खोज

येसु के पवित्र हृदय के मिशनरियों के 26वें सामान्य महासभा में प्रतिभागियों के साथ संत पापा फ्राँसिस  येसु के पवित्र हृदय के मिशनरियों के 26वें सामान्य महासभा में प्रतिभागियों के साथ संत पापा फ्राँसिस   (ANSA)

संत पापा : ‘उदासी पवित्र जीवन को बर्बाद कर देती है, ईश्वर की दया बनें'

संत पापा फ्राँसिस ने येसु के पवित्र हृदय के मिशनरियों के 26वें सामान्य महासभा में प्रतिभागियों का स्वागत किया और उन्हें संस्थापक फादर शेवेलियर की तरह दुनिया में गरीबों और प्रवासियों पर बार-बार होने वाले कई दुखों और अन्यायों का सामना करने के लिए आमंत्रित किया।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, सोमवार 2 अक्टूबर 2023 (वाटिकन न्यूज, रेई) : संत पापा ने वाटिकन के संत क्लेमेंटीन सभागार में जनरल ब्रदर अबज़ालोन अल्वाराडो टोवल के साथ 90 धर्मसंघियों का स्वागत किया जो 1854 में फ्रांस में फादर जूल्स शेवेलियर द्वारा स्थापित धर्मसंघ के 26 वें सामान्य महासभा में भाग लेने के लिए एकत्रित हुए हैं।

प्रार्थना की अपरिहार्य भूमिका

संत पापा फ्राँसिस येसु के पवित्र हृदय के मिशनरियों को संबोधित कर कहा कि दुनिया में नए सिरे से उभर रहे कई दुखों और अन्यायों का सामना करते हुए और खुद से सवाल करते हुए, "अपने आप को मसीह के दिल की करुणा में शामिल होने से न डरें", ईश्वर को "आपके माध्यम से प्यार करने" की अनुमति दें, जैसा कि आपके संस्थापक ने किया था, "यदि आवश्यक हो, तो अपनी योजनाओं और परियोजनाओं को संशोधित भी करें" और जैसे ईश्वर "दयालु और कोमल" है, वैसे ही आप दूसरों के साथ रहें और प्रार्थना में येसु के साथ संवाद करें।

संत पापा ने याद दिलाया कि समय के साथ मिशनरियों का अनुसरण पवित्र हृदय की माता मरियम की पुत्रियों और पवित्र हृदय की मिशनरी धर्मबहनों द्वारा किया गया और बाद में सामान्य सहयोगियों द्वारा, जिन्हें लोकधर्मियों का शेवेलियर परिवार कहा जाता है।

संस्थापक ने सभी को "मिशनरियों के रूप में सोचा, जो मनुष्यों से प्रेम की प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए दुनिया में ईश्वर के प्रेम को उजागर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" संत पापा फ्राँसिस ने महासभा के लिए चुने गए विषय, "अहंकार से प्रतिध्वनि तक" पर चिंतन करते हुए तीन मूलभूत दृष्टिकोणों की ओर इंगित किया जो संस्थान के सदस्यों के करिश्मे और मिशनरी प्रतिबद्धता की विशेषता होनी चाहिए।

पहला: सुसमाचार के माध्यम से येसु के हृदय को जानना

पहला है "सुसमाचार के माध्यम से येसु के हृदय को जानना", यानी उनके जीवन पर ध्यान देना। वास्तव में, मसीह आज भी हमारी यात्रा में साथी बने हुए हैं, जैसा एम्मॉउस में दो चेलों के सहयात्री बने थे।

रास्ते में येसु ने एम्मॉउस के शिष्यों को धर्मग्रंथों की जो व्याख्या दी। यह उस व्यक्ति की प्रत्यक्ष गवाही है जिसने जो कहा है उसे पूरा किया। पुनर्जीवित व्यक्ति, जो रोटी तोड़ते हुए खुद को प्रकट करता है, "वही है जिसने जीवन देकर मृत्यु पर विजय प्राप्त की, जिसने लोगों को अपने दिव्य और मानवीय हृदय से बिना किसी माप के प्यार करके पिता का प्यार दिखाया।" इस तरह से हम येसु के हृदय को जानते हैं: सुसमाचार में उनकी असीम दया पर विचार करके, माता मरिया की तरह, जिन्हें मिशनरी "पवित्र हृदय की हमारी महिला" की उपाधि से सम्मानित करते हैं। वे अपने बेटे के पवित्र हृदय को हमें दिखाना जानती हैं।

दूसरा: भाईचारे के आदान-प्रदान में वचन को गहरा करें

संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि इस मजबूत अनुभव को यात्रा के लिए हल्का बनाने के लिए, "इसे साझा करने के संवर्धन से भी गुजरना होगा।" यह दूसरा दृष्टिकोण है: "भाईचारे के आदान-प्रदान में वचन को गहराई से समझें।"

फादर शेवेलियर के जीवन में भी, “साझा करना महत्वपूर्ण था।” सेमिनरी में उन्होंने अपने उत्साह और अपने सपनों को कुछ संवेदनशील साथियों तक पहुँचाया, जिन्हें शब्दों के खेल से उन्होंने पवित्र हृदय के शूरवीरों (शेवेलियर्स) के रूप में परिभाषित किया। और कुछ वर्षों बाद "उसी उत्साह से प्रेरित होकर, उन्होंने संस्थान की नींव शुरू करने के लिए अपेक्षित संकेत देखा"। संत पापा ने कहा कि वे वचन में, संस्कारों में और जीवन में, हर चीज के आधार पर और सबसे पहले, हमेशा मसीह के साथ अपनी मुलाकात को भाईचारे के साथ साझा करने का निमंत्रण दें। इस तरह वे रचनात्मक तरीके से सबसे गंभीर समस्याओं से भी निपटने में सक्षम होंगे।

तीसरा: मिशन में ख़ुशी की घोषणा

अंत में, तीसरा और अंतिम दृष्टिकोण "मिशन में खुशी की घोषणा" है, एम्मॉउस के शिष्यों की तरह, जो "बिना देरी के प्रस्थान करते हैं, येरूसालेम लौटते हैं और घटना को बताते हैं।"। संत पापा ने कहा कि महासभा का आदर्श वाक्य, "अहंकार से प्रतिध्वनि तक", स्वयं से बाहर जाकर "सामान्य घर, परिवार, समुदाय, सृष्टि" को देखने का निमंत्रण है। एक मजबूत अभिव्यक्ति "और आपके भविष्य के लिए एक प्रतिबद्धता, विशेष रूप से नए प्रकार की प्रेरिताई की समझ के लिए जिसके लिए आप खुद को खोल सकते हैं।"

उदासीनता से दूर रहें

संत पापा ने मिशनरियों द्वारा किये गये कार्यों के लिए धन्यवाद देते हए संत पापा ने कहा कि वे उत्साह के साथ अपने उदार कार्यों को करना जारी रखें। और एक आखिरी सिफ़ारिश...संत पापा ने कहा कि वे उदासीनता से दूर रहें,क्योंकि यह वह कीड़ा है जो व्यक्तिगत जीवन और समर्पित जीवन को बर्बाद कर देता है।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

02 October 2023, 15:55