खोज

सन्त पापा फ्राँसिस के साथ इटली के गुरुकुल छात्र (प्रतीकात्मक तस्वीर) सन्त पापा फ्राँसिस के साथ इटली के गुरुकुल छात्र (प्रतीकात्मक तस्वीर)  (ANSA)

फ्राँस के गुरुकुल छात्रों को सन्त पापा फ्राँसिस का सन्देश

फ्राँस में जारी काथलिक गुरुकुल छात्रों के सम्मेलन को प्रेषित सन्देश में सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि यह आशा और आनन्द का कारण है कि कई युवा लोग कलीसिया और समाज में व्याप्त इतनी अधिक कठिनाइयों के बावजूद भाइयों एवं बहनों की सेवा में येसु का अनुसरण करने हेतु स्वयं को प्रतिबद्ध करने के लिये तत्पर रहते हैं।

वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 1 दिसम्बर 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): फ्राँस में जारी काथलिक गुरुकुल छात्रों के सम्मेलन को प्रेषित सन्देश में सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि यह वास्तव में आशा और आनन्द  का कारण है कि कई युवा लोग कलीसिया और समाज में व्याप्त इतनी अधिक कठिनाइयों के बावजूद उदारता और साहस के साथ आगे बढ़ते हुए, अपने भाइयों एवं बहनों की सेवा में प्रभु येसु का अनुसरण करने के लिए स्वयं को प्रतिबद्ध करने के लिये तत्पर हैं।  

वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन द्वारा हस्ताक्षरित सन्त पापा फ्राँसिस का सन्देश फ्राँस के गुरुकुल छात्रों को शुक्रवार को प्रेषित किया गया, जिसमें सन्त पापा ने काथलिक गुरुकुल छात्रों को फ्राँस की कलीसिया का आनन्द एवं आशा निरूपित किया है।  

विश्वासियों का प्रतिनिधि

अपने सन्देश में सन्त पापा ने गुरुकुल छात्रों को स्मरण दिलाया कि वे कलीसिया के भावी पुरोहित हैं जो प्रभु येसु ख्रीस्त के साथ सहभागिता में संस्कारों को सम्पादित करने के लिये बुलाये जाते हैं। उन्होंने कहा कि कलीसिया के जीवन और अपने व्यक्तिगत जीवन के उच्चतम बिंदु, स्रोत और शिखर पर, पुरोहित मसीह के बलिदान को प्रस्तुत करते हुए ख्रीस्तयाग अर्पित करता है, जहाँ वह ख़ुद को ख्रीस्त के साथ संपूर्ण ईशप्रजा और प्रत्येक विश्वासी का प्रतिनिधित्व करता है।

उन्होंने गुरुकुल छात्रों को आमंत्रित किया कि वे प्रभु येसु ख्रीस्त के सत्य का आलिंगन करें क्योंकि यही उनके जीवन का आधार एवं उनकी पहचान है, और प्रभु येसु ख्रीस्त से जुड़ी इस पहचान का केंद्र है, ब्रह्मचर्य। सन्त पापा ने कहा कि पुरोहित अविवाहित है क्योंकि प्रभु येसु स्वयं ऐसे ही थे। उन्होंने कहा, ब्रह्मचर्य की आवश्यकता मुख्य रूप से ईशशास्त्रीय नहीं है, बल्कि रहस्यमय है, क्योंकि काथलिक पुरोहित अविवाहित रहने के व्रत के द्वारा स्वतः को दूसरों की सेवा तथा ईश्वर की अनन्य भक्ति की साधना के लिये अधिक उपयुक्त बना लेते हैं।

पुरोहित की प्रकृतिः अपरिवर्तनीय

सन्त पापा ने कहा, आज हम पुरोहितों के विषय में बहुत सी बातें सुनते हैं, पुरोहित का स्वरूप अक्सर कुछ निश्चित दायरे में विकृत होता है, सापेक्ष होता है, कभी-कभी अधीनस्थ माना जाता है, किन्तु आप अधिक भयभीत न हों: किसी के पास पोरौहित्य की प्रकृति को बदलने की शक्ति नहीं है, भले ही, बुलाहट के सिलसिले में, वर्तमान समाज के विकास और गंभीर संकट की स्थिति को ध्यान में रखा जाना आवश्यक है।  

कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन ने लिखा कि दुर्भाग्यवश, फ्राँस में आये सामाजिक विकासों में से एक यह भी है कि संस्था रूप में कलीसिया और इसके पुरोहितों को अब वैसी मान्यता नहीं दी जा रही है जो अतीत में हुआ करती थी; अधिकांश लोगों की दृष्टि में, इसने सारी प्रतिष्ठा, सारा प्राकृतिक अधिकार खो दिया है। उन्होंने लिखा, यही कारण है कि सन्त पापा फ्राँसिस द्वारा अनुरोधित नवीन सुसमाचार प्रचार के साथ आगे बढ़ना एकमात्र संभव तरीका है ताकि हर किसी का येसु मसीह के साथ व्यक्तिगत साक्षात्कार सम्भव बन पड़े।

पुरोहित की जीवन शैली

सन्त पापा की ओर से भेजे गये सन्देश में कार्डिनल पारोलीन ने लिखा कि इसके लिये निकटता, करुणा, विनम्रता, कृतज्ञता, धैर्य, दूसरों को स्वयं का मौलिक उपहार, सादगी और ग़रीबी की प्रेरितिक शैली को अपनाना ज़रूरी है।

सन्त पापा के शब्दों को उद्धृत कर उन्होंने लिखा, एक पुरोहित "अपने रेवड़ की सुगंध" को जानता है, वह उसके साथ, उसकी लय में चलता है। इस तरह से पुरोहित विश्वासियों के दिलों का स्पर्श करता और मसीह से उनका परिचय कराता है। निःसंदेह, यह कोई नई बात नहीं है; अतीत में अनगिनत पवित्र पुरोहितों ने इस शैली को अपनाया है, लेकिन आज यह एक आवश्यकता बन गई है, अन्यथा पौरोहित्य विश्वसनीय नहीं होगा।  

गुरुकुल छात्रों से सन्त पापा कहते हैं कि इस कठोर पौरोहित्य की पूर्णता को जीने के लिये और रास्ते में आने वाली चुनौतियों और प्रलोभनों का सामना करने के लिए केवल एक ही समाधान है: येसु के साथ एक व्यक्तिगत, मजबूत, जीवंत रिश्ते को पोषित करना। उन्होंने उनसे आग्रह किया कि वे येसु को किसी भी चीज़ से अधिक प्यार करें, क्योंकि येसु का प्रेम सबकुछ के परे है, जो हमें सभी संकटों एवं सभी कठिनाइयों पर विजयी होने की शक्ति प्रदान करता है।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

01 December 2023, 11:21