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सितम्बर : हाशिये पर जीवनयापन करनेवाले लोगों के लिए

वाटिकन न्यूज 

"हम उदासीनता के इस स्तर तक कैसे पहुँच सकते हैं?" यह वह सवाल है जो पोप फ्रांसिस ने सितंबर महीने के पोप वीडियो में पूछा है जिसमें वे हमसे पोप के विश्वव्यापी प्रार्थना नेटवर्क के माध्यम से "समाज के हाशिए पर रहनेवाले लोगों के लिए" प्रार्थना करने का आह्वान करते हैं।

संत पापा ने इस महीने के प्रार्थना मनोरथ की शुरुआत में कहा, "सड़क पर मरनेवाला एक बेघर व्यक्ति कभी भी खोज इंजन या समाचार प्रसारण की शीर्ष कहानियों में नहीं दिखाई देगा।"

प्रेस ने जिन्हें भुला दिया

यह प्रार्थना विशेष रूप से उनके लिए है, जिन्हें प्रेस ने भुला दिया है, इस महीने का वीडियो उन्हीं लोगों की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहता है। पोप फ्राँसिस के इस शब्द की तस्वीर को कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका, केन्या, कैमरून और भारत के फुटपाथों पर बेघर लोगों को के रूप में - अकेले या छोटे समूहों में, रास्ते पर देखा जा सकता है; सड़क पर रहनेवाले बच्चे के रूप में जो अपना दिन सैन साल्वाडोर में स्टॉपलाइट पर रुकी कारों की विंडशील्ड धोने में बिताते हैं; स्पेन, फिलीपींस और मध्य अमेरिका, बैंकॉक और बोयनोस आयरिस एवं रियो डी जनेरियो में इमारतों के आसपास उन्हें देखा जा सकता है। 

“एक बेघर व्यक्ति जो सड़क पर मर जाता है सर्च इंजन या समाचार प्रसारण के प्रमुख समाचारों में कभी दिखाई नहीं पड़ता।

हम इस स्तर की उदासीनता तक कैसे पहुँच गये?

क्यों हम “फेंकने की संस्कृत” को स्थान देते हैं - जिसमें लाखों पुरुष और महिलाएँ आर्थिक वस्तुओं की तुलना में कुछ भी नहीं हैं – हम क्यों इस संस्कृति को हमारे जीवन, हमारे शहर, हमारी जीवनशैली पर हावी होने देते हैं?

दूसरी ओर देखने से हमारी गर्दनें अकड़ जाएंगी इसलिए हमें यह स्थिति नहीं देखनी पड़ेगी। कृपया, आइये हम समाज के हाशिये पर जीवनयापन करनेवालों को अदृश्य बनाना बंद करें, चाहे यह गरीबी, आदतों, मानसिक बीमारी या विकलांगता के कारण ही क्यों न हो।

आइये, हम उन्हें स्वीकार करने पर ध्यान दें, उन सभी का स्वागत करने में जो जरूरतमंद हैं।

स्वागत करने की संस्कृति, आतिथ्य सात्कार करने, आश्रय प्रदान करने, घर उपलब्ध कराने, स्नेह देने, मानवीय ऊष्मा प्रदान करने की।

आइये, हम प्रार्थना करें कि जो लोग समाज के हाशिये पर जीवनयापन करते हैं, अमानवीय स्थिति में जीते हैं, कि वे संस्थानों द्वारा उपेक्षित नहीं किये जाएँ और कभी बाहर न रखे जाएँ।”

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29 August 2023, 17:02