुलाकात की, जो 1954 में संत क्रिस्टोफर को संरक्षक संत घोषित किए जाने की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।

साहस और सेवा

वाटिकन के क्लेमेंटीन सभागार में उनका स्वागत करते हुए, पोप फ्रांसिस ने साहस और सेवा के प्रतीक इस शहीद संत को चुनने के लिए सैन्यकर्मियों की प्रशंसा की, और अपने पेशे को मजबूत नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों में सुदृढ़ करने के महत्व पर टिप्पणी की, खासकर, इसलिए क्योंकि उनके काम में अक्सर लोगों की जान बचाना और उनका समर्थन करना शामिल होता है।

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि संत क्रिस्टोफर को अपना संरक्षक बनाना उनके कठिन कर्तव्यों में ईश्वरीय मार्गदर्शन और अनुग्रह की आवश्यकता की याद दिलाता है और यह मानवीय गरिमा पर ध्यान केंद्रित करने, कमजोर लोगों की रक्षा करने और निःस्वार्थ भाव से कार्य करने की प्रतिबद्धता है, चाहे शांति के समय, प्राकृतिक आपदाओं के दौरान या स्वास्थ्य संकटों के बीच।

संत पापा ने कहा, "अपने संरक्षक का सम्मान करने का अर्थ है यह जानना कि हम सर्वशक्तिमान नहीं हैं, कि सब कुछ हमारे हाथ में नहीं है, और हमें ईश्वर के आशीर्वाद की आवश्यकता है।"

शांतिनिर्माण मिशन, प्राकृतिक आपदा और स्वास्थ्य संकट में सेवा देना

पोप ने भूकंप, बाढ़ और कोविड-19 महामारी जैसी आपात स्थितियों में इतालवी सैन्य दल की समर्पित सेवा की सराहना की, जिसमें आवश्यक बुनियादी ढाँचा स्थापित करना, रसद सहायता प्रदान करना और टीकों जैसे महत्वपूर्ण संसाधनों का वितरण करना शामिल है।

उन्होंने उनके अंतर्राष्ट्रीय शांति प्रयासों की भी सराहना की, जिसमें वे सैन्य और मानवीय उद्देश्यों के लिए सामग्री का परिवहन करते हैं।

‘सेवा एक सम्मान प्रदान करता है’

पोप ने कहा, "इन सभी गतिविधियों के सटीक, सुव्यवस्थित और निरंतर निष्पादन का एक विशिष्ट नाम है: सेवा"। "इसमें आम भलाई के लिए खुद को उपलब्ध करना, प्रयास और ऊर्जा को बर्बाद न करना, कार्य को पूरा करने के लिए खतरों से दूर न भागना शामिल है, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर मानव जीवन को बचाया जाता है और व्यक्ति की खुद की सुरक्षा को जोखिम में डालना पड़ता है।" "सेवा, सेवा करना और सेवा हमें गरिमा प्रदान करती है। आपकी गरिमा क्या है? मैं एक सेवक हूँ: यही महान प्रतिष्ठा है!"

इस संबंध में संत पापा ने गौर किया कि सक्रिय सेवा देने के बाद कई लोग समुदाय को एक स्वयंसेवक के रूप में मदद देना जारी रखते हैं, अतः उन्होंने आजीवन मूल्य के रूप में सेवा के प्रति प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।

क्रिस्टोफर का अर्थ “ख्रीस्तधारी” की याद करते हुए पोप ने टिप्पणी की कि ज़रूरतमंदों की सहायता करने और उन्हें बचाने के लिए उनका समर्पण ख्रीस्त की सेवा और सहायता के मिशन को दर्शाता है। उन्होंने सैन्य दल को उनके नेक काम में लगे रहने के लिए उनके संरक्षक संत के आशीर्वाद का आह्वान करते हुए ईश्वर की सुरक्षा और मार्गदर्शन के लिए प्रार्थना के साथ अपना भाषण समाप्त किया।  

 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

07 नवंबर 2024, 16:24
Prev
April 2025
SuMoTuWeThFrSa
  12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
27282930   
Next
May 2025
SuMoTuWeThFrSa
    123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031