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संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस  (AFP or licensors)

पोप ने की पूर्णिया और नालगोंडा धर्मप्रांतों के लिए नये धर्माध्यक्षों की नियुक्ति

संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार को पूर्णिया और नालगोंडा धर्मप्रांतों के लिए नये धर्माध्यक्षों की नियुक्ति की घोषणा की।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, शनिवार, 17 फरवरी 2024 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने माननीय फादर फ्राँसिस तिरकी को पुर्णिया धर्मप्रांत का नया धर्माध्यक्ष नियुक्त किया। वे पूर्णिया धर्मप्रांत के पुरोहित हैं और इस समय पूर्णिया के समाज सेवा केंद्र के निर्देशक हैं।

पूर्णिया धर्मप्रांत के नवनियुक्त धर्माध्यक्ष माननीय फ्राँसिस तिरकी का जन्म 24 जुलाई 1961 कोलोडीह में हुआ था। उन्होंने दर्शनशास्त्र की पढ़ाई संत अल्बर्ट कॉलेज राँची से और ईशशास्त्र की पढ़ाई संत जोसेफ अंतरधर्मप्रांतीय सेमिनरी मैंगलोर से की है। उन्होंने कनाडा के हैलिफ़ैक्स में कोएडी इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट से सामाजिक कार्य विज्ञान में डिप्लोमा प्राप्त किया है।

उनका पुरोहिताभिषेक 17 मई 1993 को दुमका धर्मप्रांत के लिए हुआ था। बाद में पूर्णिया धर्मप्रांत बनने पर वे पूर्णिया चले गये।  

उन्होंने निम्नलिखित पदों पर सेवाएँ दी हैं :

माननीय फादर फ्राँसिस तिरकी 1993-1994 तक दुमका के तीन पहाड़ पल्ली के सहायक पुरोहित रहे; 1994-1997 तक दुमका के समाज विकास केंद्र के प्रबंधक रहे; 1998-1999 तक राँची संत जेवियर समाज सेवा संस्थान में पढ़ाई की; पढ़ाई के बाद पूर्णिया के समाज सेवा केंद्र में निर्देशक के रूप में अपनी सेवा दी। उसके बाद 2004-2007 तक पूर्णिया धर्मप्रांत के प्रेरितिक प्रशासक रहे; 2007-2021 तक पूर्णिया के विकर जेनेरल रहे; 2007 में वे पूर्णिया धर्मप्रांत में एस टी और एस सी के लिए मजदूर आयोग के प्रमुख बने तथा जनसम्पर्क कार्यालय में काम किया। 2013 में वे सेमिनरी छात्रों के अध्यक्ष और 2015 में सामाजिक संचार के प्रमुख बने।   

नालगोंडा के नवनियुक्त धर्माध्यक्ष करनम धमन कुमार एम.एस.एफ.एस

पोप फ्राँसिस ने नालगोंडा धर्मप्रांत के लिए माननीय फादर करनम धमन कुमार एम.एस.एफ.एस (संत फ्राँसिस डी सेल्स के अनेसी के मिशनरी) को नया धर्माध्यक्ष नियुक्त किया है। वे इस समय जर्मनी में संत बर्थोलोमियो पल्ली के पल्ली पुरोहित एवं जर्मनी में संत फ्राँसिस डी सेल्स धर्मसमाज के डेलिगेट सुपीरियर हैं।

माननीय फादर करनम धमन कुमार एम.एस.एफ.एस का जन्म 16 नवम्बर 1963 को आंध्रप्रदेश के विशाखापटनम स्थित विजयानगरम में हुआ था। उन्होंने 3 दिसम्बर 1989 को आजीवन व्रतधारण किया एवं 17 अक्टूबर 1990 को पुरोहित अभिषिक्त हुए।  

उन्होंने निम्नलिखित पदों पर सेवाएँ दीं :

एलाकथुरूथी में सहायक पल्ली पुरोहित (1991-1993); चिन्नामनैयूनिकोटा के पल्ली पुरोहित (1993-1995); एलूरू धर्मप्रांत के फ्रांसालियन विद्या ज्योति माईनर सेमिनरी के रेक्टर (1995-1998); एलूरू धर्मप्रांत के संत फ्राँसिस डी सेल्स स्कूल के प्रिंसिपल (1998-2000); संत पीयुस सेमिनरी के रेक्टर एवं संत पीयुस स्कूल के प्रबंधक (2000-2010); जर्मनी के मुंस्टर धर्मप्रांत में चैपलिन (2000-2012);  एलूरू धर्मप्रांत में संत फ्राँसिस डी सेल्स ईशशास्त्र अध्ययन केंद्र के रेक्टर (2012-2013); एम एस एफ एस के विशाखापटनम प्रोविंस में प्रोविंशल सलाहकार (2013-2016); हैदराबाद महाधर्मप्रांत के संत फ्राँसिस डी सेल्स स्कूल शांति नगर के प्रिंसिपल (2016-2017);  जर्मनी के मुंस्टर धर्मप्रांत में संत गेट्रूडिस, होस्टमार के सहायक पल्ली पुरोहित (2017-2020); 2019 से एम.एस.एफ.एस के जर्मनी प्रोविंस के डेलिगेट सुपीरियर और 2020 से जर्मनी के मुंस्टर धर्मप्रांत में संत बरथोलोमियो धर्मप्रांत के पल्ली पुरोहित रहे।   

विशाखापटनम और औरांगाबाद के प्रेरितिक प्रशासकों का त्याग पत्र

संत पापा फ्राँसिस ने विशाखापटनम के प्रेरितिक प्रशासक मोनसिन्योर प्रकाश मल्लावारापु और औरांगाबाद के प्रेरितिक प्रशासक मोनसिन्योर अम्ब्रोस रेबेल्लो के इस्तिफा पत्र स्वीकार किया।

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17 February 2024, 15:51