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संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस 

आमदर्शन समारोह : शैतान के धोखे से, येसु हमारी रक्षा करते हैं

बुधवार को साप्ताहिक आमदर्शन समारोह के दौरान, संत पापा फ्राँसिस ने पवित्र आत्मा पर अपनी धर्मशिक्षा श्रृंखला जारी रखते हुए याद दिलाया कि शैतान द्वारा विचलित करने और प्रलोभन देने का प्रयास करने के बावजूद, प्रभु हमें उसकी चालाकी और धोखे से मुक्त होने में सक्षम बनाते हैं।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, बुधवार, 25 सितंबर 2024 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने अपने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर, वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्रित सभी विश्वासियों और तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हुए कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

उन्होंने अपनी धर्मशिक्षा माला में संत लूकस रचित सुसमाचार पाठ के उस अंश पर चिंतन किया जहाँ पवित्र आत्मा येसु को एक निर्जन प्रदेश में ले जाते हैं और शैतान उनकी परीक्षा लेता है।

संत पापा ने कहा, “यर्दन नदी में बपतिस्मा के तुरन्त बाद, येसु पवित्र आत्मा द्वारा निर्जन प्रदेश ले जाये गये जिससे शैतान उनकी परीक्षा ले ले।” (मती. 4,1)

येसु पवित्र आत्मा की प्रेरणा से संचालित

उन्होंने कहा, “पहल शैतान की नहीं, बल्कि ईश्वर की है। निर्जन प्रदेश में जाकर, येसु पवित्र आत्मा की प्रेरणा से संचालित होते हैं, वे दुश्मन के जाल में नहीं फँसते। और लिखा है कि एक बार जब वे परीक्षा को पार कर लिये तब "पवित्र आत्मा की शक्ति के साथ" गलील लौट आये। (लूक. 4,14)

येसु ने, निर्जन प्रदेश में, स्वयं को शैतान से मुक्त किया और अब वे हमें शैतान से मुक्त कर सकते हैं। इसी बात को सुसमाचार लेखक लोगों की मुक्ति की अनगिनत कहानियों से उजागर करते हैं। येसु अपने विरोधियों से कहते हैं: "यदि मैं ईश्वर की आत्मा के द्वारा दुष्टात्माओं को निकालता हूँ, तो ईश्वर का राज्य तुम्हारे बीच आ गया है।" (मती. 12,27) और येसु ईश्वर के राज्य की आकांक्षा से अपदूतों को बाहर निकालते हैं।

शैतान से कभी बातचीत न करें

आज हम शैतान के संबंध में एक अजीब घटना देखते हैं। एक निश्चित सांस्कृतिक स्तर पर, यह माना जाता है कि इसका अस्तित्व ही नहीं है। यह सामूहिक अचेतन या अलगाव का प्रतीक है, संक्षेप में, एक रूपक। लेकिन "शैतान की सबसे बड़ी चालाकी लोगों को यह विश्वास दिलाना है कि उसका अस्तित्व नहीं है", जैसा कि किसी ने लिखा है,  वह चालाक है: वह हमें विश्वास दिलाता है कि उसका अस्तित्व ही नहीं है और इस तरह वह हर चीज पर हावी हो जाता है। हमारी तकनीकी और धर्मनिरपेक्ष दुनिया जादूगरों, तंत्र-मंत्र, अध्यात्मवाद, ज्योतिषियों, चालान और ताबीज बेचनेवालों एवं दुर्भाग्य से वास्तविक शैतानी संप्रदायों से भरी है। दरवाज़े से बाहर निकाले जाने के बाद, शैतान, खिड़की के माध्यम से लौट आ सकता है। विश्वास द्वारा भगाये जाने पर, वह अंधविश्वास के साथ लौटता है। संत पापा ने कहा, “और यदि आप अंधविश्वासी हैं, तो आप अनजाने में शैतान से बातचीत कर रहे हैं।” उन्होंने सचेत करते हुए कहा, “शैतान के साथ कोई संवाद न करें।”

शैतान के अस्तित्व का सबसे मजबूत सबूत पापियों या ग्रसित लोगों में नहीं, बल्कि संतों में पाया जाता है! यह सच है कि शैतान मौजूद है और बुराई एवं दुष्टता के चरम और "अमानवीय" रूपों में काम कर रहा है जो हम अपने चारों ओर देखते हैं।

इस तरह, हालांकि, व्यक्तिगत मामलों में, इस निश्चितता पर पहुंचना व्यावहारिक रूप से असंभव है कि यह वास्तव में वही है, हम अच्छी तरह नहीं जान सकते कि उसका काम कहाँ समाप्त होता और हमारी बुराई कहाँ शुरू होती है। इसलिए कलीसिया अपदूत निकालने की प्रक्रिया में बहुत विवेकपूर्ण और सख्त होती है। दुर्भाग्य से, कुछ फिल्मों में जो होता है, उसके विपरीत!

