खोज

सिराकूज़  में आँसुओं की माँ मरियम को समर्पित तीर्थस्थल पर सन्त जॉन पौल द्वितीय सिराकूज़ में आँसुओं की माँ मरियम को समर्पित तीर्थस्थल पर सन्त जॉन पौल द्वितीय 

युद्धों की पृष्ठभूमि में मरियम से शांति के लिये प्रार्थना करें

इटली स्थित सिसली द्वीप में सिराकूज़ की मरियम प्रतिमा के आँसू बहाने की सत्तरवीं वर्षगांठ के अवसर पर सन्त पापा फ्रांसिस ने आशा व्यक्त की कि मरियम हमें क्षमा करने और "उन लोगों के करीब रहने के लिए प्रेरित करें जो शरीर और आत्मा से बीमार हैं, जो अकेले हैं और परित्यक्त हैं।"

वाटिकन सिटी

सिराकूज़, इटली, शुक्रवार, 8 दिसम्बर 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): इटली स्थित सिसली द्वीप में सिराकूज़ की मरियम प्रतिमा के आँसू बहाने की सत्तरवीं वर्षगांठ के अवसर पर, गुरुवार 07 दिसम्बर को, सन्त पापा फ्रांसिस ने  सिसिली के महाधर्माध्यक्ष को एक पत्र प्रेषित कर आशा व्यक्त की कि मरियम हमें क्षमा करने और "उन लोगों के करीब रहने के लिए प्रेरित करें जो शरीर और आत्मा से बीमार हैं, जो अकेले हैं और परित्यक्त हैं।"

मरियम शांति का मार्ग

सिराकूज़ के महाधर्माध्यक्ष फ्राँन्चेस्को लोमान्तो को प्रेषित पत्र में सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि मरियम, येसु की माता, शांति और क्षमा का मार्ग हैं। ग़ौरतलब है कि सिराकूज़ की मरियम प्रतिमा की आँखों से सन् 1953 ई. के 29 अगस्त से लेकर पहली सितम्बर तक आँसू बहते रहे थे।

सन्त पापा ने लिखाः "जीवन और इतिहास की परीक्षाओं का सामना करते हुए, विशेष रूप से आज के चिंताजनक युद्ध सम्बन्धी परिदृश्यों के सामने, आइए हम शांति की रानी और सांत्वना की मां मरियम की मध्यस्थता का आह्वान करते नहीं थकें।"   

उन्होंने कहा कि मरियम हमें शांति का मार्ग प्रशस्त करने और उस पर चलने में मदद प्रदान करें। सन्त पापा लिखते हैं, "जब सबसे कमजोर लोगों के साथ भेदभाव किया जाता है और जब हिंसा एवं युद्ध फैलते और हार होती है तो निर्दोष लोगों को शिकार बनाया जाता है, तब भी माँ के आँसू बहते रहते हैं," क्योंकि मरियम मानवजाति के दुख में पीड़ित होती हैं, वे हमारे दुख में साझेदार होती हैं।

उन्होंने लिखा, " मरियम के आँसू प्रभु के दयालु प्रेम में उनकी भागीदारी को दर्शाते हैं, जो हमारे, अपने बच्चों के लिए कष्ट सहते हैं; जो हमारे परिवर्तन की प्रबल आशा रखते हैं; जो एक दयालु पिता के रूप में हमारा इंतजार कर रहे हैं कि वे हमें हर चीज़ के लिये और हमेशा माफ कर दें।"

निर्धनों के प्रति करुणा

पत्र में सन्त पापा ने मरियम की आँखों से आँसू बहने के दृश्यों के ऐतिहासिक दर्शन को याद कर इस तथ्य को रेखांकित किया कि गरीबों और जरूरतमंदों के प्रति प्रभु का कितना झुकाव है। उन्होंने कहा कि उस समय द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की क्रूरता से पीड़ित लोगों के साथ सहभागिता दर्शाते हुए मरियम भी दुखी हुई और उनके आँसू बह निकले।   

"इसके अलावा – सन्त पापा ने लिखा- यह अद्भुत घटना एक घर की अंतरंगता में घटित हुई, जो हमें घरेलू चूल्हे, प्रेम और जीवन के केंद्र की असाधारण सुंदरता पर विचार करने और विवाह पर स्थापित परिवार का समर्थन करने के लिए आमंत्रित करती है, जो "समाज और कलीसिया की आंतरिक मौलिक कोशिका है"।

अन्त में सन्त पापा ने इस तरह प्रार्थना कीः "पवित्र कुँवारी मरियम, अपने पवित्र आँसुओं के उपहार द्वारा कलीसिया की यात्रा में साथ दें, सम्पूर्ण विश्व को शांति दें और अपने बच्चों को मातृ सुरक्षा प्रदान करें। ईश्वर के प्रति निष्ठा, कलीसिया की सेवा और सभी भाइयों के प्रति प्रेम में हमारा समर्थन करें। आमेन"।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

08 December 2023, 11:52