क्लिंटन वैश्विक पहल से पोप : बच्चों और जलवायु की रक्षा की जानी चाहिए
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, मंगलवार, 19 सितंबर 2023 (रेई) : सोमवार को क्लिंटन फाउंडेशन को दिए गए पोप फ्राँसिस के संबोधन के केंद्र में बच्चे और जलवायु परिवर्तन थे।
क्लिंटन ग्लोबल पहल को "आगे बढ़ाना जारी रखें" सत्र में अपने संबोधन में, पोप फ्राँसिस ने किसी को पीछे छोड़ने नहीं बल्कि सार्वजनिक भलाई में योगदान देने के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने आज की वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए साझा जिम्मेदारी की आवश्यकता पर जोर देते हुए, मुलाकात एवं संवाद की संस्कृति का आह्वान किया।
किसी को पीछे नहीं छोड़ना
संत पापा ने किसी को पीछे नहीं छोड़ने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने सवाल किया कि क्या मानवता इन चुनौतियों से एक साथ मजबूत होकर उभर सकती है और उन्होंने "उदासीनता के वैश्वीकरण" पर अफसोस जताया।
पोप फ्रांसिस ने जलवायु परिवर्तन, मानवीय संकट और युद्ध के खतरे जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को स्वीकार करने के लिए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को धन्यवाद दिया।
उन्होंने सभी को व्यक्तिगत मन-परिवर्तन और यह समझने का प्रयास करने के लिए आमंत्रित किया कि हम सभी जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी चुनौती को अकेले दूर नहीं किया जा सकता है। पोप ने जोर देकर कहा, "कभी अकेले नहीं, बल्कि हमेशा साथ रहेंगे।"
युद्ध को नहीं कहना
इस बात को मन में रखते हुए संत पापा ने हरेक से आग्रह किया कि वे युद्ध का बहिष्कार करें, कूटनीति और संवाद को बढ़ावा दें।
उन्होंने कहा, “यह शांति का रास्ता खोजने का समय है, भाईचारा के लिए बदलाव लाने का समय। "समय आ गया है कि हथियार बंद कर दिए जाएँ और हम बातचीत, कूटनीति की ओर लौटें।"
संत पापा ने पुनः दोहराया, “युद्ध को नहीं, युद्ध को नहीं। आइये, हम एक साथ समय रहते पारिस्थितिक तबाही रोकें और आप्रवासन आपात स्थिति का सामना करें।”
एक विशेष अस्पताल
उसके बाद संत पापा ने वाटिकन के निकट बम्बिनो जेसु अस्पताल के कार्य की ओर ध्यान आकृष्ट किया और संस्था के समर्पण की सराहना की जिसने बच्चों की चिकित्सा के साथ वैज्ञानिक शोध को जोड़ दिया है।
उन्होंने कहा कि हालांकि अस्पताल दुनिया के सभी बच्चों की समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता, लेकिन यह गवाही देना चाहता है कि कई संघर्षों के बावजूद, बच्चों की देखभाल और जरूरत में लोगों का नि:शुल्क स्वागत करने के लिए महान वैज्ञानिक अनुसंधान को एक साथ लाना संभव है।
विज्ञान और आतिथ्य दो चीजें नहीं हैं लेकिन इस स्तर पर कम ही बार एक साथ दिखाई देती हैं। "पोप के अस्पताल" की विशेषता यह है कि यह यथासंभव अधिक से अधिक बच्चों की देखभाल करना चाहता है, भले ही सभी बच्चों को ठीक न किया जा सके।
अंत में, संत पापा ने भाईचारा, चिंता और स्नेह व्यक्त किया। और सभी को निमंत्रण दिया कि वे शांति के रास्ते को अपना सकें एवं भाईचारा के लिए परिवर्तन ला सकें।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और बच्चों की रक्षा की जानी चाहिए।
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