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संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस 

संत पापा ने भारत के चार धर्माध्यक्षों की नियुक्ति की

संत पापा फ्राँसिस ने भारत के चार धर्मप्रांतो की कलीसिया की सेवा के लिए उनके चरवाहों को नियुक्त किया।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, शुक्रवार 01 दिसम्बर 2023  (रेई) : गुरुवार 30 नवम्बर को संत पापा फ्राँसिस ने भारत के डाल्टनगंज धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष के रूप में राँची महाधर्मप्रांत के सहायक धर्माध्यक्ष थियोडोर मस्कारेन्हास, एस.एफ.एक्स.को, गुमला धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष के रुप में फादर लिनुस पिंगल एक्का को, अमरावती धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष के रुप में फादर फादर माल्कम सिक्वेरा को और कोट्टापुरम धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष के रुप में फादर अम्ब्रोस पुथेनवीटिल को नियुक्त किया। उनका बायोडाटा निम्नलिखित है।

डाल्टनगंज के नव नियुक्त धर्माध्यक्ष थियोडोर मस्कारेन्हास, एस.एफ.एक्स
डाल्टनगंज के नव नियुक्त धर्माध्यक्ष थियोडोर मस्कारेन्हास, एस.एफ.एक्स

डाल्टनगंज धर्मप्रांत के नवनियुक्त धर्माध्यक्ष मस्कारेन्हास, एस.एफ.एक्स

धर्माध्यक्ष थियोडोर का जन्म 9 नवंबर, 1960 को गोवा महाधर्मप्रांत के कैमुरलिम में हुआ था। उन्होंने महाराष्ट्र में संत चार्ल्स सेमिनरी नागपुर, में दर्शनशास्त्र का अध्ययन किया और सोसाइटी ऑफ पिलार, गोवा के अखिल भारतीय मिशन सेमिनरी में धर्मशास्त्र का अध्ययन किया। उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एम.ए और पोंटिफिकल बाइबिल इंस्टीट्यूट, रोम से पवित्र ग्रंथ में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। 24 अप्रैल, 1988 को उनका पुरोहिताभिषेक किया गया।

अपने पुरोहिताभिषेक के बाद से, उन्होंने कई प्रेरितिक भूमिकाएँ निभाई हैं, जिनमें शामिल हैं: वे 1988 से 1993 तक उत्तर भारत के पंजाब की  पल्लियों में और दो स्कूलों में उप-प्रिंसिपल और प्रिंसिपल थे। 1994 से 2001तक पोंटिफ़िकल बाइबिल इंस्टीट्यूट, रोम में पवित्र ग्रंथ का अध्ययन कर लाइसेंस और डॉक्टरेट की उपाधि पाई।1998 से 2004 तक रोम में पिलार सोसायटी के कार्यों के समन्वयक; 2005 में यूरोप में संत फ्रांसिस जेवियर मिशनरियों की सोसायटी के वरिष्ठ प्रतिनिधि; 2006 में संस्कृति के लिए परमधर्मपीठीय परिषद के अधिकारी; 2010 से संत फ्रांसिस जेवियर सोसायटी के महाधिवक्ता, अंतर्राष्ट्रीय यूखारिस्टिक कांग्रेस के लिए पोंटिफिकल समिति के सदस्य और पोंटिफिकल ग्रेगोरियन विश्वविद्यालय और संत थॉमस एक्विनास (अंजेलिकुम), रोम के पोंटिफिकल विश्वविद्यालय में पवित्र धर्मग्रंथ के व्याख्याता के रुप में अपनी सेवा दी। .

