सन्त पापा फ्रांसिस का एक उपनाम है - आश्चर्य के पोप
वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 29 सितम्बर 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्राँसिस को इन दिनों आश्चर्य के पोप उपनाम दिया जा रहा है, इसलिये कि 30 सितम्बर के लिये निर्धारित नवीन कार्डिनलों के अनुष्ठान के लिये मनोनीत कार्डिनलों में से कईयों को नहीं पता था कि वे कार्डिनल नियुक्त किये जायेंगे।
आश्चर्य के पोप
नए कार्डिनलों में से एक, हांगकांग के महाधर्माध्यक्ष स्टीफन चाउ सौ-यान कहते हैं कि निर्वाचित 21 नए कार्डिनलों को नहीं पता था कि उन्हें नियुक्त किया जाएगा, यही कारण है कि सन्त पापा फ्रांसिस को आश्चर्य के पोप कहा जाता है। 30 सितंबर को 21 नए कार्डिनलों की नियुक्ति के लिए निर्धारित बैठक से पहले, निर्वाचित कार्डिनलों ने परमधर्मपीठीय प्रेस कार्यालय में पत्रकारों से मुलाकात की।
तमाम विश्व के कार्डिनलों ने सन्त पापा फ्राँसिस द्वारा की गई नियुक्तियों पर आश्चर्य व्यक्त किया। हांगकांग के नवनिर्वाचित कार्डिनल स्टीफन चाउ सौ-यान ने कहा, "सन्त पापा फ्रांसिस का एक उपनाम है, आश्चर्यों के पोप," उन्हें अपने चुनाव की खबर कैसे मिली इस विषय में बताते हुए उन्होंने कहा, "मुझे बताया नहीं गया था, मुझे रोम में मेरे कुछ मित्रों से यह समाचार मिला। मैं अपने परिवार के साथ भोजन कर रहा था, और मैंने कहा, क्या आपने कोई ग़लत व्यक्ति को तो यह समाचार नहीं भेजा है? उन्होंने कहा, नहीं, यह गलत नहीं है, देवदूत प्रार्थना के समय कहे सन्त पापा के शब्दों की जांच करो।" नवनिर्वाचित कार्डिनल सौ-यान ने कहा, "मैं वास्तव में आश्चर्यचकित था।"
विभिन्न प्रतिनिधित्व
कार्डिनल स्टीफन चाउ सौ-यान ने इस बात को रेखांकित किया सन्त पापा फ्राँसिस ने इन नियुक्तियों में विश्व के अलग-अलग स्थानों के महत्व को प्रकाशित किया है, जिसमें हांगकांग से उनकी आवाज भी शामिल रहेगी। उन्होंने कहा, "महत्वपूर्ण बात यह है कि अधिक विविध आवाज़ें हों, जैसे मंगोलिया से कार्डिनल जियोर्जियो मारेंगो हैं, भले ही वे इतालवी हैं, लेकिन वह मंगोलियाई कलीसिया की ओर से बोलते हैं। मुझे लगता है कि कलीसिया अलग-अलग आवाज़ों और प्रतिनिधित्वों से समृद्ध हो रही है।"
हांगकांग की कलीसिया पर बोलते हुए कार्डिनल सौ-यान ने कहा कि हांगकांग की कलीसिया की भूमिका सेतु निर्माता की भूमिका है, जो अति अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि ख़ुद इतिहास में हांगकांग की भूमिका पूर्व एवं पश्चिम के बीच सेतु बनने की रही है, यह बात हांगकांग की कलीसिया पर भी खरी उतरती है, जो चीन की कलीसिया और सार्वभौमिक कलीसिया के बीच एक सेतु का काम कर रही है।
शनिवार 30 सितम्बर को वाटिकन में सन्त पापा फ्राँसिस एक अनुष्ठान समारोह की अध्यक्षता कर समस्त विश्व के विभिन्न क्षेत्रों के 21 नवीन कार्डिनलों का पदप्रतिष्ठापन करेंगे।
सन्त पापा ने कहा है कि रोम धर्मप्रान्त में 21 नवीन कार्डिनलों का प्रवेश, सन्त पेत्रुस के दर्शन और सम्पूर्ण विश्व में फैली स्थानीय कलीसियाओं के बीच अविभाज्य बंधन को प्रकट करता है।" उन्होंने कहा कि "वे जहां से आते हैं, वह कलीसिया की सार्वभौमिकता को व्यक्त करता है, जो पृथ्वी के सभी लोगों के लिए ईश्वर के दयालु प्रेम की अनवरत घोषणा करती रहती है।"
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