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पापुआ न्यू गिनी में संत पापा फ्राँसिस का ख्रीस्तयाग पापुआ न्यू गिनी में संत पापा फ्राँसिस का ख्रीस्तयाग   (AFP or licensors)

पापुआ न्यू गिनी में ख्रीस्तयाग : पोप का उपदेश

पापुआ न्यू गिनी, रविवार, 8 सितंबर 2024 (रेई) : पापुआ न्यू गिनी में अपनी प्रेरितिक यात्रा के दूसरे दिन रविवार को संत पापा फ्राँसिस ने पोट मोरेस्बी के सर जॉन गुईजे स्टेडियम में करीब 35,000 विश्वासियों के साथ ख्रीस्तयाग अर्पित किया।

उन्होंने उपदेश में कहा, “आज प्रभु ने हमसे जो पहले शब्द कहे हैं, वे हैं, “ढारस रखो, डरो मत!” (इसा. 35:4) नबी इसायस इन्हीं शब्दों के साथ उन लोगों को संबोधित करते हैं जिन्होंने हिम्मत खो दी थी। वे इसी तरह अपने लोगों को प्रोत्साहित करते हैं और कठिनाइयों एवं पीड़ाओं के बीच भी, उन्हें आशा के क्षितिज और भविष्य की ओर अपनी आँखें उठाने के लिए आमंत्रित करते हैं जहाँ ईश्वर हमें बचाने के लिए आ रहा है। क्योंकि प्रभु निश्चित रूप से आएंगे, और उस दिन, "अंधों की आंखें देखने और बहरों के कान सुनने लगेंगे।"(इसा. 35:5)

संत पापा ने कहा, ये भविष्यवाणी येसु में पूरी होती है। वे मसीहा हैं जिसे पिता ने इसलिए भेजा ताकि निराश लोगों को ढारस मिले, पापियों को क्षमा मिले, अंधे को दृष्टि मिले और बहरे सुन सकें। इस संबंध में, आज का सुसमाचार हमें एक बहरे व्यक्ति के ठीक होने के बारे में बताता है जो बोल नहीं सकता था। (मार. 7:31-37) संत मारकुस रचित सुसमाचार पाठ में दो बातों पर विशेष रूप से जोर दिया गया है: बहरे व्यक्ति की दूरी और येसु की निकटता। आइए हम इन दो महत्वपूर्ण विशेषताओं पर चिंतन करें।

पापुआ न्यू गिनी में ख्रीस्तयाग
पापुआ न्यू गिनी में ख्रीस्तयाग   (REUTERS)

बहरे व्यक्ति की दूरी

हम उसे एक भौगोलिक क्षेत्र में देखते हैं जिसे हम आज की भाषा में “परिधि” कहेंगे। डेकापोलिस का क्षेत्र जॉर्डन के पार, येरूसालेम के धार्मिक केंद्र से बहुत दूर है। यह गैर यहूदियों का निवास स्थान था और उनके रीति-रिवाजों के कारण, इसे एक अशुद्ध क्षेत्र माना जाता था, जो ईश्वर से बहुत दूर था। इसके अलावा, यह बहरा व्यक्ति एक और तरह की दूरी का भी अनुभव करता है: वह ईश्वर और दूसरों से दूर है क्योंकि वह बात नहीं कर सकता, वह बहरा है इसलिए सुनने में असमर्थ है, और गूंगा भी है और इसलिए बोल नहीं सकता है। वह दुनिया से कटा हुआ है, अलग-थलग है, वह अपनी बहरी और गूंगी स्थिति का गुलाम है, इसलिए दूसरों तक नहीं पहुँच सकता या उनसे संवाद नहीं कर सकता।

हम उस व्यक्ति की स्थिति को दूसरे तरह से भी समझ सकते हैं, क्योंकि हम भी ईश्वर और अपने भाई-बहनों के साथ संगति और मित्रता से कट जाते हैं, जब हमारे कान और जीभ के बजाय, हमारे हृदय अवरुद्ध हो जाते हैं। वास्तव में, जब कभी हम अपने आप को बंद कर लेते हैं या स्वार्थ, उदासीनता, जोखिम उठाने या खुद को जोखिम में डालने के डर, नाराजगी, घृणा और इस तरह की अन्य बातों के कारण खुद को ईश्वर और दूसरों से दूर कर लेते हैं, तो हमारे दिल में एक तरह का आंतरिक बहरापन और गूंगापन आ जाता है। और यह हमें ईश्वर से, हमारे भाइयों और बहनों से, खुद से और जीने के आनंद से दूर कर देता है।

