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संत पेत्रुस महागिरजाघऱ में एक बच्चे से मिलते हुए संत पेत्रुस महागिरजाघऱ में एक बच्चे से मिलते हुए  (AFP or licensors)

संत पापा: कलीसिया उन स्थितियों को खत्म करे, जो दुर्व्यवहार करने वालों को बचाती है

संत पापा फ्राँसिस ने पनामा में एक सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने वालों को एक संदेश भेजा, और कलीसियाई संस्थानों से उन स्थितियों को खत्म करने का आह्वान किया जो अपने अधिकार के पदों के पीछे दुर्व्यवहार करने वालों की रक्षा करते हैं।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, बुधवार 13 मार्च 2024 : "कलीसिया सहित किसी भी समाज में रिश्तों को मानवीय बनाने का मतलब परिपक्व, सुसंगत व्यक्तियों को बनाने के लिए अथक प्रयास करना है, जो अपने विश्वास और नैतिक सिद्धांतों में दृढ़ हैं, बुराई का सामना करने में सक्षम हैं और सच्चाई की गवाही देते हैं।" संत पापा फ्राँसिस ने मंगलवार को 12-14 मार्च को पनामा में होने वाली तीसरी लैटिन अमेरिकी कांग्रेस के प्रतिभागियों को भेजे गए एक संदेश में इस विचार की पेशकश की।

नाबालिगों की सुरक्षा के लिए केंद्र (सीईपीआरओएमई) द्वारा प्रचारित इस कार्यक्रम ने पूरे क्षेत्र से कलीसिया के प्रतिनिधियों को "असुरक्षा और दुर्व्यवहार: रोकथाम के व्यापक दृष्टिकोण की ओर" विषय पर विचार करने के लिए एकत्रित किया है।

दुरुपयोग के संकट का उन्मूलन

अपने संदेश में, संत पापा ने "समाज के सभी क्षेत्रों में दुर्व्यवहार के संकट" को मिटाने के लिए कलीसिया के प्रयासों को प्रभु को सौंपा।

उन्होंने 25 सितंबर, 2023 को वाटिकन में सीईपीआरओएमई के सदस्यों के साथ हुई अपनी मुलाकात को याद किया। उस समय, उन्होंने "प्रत्येक पीड़ित में येसु के पीड़ित चेहरे" की खोज करने के लिए कलीसिया की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।

संत पापा फ्राँसिस ने प्रतिभागियों को सभी प्रकार के दुर्व्यवहार को रोकने के लिए काम करते हुए, दुर्व्यवहार करने वालों सहित सभी पापियों के हृदयपरिवर्तन के लिए प्रार्थना करने हेतु प्रोत्साहित किया।

भेद्यता को समझना

उन्होंने कहा, इस मुद्दे पर ईश्वर की नजर से विचार करने से हमें अपनी खुद की भेद्यता को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिल सकती है।

उन्होंने कहा, "अपनी खुद की कमजोरी को पूर्ण व्यक्ति और पूर्ण ख्रीस्तीय बनने से रोकने के बहाने के रूप में देखना, अपने भाग्य को नियंत्रित करने में असमर्थ होना, बचकाने, क्रोधी लोगों को पैदा करेगा," और किसी भी तरह से उस छोटेपन का प्रतिनिधित्व नहीं करता है जिसके लिए येसु हमें आमंत्रित करते हैं।”

संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि ख्रीस्तीय ईश्वर की कृपा पर भरोसा करते हुए हमारी कमजोरियों में ताकत खोजने के लिए बुलाये गये हैं। (सीएफ 2 कुरिं 12: 8-10)

उन्होंने कहा, ईश्वर में अपनी शक्ति और विश्वास पाकर, "हम जीवन के विरोधाभासों का सामना करने में सक्षम होंगे और जिस बुलावे के लिए हमें बुलाया गया है, उस आम भलाई में योगदान कर सकेंगे।"

दुर्व्यवहार करने वालों को बचाने वाली स्थितियों को जड़ से ख़त्म करना

संत पापा फ्राँसिस ने कलीसिया से उन संरचनाओं को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया जो दूसरों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले लोगों की रक्षा करती हैं।

"रोकथाम के संदर्भ में," उन्होंने कहा, "हमारे प्रयासों का लक्ष्य निस्संदेह उन स्थितियों को खत्म करना होना चाहिए जो उन लोगों की रक्षा करते हैं जो अपनी स्थिति के पीछे छिपकर खुद को विकृत तरीके से दूसरों पर थोपते हैं, लेकिन यह भी समझना चाहिए कि वे स्वस्थ तरीके से दूसरों से जुड़ने में असमर्थ क्यों हैं? "

संत पापा ने कहा कि कोई भी समाज जो नैतिक अखंडता पर आधारित नहीं है, "एक बीमार समाज होगा" जिसके रिश्ते स्वार्थ, भय और धोखे से विकृत हो जाएंगे।

संत पापा फ्राँसिस ने तीसरी लैटिन अमेरिकी कांग्रेस में अपने संदेश का समापन करते हुए प्रतिभागियों को अपनी "कमजोरी को उस शक्ति को सौंपने के लिए आमंत्रित किया जो प्रभु हमें देते हैं।"

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13 March 2024, 16:30