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मंगोलिया के पुरोहितों, धर्मसमाजियों एवं प्रचारकों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस मंगोलिया के पुरोहितों, धर्मसमाजियों एवं प्रचारकों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस 

मंगोलिया में पोप : कलीसिया को निरंतर येसु की घोषणा करना है

पोप फ्राँसिस ने शनिवार को मंगोलिया की अपनी प्रेरितिक यात्रा में उलानबातर के संत पेत्रुस एवं संत पौलुस महागिरजाघर में देश के धर्माध्यक्षों, पुरोहितों, मिशनरियों, धर्मसमाजियों और प्रचारकों से मुलाकात की तथा याद दिलाया कि येसु ही सुसमाचार हैं और कलीसिया को उन्हीं की घोषणा करना है।

वाटिकन न्यूज

उलानबातर, शनिवार, 2 सितंबर 2023 (रेई) : संत पापा ने मिशनरियों की प्रेरिताई के लिए धन्यवाद देते हुए कहा, “धन्यवाद, आप सभी को, आपकी उपस्थिति और आपके विश्वास के लिए। मैं आपके बीच आकर खुश हूँ।” सुसमाचार के आनन्द ने आपको समर्पित जीवन जीने और दूसरे भाई-बहनों के साथ यहाँ रहने तथा प्रभु एवं लोगों की सेवा करने के लिए प्रेरित किया है। “मैं इसके लिए ईश्वर को धन्यवाद देता हूँ।”  

उन्होंने कहा, “चखकर देखो”, क्योंकि प्रभु का आनंद और भलाई क्षणभंगुर नहीं है; वे हमारे भीतर रहते हैं, हमारे जीवन को स्वाद देते हैं तथा चीजों को एक नए तरीके से देखने में मदद देते हैं।” पोप ने कहा, “मैं विश्वास के इस स्वाद को इस भूमि पर सुसमाचार के लिए जीनेवालों की याद कर चखना चाहता हूँ।” सुसमाचार के लिए जीवन जीना, ख्रीस्तीयों के मिशनरी बुलाहट को परिभाषित करने का एक खूबसूरत तरीका है।  

मंगोलिया की कलीसिया में शुरू से मिशनरियों के योगदान की याद करते हुए संत पापा ने कहा, “हम मंगोलिया में सुसमाचार के सभी विश्वस्त सेवकों की याद करते हैं” ... जिन्होंने अपना जीवन ख्रीस्त के लिए समर्पित किया है, उनके माध्यम से लोग ख्रीस्त के चमत्कारों को "देख" और "चख" सकें।

मंगोलिया के पुरोहितों, धर्मसमाजियों एवं प्रचारकों के साथ संत पापा की मुलाकात
मंगोलिया के पुरोहितों, धर्मसमाजियों एवं प्रचारकों के साथ संत पापा की मुलाकात

सुसमाचार के लिए अपना जीवन देना

संत पापा ने कहा, “किसी व्यक्ति को सुसमाचार के लिए क्यों जीवन व्यतीत करना है?” उन्होंने उत्तर देते हुए कहा, खासकर इसलिए क्योंकि “हमने अपने जीवन में ईश्वर के प्रेम की कोमलता को चखा है, स्वाद लिया है, अनुभव किया है, ईश्वर ने स्वयं को येसु में दृश्यमान, स्पर्श योग्य और मुलाकात करने योग्य बना दिया है। जी हाँ येसु सुसमाचार हैं, सभी के लिए एक संदेश,” जिसकी घोषणा कलीसिया को अपने जीवन और उपासना से निरंतर करना है। ख्रीस्त में ईश्वर के प्रेम की अनुभूति वह विशुद्ध प्रकाश है जो हमारी मुखाकृति को प्रकाशित करती एवं बदल देती है।

उन्होंने कहा, “ख्रीस्तीय जीवन ईश्वर के चेहरे पर चिंतन से उत्पन्न हुआ है; यह प्रेम, ईश वचन एवं जीवन की रोटी में प्रभु से दैनिक मुलाकात एवं गरीबों और जरूरतमंद लोगों के चेहरे पर येसु को देख पाने से उत्पन्न हुआ है।”

मंगोलिया के धर्माध्यक्षों के साथ संत पापा फ्राँसिस
मंगोलिया के धर्माध्यक्षों के साथ संत पापा फ्राँसिस

संत पापा ने विगत 31 वर्षों में हुए मिशनरी कार्यों पर ध्यान देते हुए कहा, “मंगोलिया में 31 वर्षों की उपस्थित में ... आपने विभिन्न प्रकार के उदार कार्य के प्रयासों को शुरू किया है, ... जो अच्छे समारी के रूप में ख्रीस्त के दयालु चेहरे को दर्शाते हैं। मैं आपको इस रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ, जो प्यारे मंगोलियाई लोगों के लिए बहुत उपयोगी और फायदेमंद साबित हुआ है।”

मंगोलिया के मिशनरियों को अपने मिशन को आगे ले जाने हेतु प्रभु से जुड़े रहने की सलाह देते हुए संत पापा ने कहा, “मैं आपसे प्रभु को चखने और देखने का आग्रह करता हूँ, उस मूल "दृष्टि" पर लौटते रहने के लिए जहां से सब कुछ शुरू हुआ है।” अन्यथा हमारी शक्ति कमजोर पड़ जायेगी और हमारे प्रेरितिक कार्य खाली सेवा अथवा कर्तव्य पूरा करने का जरिया मात्र होने के खतरे में पड़ जायेंगे।

