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संत पापा और स्वीडन से राष्ट्रपति संत पापा और स्वीडन से राष्ट्रपति  

संत पापाः टुकड़ों में विश्व युद्ध, बहुपक्षीय कूटनीति जरूरी

संत फ्रांसिस ने कुवैत, न्यूजीलैंड, मलावी, गिनी, स्वीडन और चाड के राजदूतों का प्रत्यय पत्र स्वीकार किया।

वाटिकन सिटी

संत पापा ने विभिन्न देशों के राजदूतों का स्वागत करते हुए उन्हें अपने संदेश में कहा कि आप एक विशेष उथल-पुथल के समय में अपने कार्यों की शुरूआत कर रहे हैं जिसे मैं टुकड़ों में तृतीय विश्व युद्ध की संज्ञा देता हूँ।

संत पापा ने कहा कि युद्ध के वैश्विक आयामों को देखते हुए, अंतरराष्ट्रीयय समुदाय को कूटनीति के आधार पर शांतिमय तरीकों से उन गंभीर वैश्विक अन्यायों का समाधान खोजने की चुनौती दी जाती है। उन्होंने अपने प्रेरितिक पत्र लौदाते देऊम का हावाला देते हुए कहा कि यह चुनौती तत्काल बहुपक्षीय कूटनीति के पुनर्गठन की मांग करती है, जिसका उद्देश्य उभरती समस्याओं पर प्रभावी प्रतिक्रिया देना और वर्तमान में पर्यावरण, सार्वजनिक स्वास्थ्य, सांस्कृतिक और सामाजिक परिवर्तनों को संबोधित करने के लिए वैश्विक संगठन तैयार करना है।

संत पापा ने कहा कि राजनायिकों का नेक और धैर्यपूर्ण कार्य जिसके लिए आप समर्पित हैं न केवल युद्धों की रोक और उसके समाधान की मांग करता है बल्कि यह विश्व के लोगों के लिए एक शांतिमय सह-अस्तित्व, आर्थिक और मानवीय विकास को मजबूती प्रदान करना है जहाँ सभों का सम्मान, हर नर-नारी और बच्चों के अधिकार की रक्षा की जाती हो।

इस संदर्भ में संत पापा ने कहा की परमधर्मपीठ विशेष रुप से सामान्य निवास के भविष्य और खास कर समाज के अति संवेदनशील सदस्यों पर जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण की तबाही के प्रभावों के बारे में चिंतित है। हम आशा करते हैं जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन, कोप28 दुबई का कार्यक्रम, सार्वभौमिक रूप में आम भलाई हेतु वर्तमान खतरों को ध्यान में रखते हुए दूरदर्शिता के साथ उनके जवाब हेतु एक ऐतिहासिक कदम का चुनाव करेगा। “मैंने अपने संबोधन में कहा, संत पापा ने कहा कि हमारे पास समय कम है, भविष्य हमारे चुनाव पर निर्भर करता है।”

उन्होंने कहा कि हम प्रार्थना करें कि राष्ट्रों के नेता ठोस कदमों का चुनाव करें जो भावी पीढ़ियों को एक ऐसी दुनिया सौंपने में सक्षम बनाये जो फलदार बगीचे की तरह हो जिसकी देख-रेख और प्रबंधन की जिम्मेदारी सृष्टिकर्ता ने हमारे ऊपर रख छोड़ी है।

संत पापा ने सभी राजदूतों को अपनी प्रार्थना का आश्वसान देते हुए उनके उत्तरदायित्व की याद दिलाई और अपने संदेश के अंत में कहा कि आप मानवीय भ्रातृत्व और शांति हेतु कार्य करें जिसे नबी इसायस “न्याय का फल” निरूपित करते हैं। 

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07 December 2023, 15:50