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देवदूत प्रार्थना का संचालन करते पोप फ्राँसिस देवदूत प्रार्थना का संचालन करते पोप फ्राँसिस  (ANSA)

देवदूत प्रार्थना में पोप : विश्वास व दैनिक जीवन में घनिष्ठ संबंध

रविवार को देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पापा फ्राँसिस ने यह सोचने के प्रलोभन के खिलाफ चेतावनी दी कि विश्वास और दैनिक जीवन दो अलग-अलग चीजें हैं। उन्होंने इस प्रकार की सोच को एक प्रकार का मानसिक विकार कहा।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, रविवार, 22 अक्टूबर 2023 (रेई) : वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 22 अक्टूबर को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया जिसके पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बधित कर कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

आज की धर्मविधि का सुसमाचार पाठ कुछ ऐसे फरीसियों के बारे बतलाता है जो येसु को अपनी बातों के फंदे में फंसाने के लिए हेरोदियों के साथ जुड़ते हैं। वे उन्हें हमेशा फंसाने की कोशिश करते थे। वे उनके पास जाते और उनसे पूछते हैं: “कैसर को कर देना उचित है या नहीं? ”(मती. 22:17)

संत पापा ने कहा कि यह फरीसियों का एक छल था जिसके द्वारा उनका विचार था कि “यदि येसु कर को वैध बनाते हैं, तो वे खुद को एक राजनीतिक शक्ति के पक्ष में रखेंगे जिन्हें लोगों का समर्थन प्राप्त नहीं था, पर यदि वे इसे भुगतान न करने के लिए कहेंगे, तो उस पर साम्राज्य के खिलाफ विद्रोह का आरोप लगाया जा सकता है।

हालाँकि, येसु इस जाल से बच जाते हैं। वे उनसे एक सिक्का दिखाने के लिए कहते हैं, जिस पर कैसर की तस्वीर थी, और उनसे कहते हैं: "जो कैसर का है उसे कैसर को दो, और जो ईश्वर का है उसे ईश्वर को"(21)। इसका अर्थ क्या है?

विश्वास और दैनिक जीवन एक दूसरे अलग नहीं

संत पापा ने कहा, “येसु के ये शब्द आम हो गए हैं, लेकिन कभी-कभी कलीसिया और राज्य, ख्रीस्तीयों और राजनीति के बीच संबंधों के बारे में बात करने के लिए इनका गलत तरीके से या कम से कम संक्षिप्त रूप से प्रयोग किया जाता है; अक्सर उनकी व्याख्या ऐसे की जाती है मानो येसु "कैसर" को "ईश्वर" से, यानी सांसारिक वास्तविकता से अलग करना चाहते थे। कभी-कभी हम भी इस तरह सोचते हैं: विश्वास अपनी प्रथाओं के साथ एक बात है, और दैनिक जीवन दूसरी बात। उन्होंने कहा, जी नहीं, यह "सिज़ोफ्रेनिया" (एक प्रकार का मानसिक विकार) का एक रूप है, मानो कि विश्वास का वास्तविक जीवन, समाज की चुनौतियों, सामाजिक न्याय, राजनीति इत्यादि से कोई लेना-देना नहीं है।

हम प्रभु के हैं

वास्तव में, येसु कैसर और ईश्वर को उनके अपने स्थानों पर रखने में मदद देना चाहते हैं। सांसारिक व्यवस्था की देखभाल कैसर का है - यानी, राजनीति, नागरिक संस्थाओं, सामाजिक और आर्थिक प्रक्रियाओं की, और हम जो इस वास्तविकता से घनिष्टता से जुड़े हुए हैं, उन्हें अपने योगदान के माध्यम से समाज को उन चीजों को वापस देना चाहिए जो वह हमें प्रदान करता है। जिम्मेदार नागरिक के रूप में, हमें जो सौंपा गया है उसका ख्याल रखना, काम की दुनिया में कानून और न्याय को बढ़ावा देना, ईमानदारी से अपने करों का भुगतान करना, खुद को आम भलाई के लिए प्रतिबद्ध करना, इत्यादि। हालाँकि, उसी समय, येसु मूल सच्चाई की पुष्टि करते हैं कि मानव ईश्वर से आता है : सभी लोग और हरेक मानव प्राणी। इसका मतलब यह है कि हम किसी भी सांसारिक वास्तविकता, इस दुनिया के किसी भी "कैसर" से संबंधित नहीं हैं। सिक्के पर, सम्राट की तस्वीर है, लेकिन येसु हमें याद दिलाते हैं कि हमारे जीवन में ईश्वर की छवि अंकित है, जिसे कोई भी और कुछ भी धूमिल नहीं कर सकता है।  

इसलिए, जैसा कि बेनेडिक्ट 16वें ने हमें याद दिलाया है, "ख्रीस्तीय कैसर को केवल वही सौंपते हैं जो कैसर का है, ईश्वर का नहीं" (फाइनेंशियल टाइम्स के लिए लेख, 20 दिसंबर 2012)। इस दुनिया की वस्तुएँ कैसर की हैं, परन्तु मनुष्य और दुनिया भी ईश्वर के हैं: इसे नहीं भूलना चाहिए!

चिंतन हेतु प्रश्न

इस प्रकार, येसु हममें से प्रत्येक को हमारी अपनी पहचान पुनः वापस करते हैं: “इस दुनिया के सिक्के पर कैसर की तस्वीर है, लेकिन आप अपने भीतर कौन सी छवि रखते हैं?”

संत पापा ने चिंतन हेतु प्रेरित करते हुए कहा, “आपके जीवन की छवि किसकी है? क्या हमें याद है कि हम ईश्वर के हैं, या क्या हम खुद को दुनिया के तर्क के अनुसार आकार देते हैं और काम, राजनीति और पैसे को पूजा के लिए अपना आदर्श बनाते हैं?”

माता मरियम से प्रार्थना

उसके बाद कुँवारी मरियम से प्रार्थना करते हुए संत पापा ने कहा, “कुँवारी मरियम हमें अपनी और हर इंसान की गरिमा को पहचानने और उसका सम्मान करने में मदद करे।”

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

 

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22 October 2023, 13:14