येसु को उन लोगों में देखना जिन्हें हम सेवा देते

संत पापा ने कहा, “जब हम ख्रीस्त के चेहरे से मिलते, सुसमाचार में उनकी खोज करते और पवित्र संस्कार के सामने मौन आराधना में उनपर चिंतन करते हैं, तब हम उन्हें उन लोगों के चेहरे पर देख सकते हैं जिनकी हम सेवा करते और हमें आंतरिक आनन्द का अनुभव होता है जो कठिनाइयों के बीच भी हमारे दिलों को शांति प्रदान करेगी। हमारे मंगोलियाई भाई और बहनें, जो पवित्र और एक प्राचीन एवं जटिल धार्मिक इतिहास की गहरी समझ रखते हैं, आपके साक्ष्य की तलाश करते हैं और पहचान सकते हैं कि क्या यह वास्तविक है।  

कलीसिया में एकजुट

संत पापा ने मिशनरियों के मुख्य कार्य पर ध्यान देने की सलाह देते हुए कहा, “प्रभु येसु ने अपने शिष्यों को दुनिया में भेजा, राजनीतिक सिद्धांतों के प्रचार के लिए नहीं, लेकिन अपने जीवन से, पिता के साथ अपने संबंध की नवीनता का साक्ष्य देने के लिए। यह हरेक व्यक्ति के साथ भाईचारा का ठोस स्रोत है। कलीसिया की उत्पति इसी आदेश के साथ हुई है और यह केवल असली विश्वास एवं पुनर्जीवित ख्रीस्त के बेहथियार सामर्थ्य से बल प्राप्त करती है और घायल मानवता की पीड़ा को हल्का करने की कोशिश करती है। यही कारण है कि सरकार और सरकारी संस्थानों को कलीसिया के सुसमाचार के कार्यों से नहीं डरना चाहिए। क्योंकि इसके पास आगे बढ़ने के लिए कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं बल्कि ईश्वर की कृपा, करुणा और सत्य के संदेश की शक्ति है जो सभी की अच्छाई को बढ़ावा देती है। इस मिशन को जारी रखने के लिए ख्रीस्त ने अपनी कलीसिया की स्थापना की है और वे ही इसके शीर्ष हैं।

संत पापा ने कलीसिया से आग्रह किया कि वे अपने धर्माध्यक्ष को एक प्रबंधक के रूप में नहीं बल्कि भले चरवाहे ख्रीस्त के जीवित प्रतीक के रूप में देखें जो अपने लोगों को एक साथ लाता और उनका मार्गदर्शन करता है। वहीँ एक शिष्य, ख्रीस्त में अपने बंधुत्व का निर्माण करने और इसे राष्ट्र और इसकी महान सांस्कृतिक विरासत को और अधिक गहराई से स्थापित करने के प्रेरितिक करिश्मे से भरा होता है।    

मंगोलिया के पुरोहितों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस
मंगोलिया के पुरोहितों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस

मंगोलिया में येसु का साक्ष्य देना

संत पापा ने मंगोलिया की कलीसिया के प्रेरितिक कार्य में समर्पित लोगों एवं ख्रीस्तीयों को प्रोत्साहन दिया कि वे अपने वरदानों एवं अपने आपको ख्रीस्त को समर्पित करने की सुन्दरता को पहचानें, जो उन्हें मंगोलिया में अपने प्रेम का साक्ष्य देने के लिए कहते हैं। संत पापा ने कहा कि आप इसे एकजुटता और जीवन में सरलता विकसित कर, लोगों के करीब रहकर, उनकी देखभालकर और अपने जीवन के उदाहरण द्वारा येसु को लाकर पूरा कर सकते हैं।                      

अंततः संत पापा ने काथलिक समुदाय को प्रोत्साहन दिया कि वे अपने आपको माता मरियम को समर्पित करें, उनसे नवीकृत जोश एवं उत्साही प्रेम के लिए प्रार्थना करें ताकि सुसमाचार का अथक एवं आनन्दमय साक्ष्य दे सकेंगे।

उन्होंने कहा, “आगे बढ़ें, ईश्वर आपको प्यार करते हैं, उन्होंने आपको चुना है और आप पर भरोसा करते हैं। मैं आपके नजदीक हूँ और आप सभी को आपके साक्ष्य के लिए और सुसमाचार हेतु समर्पित आपके जीवन के लिए दिल से धन्यवाद देता हूँ।”

संत पापा ने अंत में सभी को प्रोत्साहन दिया कि वे निरंतर प्रार्थना में धीर बने रहें, उदारता में रचनात्मक रहें, एकजुटता में दृढ़ रहें, और सब कुछ में एवं सबके साथ प्रसन्नचित एवं विनम्र बने रहें।  

उन्होंने उन्हें आशीष दी एवं अपनी प्रार्थनाओं का आश्वासन दिया।

मंगोलिया के पुरोहितों, धर्मसमाजियों एवं प्रचारकों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस

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02 September 2023, 15:56