उन्हें 53 वर्ष की आयु में 9 जुलाई 2014 को रांची महाधर्मप्रांत का सहायक धर्माध्यक्ष नियुक्त किया गया था और 3 अगस्त 2014 को उनका धर्माध्यक्षीय अभिषेक किया गया था। वे मार्च 2016 से जून 2019 तक सीबीसीआई के महासचिव थे। वर्तमान में वे पारिस्थितिकी के लिए सीसीबीआई आयोग के अध्यक्ष हैं।

2016 में धर्माध्यक्ष गाब्रियल कुजूर, एस.जे. के इस्तीफे के बाद डाल्टनगंज धर्मप्रांत का धर्माध्यक्षीय पद रिक्त हो गया। हज़ारीबाग धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष आनंद जोजो को 7 जुलाई, 2016 को डाल्टनगंज धर्मप्रांत का प्रेरितिक प्रशासक के रूप में नियुक्त किया गया था और 8 दिसम्बर 2021 को रांची महाधर्मप्रांत के सहायक धर्माध्यक्ष थियोडोर मस्कारेन्हास, एस.एफ.एक्स. को डाल्टनगंज धर्मप्रांत का प्रेरितिक प्रशासक के रूप में नियुक्त किया गया। वर्तमान में वे डाल्टनगंज धर्मप्रांत के प्रेरितिक प्रशासक के रुप में अपनी सेवा दे रहे हैं।

गुमला धर्मप्रांत के नवनियुक्त धर्माध्यक्ष लिनुस पिंगल एक्का
गुमला धर्मप्रांत के नवनियुक्त धर्माध्यक्ष लिनुस पिंगल एक्का

गुमला धर्मप्रांत के नवनियुक्त धर्माध्यक्ष लिनुस पिंगल एक्का

नवनियुक्त धर्माध्यक्ष लिनुस पिंगल एक्का का जन्म 23 सितंबर 1961 को गुमला धर्माप्रांत के चैनपुर में हुआ था। उन्होंने जबलपुर के संत अलोसियुस कॉलेज में मास्टर ऑफ आर्ट्स में दाखिला लिया और रोम में परमधर्मपीठीय उर्बान विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र और धर्मशास्त्र में लाइसेंस प्राप्त किया।

22 जनवरी 1994 को गुमला धर्मप्रांत के लिए उनका पुरोहिताभिषेक किया गया था।

उन्होंने निम्नलिखित पदों पर काम किया और आगे की पढ़ाई की:

वे 1994 से 1995 तक दलमादी पल्ली के सहायक पल्ली पुरोहित और पल्ली पुरोहित थे। 1995 से 1997 तक  और 1999 से 2000 तक वे करोंदाबेडा माइनर सेमिनरी के रेक्टर रहे। 1997 से 1999 तक वे इटली के उदीने के महाधर्मप्रांत में प्रेरितिक सेवा करते हुए, परमधर्मपीठीय उर्बान विश्वविद्यालय में कैनन लॉ में डॉक्टरेट की उपाधि कर भारत लौटे। वे 2000 से 2002 तक रांची में संत अल्बर्ट क्षेत्रीय कॉलेज में अतिथि प्रोफेसर और 2002 से 2011 तक  संत अल्बर्ट रीजनल कॉलेज रांची में में दर्शनशास्त्र विभाग के आवासीय प्रोफेसर और प्रीफेक्ट के रुप में अपनी सेवा दी। फिर 2011 से 2017 तक  उदीने महाधर्मप्रांत के एम्पेज़ो पल्ली में सहायक पल्ली पुरोहित बने। वे 2017 से 2020 तक गुमला धर्मप्रांत के कुलाधिपति एवं वैवाहिक मामलों के प्रभारी और 2019 से 2020 तक विकर न्यायधीस और कलीसिया संबंधी न्यायाधिकरण के न्यायाधीश,  2021 से गुमला धर्मप्रांत के प्रेरितिक प्रशासक के रुप में अपनी सेवा दे रहे हैं।

15 जून, 2021 को धर्माध्यक्ष पॉल अलोइस लकड़ा की मृत्यु से गुमला धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष का पद रिक्त रह गया। 28 मई, 1993 को रांची के महाधर्मप्रांत से अलगकर नया धर्मप्रांत बनाया गया था। इस धर्मप्रांत में काथलिक आबादी 1,93,000 है, 38 पल्लियाँ है धर्मप्रांत में 138 धर्मप्रांतीय पुरोहित, 92 धर्मसंघी पुरोहित, 371धर्मबहनें और 346 संस्थाएँ हैं।

