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सिनॉड के महासचिव कार्डिनल मारियो ग्रेच संत पापा फ्राँसिस की बगल में सिनॉड के महासचिव कार्डिनल मारियो ग्रेच संत पापा फ्राँसिस की बगल में   (ANSA)

एक साथ चलना और पवित्र आत्मा को सुनना

सिनॉडालिटी (एक साथ चलने) पर धर्मसभा का परिचय देते हुए, सिनॉड के महासचिव कार्डिनल मारियो ग्रेच ने सिनॉडल प्रक्रिया की भावना पर प्रकाश डाला एवं सदस्यों को आमंत्रित किया कि वे पवित्र आत्मा को सुनें, ताकि वे तीसरी शताब्दी में कलीसिया में ईश्वर की इच्छा को समझ सकेंगे।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 5 अक्टूबर 2023 (रेई) : बुधवार को वाटिकन के पौल षष्ठम हॉल में धर्माध्यक्षों की धर्मसभा की 16वीं बैठक में, पोप फ्राँसिस के उद्घाटन भाषण के उपरांत सिनॉड के महासचिव कार्डिनल मारियो ग्रेच एवं संबंधक जेनरल कार्डिनल जॉ क्लौदे होलरिक ने सभा को सम्बोधित किया। जिन्होंने 2021 में पोप द्वारा शुरू की गई तीन-वर्षीय धर्मसभा प्रक्रिया के लक्ष्यों, भावना और पद्धति को दोहराया।

सिनॉडल कलीसिया एक सुननेवाली कलीसिया है

तैयारी के चरणों का अवलोकन करते हुए - जिसमें धर्मप्रांतीय, धर्माध्यक्षीय सम्मेलन- पूर्वी कलीसियाओं की धर्मसभा और महादेशीय चरण- शामिल हैं - कार्डिनल ग्रेच ने बताया कि प्रारंभिक संदेह और कुछ कठिनाइयों एवं गलतफहमियों के बावजूद, इस यात्रा ने कलीसिया को "जोश में बढ़ने" में मदद की है,  इसे "एक साथ चलने" के धर्मसभा अनुभव में प्रशिक्षित किया है।

"कलीसिया खुद को एक चौराहे पर पाती है और सीधे तौर पर कहा जाए को चुनौती धार्मिक या कलीसियाई प्रकृति की नहीं है, लेकिन इतिहास के इस क्षण में कलीसिया हर पुरुष और महिला के लिए ईश्वर के प्यार का चिन्ह और साधन कैसे बन सकती है।"

कार्डिनल ग्रेच ने कहा, “आज, हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि पोप फ्राँसिस ने धर्माध्यक्षों की धर्मसभा की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर भाषण में कलीसिया का जो दृष्टिकोण प्रस्तावित किया था वह कितना सच है: 'एक सिनॉडल कलीसिया सुननेवाली कलीसिया है।'”

धर्मसभा कलीसिया की सिनॉडालिटी (एक साथ चलने) के लिए एक मजबूत चिन्ह

इसलिए, इन पिछले दो वर्षों में ईश प्रजा और उनके चरवाहों द्वारा धर्मसभा का गहन अनुभव, सभा को "परंपरा के प्रकाश में, ईश्वर के वचन को सुनते हुए, कलीसिया के लिए सिनॉडालिटी का एक मजबूत चिन्ह बनने" का आह्वान करता है, ताकि आज के लिए ईश्वर की इच्छा को समझ सकें" और "कलीसिया को सिर्फ एक रूप में दिखा सकें।"

कार्डिनल ने कहा, जॉन ख्रीस्तोस्तम के शब्द यहाँ सबसे अधिक स्पष्ट दिखाई पड़ते हैं जिन्होंने कहा था कि : “कलीसिया और सिनॉड पर्यायवाची हैं,” यह याद दिलाते हुए कि सिनॉड के धर्माध्यक्ष, रोम के धर्माध्यक्ष के साथ एकता व्यक्त करते हैं, लेकिन साथ ही - और विशेष रूप से यह धर्मसभा - अपने चरवाहों के साथ ईश प्रजा की एकता को भी व्यक्त करती है।   

एकता का एक दृश्यमान चिन्ह

धर्मसभा के महासचिव ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि धर्मसभा एकता का "दृश्यमान चिन्ह" और कलीसिया एवं दुनिया की सेवा में एक साधन बनने के लिए बुलायी जाती है।

“हम यहाँ रेखांकित सवाल को सुनना जारी रखने के लिए बुलाये गये हैं जिसने पूरी सिनॉडल प्रक्रिया का समर्थन दिया है...कि एक सिनॉडल कलीसिया के रूप में आत्मा हमें कौन से कदम उठाने के लिए आमंत्रित कर रही है”?