येसु की निकटता

संत पापा ने कहा, “भाइयो एवं बहनो, ईश्वर इस दूरी का जवाब येसु की निकटता से देते हैं। अपने पुत्र के माध्यम से, ईश्वर हमें सबसे पहले यह दिखाना चाहते हैं कि वे निकट और दयालु हैं, वे हमारी परवाह करते हैं और किसी भी दूरी को पार कर सकते हैं। सुसमाचार पाठ में हम येसु को बाहरी क्षेत्रों में जाते हुए देखते हैं, अपने धार्मिक क्षेत्र यहूदिया को छोड़कर, गैर-यहूदी लोगों से मिलने के लिए ( मारकुस 7:31)। इस तरह, येसु दूरियों को कम करते हैं, दूर माने जानेवाले लोगों को करीब लाते हैं, और खुद को उन लोगों से परिचित कराते हैं जिन्हें अजनबी माना जाता है। इसके अलावा, जब वे बहरे व्यक्ति को उसके पास लाते हैं, तो पाठ कहता है कि प्रभु ने "अपनी उंगलियाँ उसके कानों में डालीं, और उसने थूका और उसकी जीभ को छुआ।" (पद 33)।

इस प्रकार, प्रभु अशुद्ध व्यक्ति को छूते हैं, और ऐसा करके वे एक संबंध स्थापित करते हैं, दूरी को पाटकर खुद को उसके करीब लाते हैं। यह येसु की निकटता है, जो हमारे जीवन को छूने और हर दूरी को मिटाने के लिए आते हैं। जैसा कि संत पॉल कहते हैं, अपने आगमन से येसु ने उन लोगों के लिए शांति की घोषणा की जो दूर थे (एफिसियों 2:17)।

पापुआ न्यू गिनी में ख्रीस्तयाग
पापुआ न्यू गिनी में ख्रीस्तयाग   (AFP or licensors)

येसु मानवीय गूंगापन और बहरेपन को ठीक करते हैं

अपनी निकटता के माध्यम से, येसु मानवीय गूंगापन और बहरेपन को ठीक करते हैं। वास्तव में, जब कभी हम दूरी महसूस, या हम खुद को ईश्वर से, अपने भाइयों एवं बहनों से या उन लोगों से दूर रखना चाहते हैं जो हमसे अलग हैं, तो हम खुद को बंद कर लेते हैं, खुद को बाहरी दुनिया से अलग कर लेते हैं। हम अंततः अपने अहंकार के इर्द-गिर्द ही घूमते रहते हैं, ईश्वर के वचन और अपने पड़ोसी की पुकार के प्रति बहरे हो जाते हैं, और इसलिए ईश्वर या अपने पड़ोसी से बात करने में असमर्थ हो जाते हैं। हालाँकि, येसु हमारे पास आते और बहरे व्यक्ति की तरह हमसे कहते हैं, "इफ्फता", यानी, "खुल जा" (मरकुस 7:34)। जी हाँ, क्योंकि यीशु हमारे हृदय की कठोरता पर विजय पाते हैं, हमें अपने भय पर विजय पाने, अपने कान खोलने और अपनी जीभ को खोलने में सहायता करते हैं; इस प्रकार, हम अपने आपको ईश्वर के प्रिय बच्चों के रूप में तथा एक दूसरे के भाई-बहन के रूप में पुनः खोजते हैं।

संत पापा ने कहा, भाइयो और बहनो, आप जो प्रशांत महासागर में इस बड़े द्वीप पर रहते हैं, आपने कभी-कभी खुद को दुनिया के किनारे स्थित एक दूरवर्ती और अलग देश के रूप में सोचा होगा। शायद, आपने कुछ कारणों से कभी-कभी ईश्वर और सुसमाचार से दूरी महसूस की होगी, या एक-दूसरे से बात करने में असमर्थ रहे होंगे।

फिर भी, जैसा कि उन्होंने बहरे व्यक्ति के साथ किया था, आज प्रभु आपके करीब आना चाहते हैं, दूरियाँ मिटाना चाहते हें, आपको बताना चाहतें हैं कि आप उनके हृदय के केंद्र में हैं और आप में से प्रत्येक उनके लिए महत्वपूर्ण है। वे आपके बहरेपन और गूंगेपन को ठीक करना चाहते हैं।

पापुआ न्यू गिनी में ख्रीस्तीयाग
पापुआ न्यू गिनी में ख्रीस्तीयाग   (AFP or licensors)

