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संत पापा फ्रांँसिस का प्रेरितिक पत्र संत पापा फ्रांँसिस का प्रेरितिक पत्र   (ANSA)

इवेंजेली गौदियुम पर पोप : 'मुक्ति गरीबों द्वारा चिह्नित'

संत पापा फ्राँसिस ने अपने प्रेरितिक प्रबोधन “एवंजेली गौदियुम” की 10वीं वर्षगाँठ पर कलीसिया की, ख्रीस्त में मुक्ति की आनंदपूर्ण उद्घोषणा में गरीबों की केंद्रीय भूमिका पर प्रकाश डाला है।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, शनिवार, 25 नवंबर 2023 (रेई) : पोप फ्राँसिस ने शुक्रवार को 2013 में प्रकाशित अपने प्रेरितिक प्रबोधन इवेंजेली गौदियुम को समर्पित और समग्र मानव विकास को बढ़ावा देने के लिए गठित विभाग के तत्वधान में आयोजित संगोष्ठी के प्रतिभागियों को एक संदेश भेजा।

प्रकाशन की 10वीं वर्षगांठ को चिह्नित करते हुए, पोप ने प्रारंभिक ख्रीस्तीयों के मिशनरी आनंद को पुनः प्राप्त करने हेतु कलीसिया के लिए अपने निमंत्रण को याद किया, जिन्होंने साहसपूर्वक सुसमाचार का प्रचार करने के लिए सक्रिय प्रतिरोध और अन्याय का सामना किया था।

उन्होंने गौर किया कि हमारे समय की चुनौतियों का सामना करने में, हालाँकि कठिनाइयाँ "कम स्पष्ट हैं लेकिन शायद अधिक घातक" हैं।

उन्होंने कहा, "चूँकि वे [आधुनिक कठिनाइयाँ] इतने दृश्यमान नहीं हैं, अचेत आवस्था की तरह या पुराने चुल्हे के कार्बन मोनोऑक्साइड की तरह काम करती हैं जो चुपचाप मार देती हैं।" "पूरे इतिहास में, मानवीय कमजोरी, अस्वास्थ्यकर आत्म खोज, आरामदायक स्वार्थ, और अंततः, हम सभी के भीतर छिपी हुई हठधर्मिता, हमेशा मौजूद रहती है।"

हमारी मुक्ति गरीबों से जुड़ा है

पोप फ्राँसिस ने कहा कि इवेंजेली गौडियम ने यह स्पष्ट करने की कोशिश की है कि कलीसिया का प्रचार मिशन और हमारा ख्रीस्तीय जीवन "गरीबों की उपेक्षा नहीं कर सकता"।

उन्होंने कहा, “हमारी मुक्ति का पूरा मार्ग गरीबों द्वारा चिह्नित है। सब कुछ।”

पोप ने याद किया कि येसु एक गोशाला में पैदा हुए थे, उन्होंने अपने हाथों से काम किया और गरीबों एवं वंचितों को "अपने दिल के केंद्र में" रखा।

संत पापा ने कहा कि कलीसिया को येसु के "स्पष्ट, प्रत्यक्ष, सरल और वाक्पटु संदेश को प्रासंगिक बनाने के किसी भी प्रयास का विरोध करना चाहिए... क्योंकि यहाँ हमारी मुक्ति दांव पर है।"

उन्होंने कहा, "इसलिए, पोप गरीबों को केंद्र में रखे बिना नहीं रह सकते।" “यह राजनीति, समाजशास्त्र या विचारधारा नहीं है; यह केवल और पूरी तरह से सुसमाचार की मांग है।"

संत पापा ने कहा कि इस "अपरिवर्तनीय सिद्धांत" के व्यावहारिक परिणाम को प्रत्येक कलीसियाई संस्था और ख्रीस्तियों पर लागू होना चाहिए।

उन्होंने कहा, "जिस चीज से कोई बच नहीं सकता या खुद को माफ नहीं कर सकता, वह प्यार का कर्ज है जो हर ख्रीस्तीय - और मैं कहने की हिम्मत करता हूँ, हर इंसान - गरीबों के प्रति ऋणी है।"

असमानता सभी सामाजिक बुराइयों की जड़ है

पोप फ्रांसिस ने बताया कि इवेंजेली गौडियम ने ख्रीस्तीयों से असमानता की समस्या का समाधान करने का आग्रह किया है जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह गरीबी और सामाजिक बुराइयों की जड़ है।

उन्होंने नई सामाजिक संरचनाओं और एक नई मानसिकता के लिए अपने आह्वान को दोहराया जो "बाजार ताकतों और वित्तीय अनुमान की पूर्ण स्वायत्तता" को उलट देता है।

"अगर हम इस मानसिकता और संरचनाओं में बदलाव नहीं करते हैं, तो हम जलवायु, स्वास्थ्य, प्रवासन और विशेष रूप से हिंसा एवं युद्धों को गहराते हुए देखेंगे, जो गरीब और धनी दोनों, एकीकृत और बहिष्कृत पूरे मानव परिवार को खतरे में डाल देगा।"

पोप ने कहा कि उनका पहला विश्वपत्र, लौदातो सी, उनके इस एहसास से उपजा है कि जलवायु संकट की जड़ "इस अर्थव्यवस्था की असमानता है जो मारती है।"

गरीबों की पुकार सुनना

अंत में, पवित्र पिता ने ख्रीस्तीयों से गरीबों और पृथ्वी की पुकार सुनने का आग्रह किया, ताकि हम अपने प्रचार मिशन को पूरा कर सकें और उसी तरह जी सकें जिस तरह येसु ने हमें जीने के लिए आमंत्रित किया है।

संत पापा ने कहा, “इस संगोष्ठी के लिए पुनः धन्यवाद, आपने जो किया उसके लिए धन्यवाद। मैं आप सभी को अपनी आशीष देता हूँ एवं प्रार्थना के द्वारा आपके साथ हूँ।”

 

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25 November 2023, 14:19