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स्पेन स्थित सेविले के सेमिनारी छात्रों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस स्पेन स्थित सेविले के सेमिनारी छात्रों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस  (VATICAN MEDIA Divisione Foto)

भावी पुरोहितों से पोप : ख्रीस्त के प्रेमी हृदय के साथ चरवाहे बनें

भले चरवाहे रविवार की पूर्व संध्या स्पेन स्थित सेविले के सेमिनारी छात्रों को संबोधित करते हुए पोप फ्रांसिस ने सुझाव दिया कि वे मसीह के प्रेमपूर्ण हृदय, खुली बांहों और मुस्कुराहट के साथ, अपने लोगों के चरवाहे बनें।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, शनिवार, 20 अप्रैल 2024 (रेई) : "ईश्वर में अपने दिल, खुले हाथों और एक मधुर मुस्कान के साथ, उन सभी को सुसमाचार का आनंद बाटें, जिनसे आप मिलते है।" यह सुझाव पोप फ्राँसिस ने स्पेन के सेविले के "रिडेम्प्टोरिस मातेर" सेमिनरी के छात्रों को शनिवार को वाटिकन में स्वागत करते समय दिया, जब उन्होंने उनसे ऐसे चरवाहे बनने का आग्रह किया, जो दिल से और ख्रीस्त के प्यार से अपने लोगों की देखभाल करते हैं।

पोप ने अपनी टिप्पणी यह बताते हुए शुरू की कि उनकी मुलाकात "एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन," भले चरवाहे रविवार की पूर्व संध्या पर हुई, जिसको कल मनाया जाएगा।

प्रभु द्वारा बुलाए जाने के बाद, पूर्ण समर्पण

पोप फ्रांसिस ने कहा, "आप, सेमिनरी छात्रों, को प्रभु से एक बुलावा मिला है।" उन्होंने उन्हें प्रशिक्षकों की मदद से, प्रभु के उदाहरण पर चलते हुए पुरोहित बनने के लिए प्रोत्साहित किया।

संत पापा ने चार क्षेत्रों को दोहराया, जिनमें भावी पुरोहितों को अपनी ऊर्जा केंद्रित करनी चाहिए, अर्थात् आध्यात्मिक जीवन, अध्ययन, सामुदायिक जीवन और प्रेरितिक गतिविधि।

पोप ने कहा, वास्तव में एक पुरोहित बनने के लिए, "ईश्वर और हमारे भाई-बहनों के प्रति पूरी तरह से समर्पण" की आवश्यकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो पीड़ित हैं, यह समन्वय "आवश्यक" और "अत्यावश्यक" है।

पवित्र पुरोहित

संत पापा ने अंडालूसिया के एक 'पवित्र पुरोहित', धन्य कार्डिनल मार्सेलो स्पिनोला वाई मेस्त्रे, जो पुरोहितों के शिक्षक थे, को विशेष रूप से याद किया, जो कहते थे कि सदगुण और ज्ञान दो चीजें हैं जिन्हें पुरोहित जीवन के इच्छुक लोगों को अधिमानतः सिखाया जाना चाहिए। क्योंकि 'सद्गुण के बिना ज्ञान फूलता और निर्माण नहीं करता है, और ज्ञान के बिना सद्गुण निर्माण करता है, लेकिन निर्देश नहीं देता है।'

पोप ने इस अवलोकन का प्रयोग भावी पुरोहितों के लिए एक निश्चित पवित्र संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता को दर्शाने के लिए किया, और उन्होंने पुरोहितों के भीतर प्रार्थना, अध्ययन, भाईचारे और मिशन को एकजुट करने का आह्वान किया।

अंत में पोप फ्राँसिस ने सेमिनारी छात्रों को अपने विश्वास को आनंदपूर्वक विकसित करने और बांटने के लिए अपने समय का अधिकतम प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।

 

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20 April 2024, 14:36