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आमदर्शन समारोह में संत पापा फ्रांसिस आमदर्शन समारोह में संत पापा फ्रांसिस 

संत पापाः विश्व युवा दिवस- ईश्वर से मिलन का क्षण

संत पापा फ्राँसिस ने बुधवारीय आमदर्शन समारोह में, विश्व भर से आये तीर्थयात्रियों और विश्वासियों के संग पुर्तगाल की अपनी प्रेरितिक यात्रा का संक्षिप्त विवरण सुनाया।

वाटिकन सिटी

संत पापा फ्राँसिस ने अपने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा पौल षष्टम के सभागार में विश्व के विभिन्न स्थानों से एकत्रित सभी विश्वासियों और तीर्थयात्रियों को संबोधित करते हुए कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनों सुप्रभात।

हाल के दिनों में मैंने पुर्तगाल की यात्रा कर, 37वें विश्व युवा दिवस में भाग लिया। महामारी के बाद लिस्बन में आयोजित इस विश्व युवा दिवस को सभों ने ईश्वर से मिले उपहार स्वरुप अनुभव किया जो युवा हृदयों औऱ उनके कदमों को पुनः आगे ले चलता है। इस युवा दिवस में विश्व भर से अंसख्य य़ुवाओं ने भाग लिया। वे अपने जीवन में आगे बढ़ते हुए येसु को पाने की चाह रखते हैं।

माता मरियम आदर्श

महामारी ने, जैसे कि हम सभी जानते हैं, सामाजिक परिस्थिति को बुरी तरह प्रभावित किया, जहाँ अलगाव अक्सर बंद होने में बदल जाता है, और युवा इसके द्वारा विशेष रूप से प्रभावित होते हैं। इस विश्व युवा दिवस के द्वारा ईश्वर ने हमें दूसरी दिशा को में “ढ़केल” दिया। येसु ख्रीस्त के नाम पर, इस में महाद्वीपों के युवाओं में एक महान तीर्थयात्रा की एक नई शुरुआत हुई। और यह कोई संयोग की बात नहीं थी कि ऐसा लिस्बन शहर में हुआ, जो समुद्र की ओर निहारने वाला एक शहर है, जिसकी खोज समुद्री छोर से की जा सकती है। इस विश्व युवा दिवस में सुसमाचार ने युवाओं के लिए मरियम को एक आर्दश स्वरूप प्रस्तुत किया।

मरियम की तत्परता

संत पापा फ्रांसिस ने कहा कि अपने जीवन के कठिन परिस्थिति में रहते हुए, वे अपनी कुटुबिनी एलिजबेद के संग भेंट करने जाती हैं जिसके बारे में सुसमाचार हमें कहता है, “वह उठी और शीघ्रता से चल पड़ी” (लूका. 1.39)। उन्होंने कहा कि मैं मरियम की इसी छवि को पसंद करता हूँ, वे सदैव अपने कार्यों को शीघ्रता से करती हैं, वे हम सभों को कभी प्रतीक्षा की अवस्था में नहीं छोड़ती हैं, क्योंकि वे सभों की माँ हैं। इस भांति मरियम, तृतीय शताब्दी में युवा तीर्थयात्रियों को येसु से मिलन और उनका अनुसरण करने हेतु अगुवाई करती हैं जैसे कि उन्होंने एक सदी पूर्व पुर्तगाल के फातिमा में किया, जब उन्होंने तीन बच्चों के माध्यम कलीसिया और विश्व को विश्वास तथा आशा एक संदेश दिया। संत पापा ने कहा, “यही कारण है कि मैं फातिमा, दर्शनों के स्थल लौटकर आया और कुछ बीमार युवाओं के संग मिलकर ईश्वर से प्रार्थना की कि वे विश्व को चंगाई प्रदान करें, हृदय की बीमारियाँ से- घमंड, झूठ, शत्रुता, हिंसा से, ये सारी हृदय की बीमारियाँ हैं और दुनिया इन बीमारियों से ग्रस्ति है।” हमने माता मरियम के निष्लंका हृदय के प्रति अपने, यूरोप और विश्व के समर्पण को नवीन किया। उन्होंने कहा कि मैंने शांति हेतु प्रार्थना की क्योंकि विश्व के सभी भागों में बहुत से युद्ध हैं, बहुत अधिक।