खुद को ईश्वर और अपने भाई-बहनों के लिए खोलें

वे आज आप में से हर एक से कह रहे हैं, "खुले रहे"! सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम खुद को ईश्वर और अपने भाई-बहनों के लिए खोलें, सुसमाचार के लिए खोलें, इसे अपने जीवन का दिशासूचक बनाएँ। हम अंधे भाग्य के हाथों में नहीं हैं, और बुराई एवं जादू टोना हमारे जीवन को सकारात्मक तरीके से नहीं बदलते! आइए हम इन सभी को "नहीं" कहें, क्योंकि ये हमें झूठ और डर में बंद कर देते हैं! इसके बजाय, आइए हम खुद को ईश्वर और उनके वचन, सुसमाचार और कलीसिया के विश्वास के लिए खोलें। इस तरह, हम एक दूसरे के साथ संवाद करने में भी सक्षम होंगे और पापुआ न्यू गिनी में भी एक अलग समाज का निर्माण कर सकेंगे।

संत पापा ने पापुआ न्यू गिनी के विश्वासियों से कहा, “आज, प्रभु आपसे यह भी कहते हैं, "पापुआ न्यू गिनी के लोगों, ढारस रखो, डरो मत! अपने आप को खोलो! सुसमाचार के आनंद के लिए खुद को खोलो; ईश्वर से मिलने के लिए अपने आप को खोलो; अपने भाइयों और बहनों के प्यार के लिए अपने आप को खोलो।" हममें से कोई भी इस आमंत्रण के आगे बहरा या गूंगा न रहे।

धन्य जॉन माज़ुकोनी इस यात्रा में आपके साथ रहें, क्योंकि बहुत कठिनाई और शत्रुता के बीच उन्होंने ख्रीस्त को आपके बीच लाया, ताकि कोई भी उद्धार के आनन्दमय संदेश के आगे बहरा न रहे, और सभी अपनी जीभ खोलकर ईश्वर के प्रेम का गान कर सकें। आज आपके लिए भी ऐसा ही हो!

पापुआ न्यू गिनी में ख्रीस्तयाग
पापुआ न्यू गिनी में ख्रीस्तयाग   (AFP or licensors)

देवदूत प्रार्थना के साथ धन्य कुँवारी मरियम की याद

पवित्र मिस्सा के अंत में देवदूत प्रार्थना के पूर्व पोर्ट मोरेस्बी के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल जॉन मैथ्यू रिबट, एम.एस.सी.ने विश्वासियों की ओर से पोप को धन्यवाद दिया। उसके बाद संत पापा ने पापुआ न्यू गिनी की कलीसिया को एक उपहार भेंट किया। बदले में पापुआ न्यू गिनी के विश्वासियों ने भी संत पापा का अपना उपहार भेंट किया।

तत्पश्चात संत पापा ने कहा, “प्रिय भाइयों और बहनों, इस समारोह को समाप्त करने से पहले, आइए हम देवदूत प्रार्थना के साथ धन्य कुँवारी मरियम की याद करें। मैं उन्हें पापुआ न्यू गिनी और सोलोमन द्वीप में कलीसिया की यात्रा सौंपता हूँ। ख्रीस्तीयों की सहायिका कुँवारी मरियम, मरिया हेल्पिम, आपका साथ दें और हमेशा आपकी रक्षा करें। वे परिवारों की एकता को मजबूत करेँ, युवाओं के सपनों को सुंदर और साहसी बनाए, बुजुर्गों को सहारा और ढारस दे, बीमारों और पीड़ितों को सांत्वना प्रदान करें!

सृष्टिकर्ता द्वारा आशीर्वाद प्राप्त इस भूमि से, मैं आप सभी के साथ, अति पवित्र मरियम की मध्यस्थता द्वारा, सभी लोगों के लिए शांति की कृपा याचना करता हूँ। मैं यह विशेष रूप से दुनिया के इस महान क्षेत्र, एशिया, ओशिनिया और प्रशांत महासागर के लिए माँगता हूँ। शांति, राष्ट्रों के लिए शांति और सृष्टि के लिए भी। हमारे आम घर के पुनः शस्त्रीकरण और शोषण के लिए नहीं! लोगों और संस्कृतियों के बीच मुठभेड़ के लिए हाँ, प्राणियों के साथ पुरुषों और महिलाओं के सामंजस्य के लिए हाँ! शांति की रानी मरिया हेल्पिम, हमें ईश्वर की योजनाओं में परिवर्तित होने में मदद करें, जो महान मानव परिवार के लिए शांति और न्याय की योजनाएँ हैं!

 

     

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08 सितंबर 2024, 14:46
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