अमरावती धर्मप्रांत के नवनियुक्त धर्माध्यक्ष माल्कम सिक्वेरा

नवनियुक्त धर्माध्यक्ष माल्कम सिक्वेरा का जन्म 4 नवंबर 1961 को वसई धर्मप्रांत के गिरीज़ में हुआ था। उन्होंने मुंबई के संत पियुस दसवें कॉलेज में दर्शनशास्त्र और धर्मशास्त्र का अध्ययन किया। 13 अप्रैल 1996 को पूना धर्मप्रांत के लिए उनका पुरोहिताभिषेक किया गया था।

उन्होंने निम्नलिखित पद संभाले हैं:

 1996 से 1998 तक संत पैट्रिक महागिरजाघर में सहायक पुरोहित, 1998 से 2003 तक लघु ख्रीस्तीय समुदायों के धर्मप्रांतीय निदेशक के रुप में अपनी सेवा दी। 2005 में वे रोम के पोंटिफ़िकल ग्रेगोरियन विश्वविद्यालय से सामाजिक संचार में लाइसेंस किया और  2005 से वे  सामाजिक संचार के लिए धर्मप्रांतीय निदेशक और जनसंपर्क प्रमुख हैं। 2008 से 2013 तक संत पैट्रिक महागिरजाघर के रेक्टर, 2009 से धर्मप्रांतीय सलाहकार; 2012 से अबतक  विकार जनरल; 2013 से 2016 तक वित्त कार्यालय के निदेशक,  2016 से 2019 तक डिवाइन मर्सी पल्ली के पल्ली पुरोहित और  2019 से संत अन्ना पल्ली के पल्ली पुरोहित हैं।

कोट्टापुरम धर्मप्रांत के नवनियुक्त धर्माध्यक्ष अम्ब्रोस पुथेनवीटिल
कोट्टापुरम धर्मप्रांत के नवनियुक्त धर्माध्यक्ष अम्ब्रोस पुथेनवीटिल

कोट्टापुरम धर्मप्रांत के नवनियुक्त धर्माध्यक्ष अम्ब्रोस पुथेनवीटिल

नव नियुक्त धर्माध्यक्ष अम्ब्रोस पुथेनवीटिल का जन्म 21 अगस्त 1967 को कोट्टापुरम धर्मप्रांत के पल्लीपोर्ट में हुआ था। उन्होंने बैंगलोर के संत पीटर्स पोंटिफिकल इंस्टीट्यूट में दर्शनशास्त्र और ऑस्ट्रिया के इंसब्रुक में कॉलेजियम कैनिसियानम में धर्मशास्त्र का अध्ययन किया। उन्होंने इंसब्रुक में लियोपोल्ड-फ्रांजेंस-यूनिवर्सिटेट से धर्मशास्त्र में लाइसेंस प्राप्त किया और रोम में पोंटिफिकल उर्बान विश्वविद्यालय से मिस्योलॉजी में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। 11 जून 1995 को कोट्टापुरम धर्मप्रांत के लिए उनका पुरोहिताभिषेक किया गया।

उन्होंने निम्नलिखित पदों में अपनी सेवा दी :

धर्माध्यक्ष के सचिव (1995-1996); संत विंसेंट फेरर में स्थानापन्न (1996); संत डॉन बॉस्को पल्ली के सहायक पल्ली पुरोहित (1996-1998); संत फ्रांसिस असीसी माइनर सेमिनरी के वाइस रेक्टर (1998-2001); हिम की महारानी पल्ली के सहायक पल्ली पुरोहित (2007-2008); अलुवा में संत जोसेफ पोंटिफिकल सेमिनरी में प्रोफेसर (2008-2014); अलुवा में संत जोसेफ पोंटिफिकल सेमिनरी के वाइस रेक्टर (2014-2017); संत अंतोनी माइनर सेमिनरी के रेक्टर (2017-2019); संत माइकेल महागिरजाघर पल्ली के पल्ली पुरोहित (2019-2022) और 2022 से, संत अंतोनी तीर्थालय के रेक्टर हैं।

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01 December 2023, 15:47