ईश्वर से मिलन का समय- विश्व युवा दिवस

विश्व के युवागण भारी संख्या और अदम्य जोश में लिस्बन आये। संत पापा ने कहा कि मैंने उन्हें भिन्न छोटे दलों में पाया, कुछ अपनी ढ़ेर सारी समस्याओ में, यूक्रेन के युवाओं ने अपने साथ अपनी दर्द भरी कहानियों को लाया। यह छुट्टियों का एक अवसर नहीं था या स्वयं के लिए एक आध्यात्मिक घटना, विश्व युवा दिवस कलीसिया के माध्यम जीवित प्रभु येसु से मिलन का अवसर था। युवा अपने में येसु से मिलने जाते हैं, यह सच है कि जहाँ युवा लोग हैं वहाँ खुशी है, वहाँ हम एक तरह से अन्य सारी चीजों को पाते हैं।

पूर्तगाल कलीसिया हेतु कृपा का क्षण

विश्व युवा दिवस के अवसर पर पुर्तगाल की यात्रा में मैंने उत्सवपूर्ण महौल का लुफ्त उठाया, युवा शांतिमय तरीके से देश और इसकी सुन्दर राजधानी में भीड़ के भीड़ चहल-कदमी कर रहे थे। संत पापा ने कहा कि मैं लिस्बन की कलीसिया के लिए ईश्वर का विशेष धन्यवाद करता हूँ जिसने अपने बृहृद प्रयास के आदान-प्रदान से इस मिलन समारोह का आयोजन किया। वह अपनी यात्रा की निरंतरता में बनी रहने हेतु शक्ति प्राप्त करे जिसके द्वारा वह अपने प्रेरितिक जुनून को आगे बढ़ा पायेगी। पुर्तगाल के युवाओं को हम आज की परिस्थिति में पहले से अति महत्वपूर्ण उपस्थिति में पाते हैं और अब इस “आधान” के द्वारा वे अपने में और भी अधिक सजीव हो जायेंगे।

संत पापा ने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि अपने देश को लौटने के पूर्व  बहुत से युवाजन रोम से होकर गुजर रहे हैं जिन्हें मैं यहाँ भी देख सकता हूँ। वे यहाँ हैं, जहाँ युवा हैं वहाँ शोरगुल लाजिमी है, वे जानते हैं इसे कैसे करना है।

युवाओं का संदेश

जबकि यूक्रेन और विश्व के दूसरे अन्य स्थानों में युद्ध की स्थिति है, वहीं दीवार के पीछे गुप्त स्थानों में युद्ध की योजना बनाई जा रही है, विश्व युवा दिवस ने सभों को एक अलग संभावित मार्ग के बारे में बतलायाः भाई-बहनों का एक विश्व जहाँ सभों के झंडे एक-दूसरों की बगल में, बिना घृणा, भयहीन, संकुचित हुए बिना, हथियार रहित एक साथ ऊपर लहरा सकते हैं। युवाओं का संदेश हमारे लिए स्पष्ट थाः क्या “धरती के बड़े लोग” इसे सुनेंगेॽ यह हमारे समय का दृष्टांत है जिसके बारे में येसु कहते हैं, “जिसके सुनने के कान हों वह सुन ले, जिसकी देखने की आंखें हों वह देखे।” संत पापा ने आशा व्यक्त की कि विश्व दिवस के इस संदेश और युवाओं की सुन्दरता को दुनिया देखे और सुने।

अपने धर्मशिक्षा के अंत में संत पापा ने पुनः पुर्तगाल के राष्ट्रपति जो सभी कार्यक्रमों में उपस्थित  थे और विभिन्न सामाजिक अधिकारियों, लिस्बन को कलीसियाई अधिकारियों, धर्माध्यक्षों और विश्व युवा दिवस के अधिकारियों, स्वयंसेवियों और सहयोगियों के प्रति कृतज्ञता के भाव प्रकट किये। उन्होंने अपने प्रेरितिक यात्रा के अंतिम पड़ाव पर स्वयंसेवियों से मिलने की चर्चा की जिनकी संख्या पच्चीस हजार थी। संत पापा ने सभी युवाओं और पुर्तगालवासियों को माता मरियम के हाथों में सुपुर्द करते हुए सभों के संग मिलकर एक साथ दूत संवाद प्रार्थना का पाठ किया।  

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09 August 2023, 16:31