सिनॉड की 50वीं वर्षगाँठ पर 17 अक्टूबर 2015 को पोप फ्राँसिस के शब्दों का हवाला देते हुए कार्डिनल ने कहा, “यह इस सभा पर निर्भर करता है कि कलीसिया के 'एक साथ चलने' पर, "खुद से सवाल करे - सार्वभौमिक स्तर पर - इस निश्चितता के साथ कि क्या 'सिनॉडालिटी का मार्ग वह मार्ग है जिसकी ईश्वर तीसरी सहस्राब्दी की कलीसिया से अपेक्षा करते हैं।"

पवित्र आत्मा के लिए खुला होना

कार्डिनल होलरिक ने अपने सम्बोधन में वर्तमान सिनॉडल प्रक्रिया और सभा की भावना के बारे में विस्तार से बताया।

उन्होंने धर्मसभा के सदस्यों को याद दिलाया कि धर्मसभा के नायक पवित्र आत्मा हैं, जो "ख्रीस्त को हमारे बीच उपस्थित करते हैं", और "केवल आत्मा के मार्गदर्शन के लिए पूरी तरह खुले रहकर ही हम प्राप्त बुलाहट का प्रत्युत्तर दे पाएंगे।"

यह याद करते हुए कि मिशन धर्मसभा की धारणा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, कार्डिनल होलरिक ने टिप्पणी की कि कलीसिया के मिशन की वास्तविकता को समझने के लिए, धर्मसभा के सदस्य, अपने दृष्टिकोण को पौल सभागार से बाहर "पूरी दुनिया के लिए व्यापक बनाने" हेतु बुलाये जाते हैं,” बहुत सारी बुराइयों से त्रस्त: जलवायु परिवर्तन से लेकर प्रवासन, युद्ध, अत्यधिक ध्रुवीकरण और उपभोक्तावादी जीवनशैली तक पहुँचने के लिए।

सिनॉडालिटी और आत्मपरख के व्याकरण को सीखना

इस संदर्भ में, कलीसिया को अधिक से अधिक सिनॉडल बनने और "धर्मसभा का व्याकरण" सीखने के लिए बुलाया जा रहा है। कार्डिनल होलेरिच ने कहा, "जिस तरह विकास के साथ हमारी भाषाओं का व्याकरण बदलता है, वैसे ही सिनॉडालिटी का व्याकरण भी बदलता है।" "इसलिए, हमारे समय के संकेतों को पढ़ने के द्वारा हमें "काथलिक धर्म के बुनियादी नियमों" को बदले बिना, हमारे समय के लिए सिनॉडालिटी के व्याकरण की खोज करने में मदद मिलनी चाहिए।”

कार्डिनल होलरिक ने एक बार फिर धर्मसभा के सदस्यों को याद दिलाया कि उनका काम बहुमत के सिद्धांत द्वारा शासित संसदीय बहस नहीं है, बल्कि "आत्मपरख का एक सामूहिक कार्य है", जिसे एक साथ प्रार्थना किए बिना नहीं किया जा सकता है।

"वास्तविक आत्मपरख के माध्यम से, पवित्र आत्मा हमारे दिमाग और हमारे दिलों को नई स्थिति के लिए खोलता है, ए और बी को पीछे छोड़ देता है!"

पवित्र आत्मा में वार्तालाप की पद्धति

कार्यों के आयोजन के संबंध में -जो परम्परा के अनुसार, महासभा और छोटे कार्य दल, चिरकोली मिनोरी, पूरा किए गए कार्य का संश्लेषण तैयार करने से पहले सिनॉडालिटी के चार विषयों : साम्य, मिशन, भागीदारी और सुनने पर विचार करेंगे। कार्डिनल होलरिक ने याद किया कि छोटे दलों में चर्चाएँ पिछले दो वर्षों की धर्मसभा यात्रा की निरंतरता में "पवित्र आत्मा में बातचीत" की पद्धति का पालन करेंगी।

उन्होंने बताया कि इस पद्धति की एक खूबी यह है कि यह "हर किसी के दृष्टिकोण को व्यक्त करने की अनुमति देती है, मतभेदों की उपेक्षा किए बिना सामंजस्य को बढ़ाती है, लेकिन सबसे ऊपर ध्रुवीकरण और विवाद को हतोत्साहित करती है" और "इसका उद्देश्य गुटों में विभाजित किए बिना एकरूपता”या विभाजित हुए बिना आम सहमति बनाना है" "इस तरह", कार्डिनल होलेरिच ने कहा, "यह एक दूसरे को सुनने से लेकर आत्मा को सुनने तक के मार्ग को बढ़ावा देता है।"

सिनॉड के अगले सत्र रोड मैप

अपने संबोधन को समाप्त करते हुए, उन्होंने आशा व्यक्त की कि धर्मसभा का काम अगले साल अक्टूबर में होने वाले दूसरे अंतिम सत्र के लिए "रोड मैप" के विकास की अनुमति देगा।

उन्होंने कहा, "आदर्श रूप से, इस रोडमैप को यह इंगित करना चाहिए कि हम कहाँ महसूस करते हैं कि हमारे बीच और सबसे बढ़कर ईश्वर के लोगों के बीच आम सहमति बन गई है, आत्मा की आवाज की प्रतिक्रिया के रूप में उठाए जानेवाले संभावित कदमों को निर्धारित करते हुए। लेकिन इसमें यह भी बताया जाना चाहिए कि गहन चिंतन की जरूरत कहां है और चिंतन की उस प्रक्रिया में क्या मदद मिल सकती है।''

सिनॉड का उद्घाटन

 

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05 October 2023, 17:47