संतों के जीवन में संघर्ष

यह संतों के जीवन में भी होता है, शैतान को खुले में आने के लिए, "प्रकाश के विरुद्ध" खड़े होने के लिए मजबूर किया जाता है। लगभग, सभी संत, सभी महान विश्वासी, इस अंधेरी वास्तविकता के साथ अपने संघर्ष की गवाही देते हैं, और यह ईमानदारी से कल्पना नहीं किया जा सकता कि वे सभी अपने समय के पूर्वाग्रहों से भ्रमित या उसके शिकार थे।

बुराई की आत्मा के विरुद्ध लड़ाई वैसे ही जीती जाती है जैसे येसु ने निर्जन प्रदेश में जीती थी: ईश्वर के वचन से उन्होंने शैतान को जीता। संत पापा ने गौर किया कि येसु ने शैतान से कभी बातचीत नहीं की या तो उसे भगा दिया, या उसकी निंदा की, लेकिन कभी बात नहीं की।

संत पापा ने कहा, “भाइयो एवं बहनो, शैतान से कभी बातचीत न करें; जब वह प्रलोभनों के साथ आता है”, तो “रुकें।” अपना हृदय प्रभु की ओर उठाएँ, हमारी माता मरियम से प्रार्थना करें और उसे दूर भगाएँ, जैसे येसु ने उसे दूर भगाना सिखाया है। संत पेत्रुस एक और उपाय सुझाते हैं, जिसकी येसु को ज़रूरत नहीं थी लेकिन हमें जरूरी है, सतर्कता: "सचेत रहें, जागते रहें।"(1पेत्रुस 5,8) और संत पौलुस, अपनी ओर से, हमें चेतावनी देते हैं: "शैतान को मौका न दें।" (4,27) क्रूस पर विजय पाने के बाद मसीह ने"इस दुनिया के राजकुमार" की शक्ति को हमेशा के लिए हरा दिया।(यो. 12,31)

शैतान के पास न जाएँ

संत पापा ने कहा, कलीसिया के एक धर्माचार्य कहते हैं, शैतान - ''बंधा हुआ है, एक जंजीर पर कुत्ते की तरह; वह किसी को नहीं काट सकता, सिवाय उन लोगों के, जो खतरे को चुनौती देते हुए उसके करीब आते हैं... वह भौंक सकता है, वह गिड़गिड़ा सकता है, लेकिन काट नहीं सकता, सिवाय उन लोगों के जो ऐसा चाहते हैं।"

शैतान से बचने की सलाह देते हुए संत पापा ने कहा, “यदि आप मूर्ख व्यक्ति की तरह शैतान के पास जाकर कहें "आप कैसे हैं? ...”, तो वह सब कुछ बर्बाद कर देगा। शैतान के साथ कोई वार्तालाप नहीं करनी चाहिए। “उसे बाहर निकाल दिया जना चाहिए। और हम सभी को अनुभव है कि शैतान किस प्रकार प्रलोभन लेकर आता है। दस आज्ञाओं का प्रलोभन: जब हम इसे महसूस करें, तो शांत रहें, दूरी बनाएं; जंजीर से बंधे कुत्ते के पास न जाएँ।”

शैतान की चालाकी को हर परिवेश में पहचानने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा, “आधुनिक तकनीक, कई सकारात्मक संसाधनों के अलावा, जिनकी सराहना की जानी चाहिए, "शैतान को मौका देने" के अनगिनत साधन भी प्रदान करती है, और कई लोग इसके झांसे में आ जाते हैं।” इसका एक उदाहरण ऑनलाइन पोर्नोग्राफ़ी है। संत पापा ने कहा, इसके पीछे एक फलता-फूलता बाज़ार है: यह हम सभी जानते हैं। वहां शैतान काम कर रहा है। यह एक बहुत व्यापक घटना है, जिससे ख्रीस्तीयों को सावधानी से बचना चाहिए और जिसे उन्हें बलपूर्वक अस्वीकार करना चाहिए।

ख्रीस्त ने शैतान को हराया है

इतिहास में शैतान के काम के बारे में जागरूकता से हमें हतोत्साहित नहीं होना चाहिए। इस मामले में भी अंतिम विचार विश्वास और सुरक्षा का होना चाहिए: "मैं ईश्वर के साथ हूँ, चले जाओ।" ख्रीस्त ने शैतान को हराया और उनकी जीत को हमारी जीत बनाने के लिए हमें पवित्र आत्मा प्रदान की।

शत्रु के काम को हमारे लाभ में बदला जा सकता है, यदि ईश्वर की सहायता से हम उसे अपनी शुद्धि के रूप में लेते हैं। इसलिए हम वेनी निर्माता भजन के शब्दों के साथ, पवित्र आत्मा से प्रार्थना करते हैं:

“दुश्मन को हमसे दूर करो।”

और हमें शीघ्र शांति दो।

हमारे मार्गदर्शक के रूप में आपके साथ

हम हर बुराई से बचेंगे।”

इसके बाद संत पापा ने पुनः जोर देते हुए कहा, सावधान रहें, क्योंकि शैतान चतुर है - लेकिन हम ख्रीस्तीय, ईश्वर की कृपा से, उससे भी अधिक चतुर हैं।”

इतना कहकर संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षामाला समाप्त की तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया। उन्होंने अंग्रेजी भाषी तीर्थयात्रियों को सम्बोधित करते हुए कहा, मैं आज के आमदर्शन समारोह में भाग लेनेवाले अंग्रेजी भाषी तीर्थयात्रियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ, विशेष रूप से इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, भारत, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान, कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका के दलों का। आप सभी और आपके परिवारों पर, मैं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त की खुशी और शांति की कामना करता हूँ। ईश्वर आपको आशीष प्रदान करें। तत्पश्चात हे हमारे पिता की प्रार्थना के साथ संत पापा ने आमदर्शन समारोह का समापन किया।

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25 सितंबर 2024, 14:43
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