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संत पापा फ्राँसिस पुर्तगाल में संत पापा फ्राँसिस पुर्तगाल में  (AFP or licensors) संपादकीय

हर कोई के लिए

हमारे संपादकीय निदेशक ने पोप फ्राँसिस की कलीसिया द्वारा सभी का स्वागत करने की भावुक अपील पर अपने विचार साझा किए हैं, क्योंकि ईश्वर हमें वैसे ही प्यार करते हैं जैसे हम हैं।

अंद्रेया तोरनियेली

“कलीसिया में हर कोई के लिए स्थान है...हर कोई, हर कोई, हर कोई!”

संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार शाम को लिस्बन के एडवर्ड सप्तम पार्क में अपने गर्मजोशी से स्वागत करनेवाले पांच लाख युवाओं को इस शब्द को कई बार दोहराने के लिए प्रोत्साहित किया।

पोप उन लड़कियों और लड़कों के अत्यधिक उत्साह से प्रेरित और उत्साहित दिखे, जो अपने पुरोहितों और शिक्षकों के साथ, दुनिया भर से पुर्तगाल गए हैं।

संत पापा ने कहा, “हर कोई, पारा तोदोस।” उनका संदेश स्पष्ट रूप से उनके परमध्यक्षीय काल के पहले दस वर्षों का प्रतीक है - एक ऐसा परमध्यक्षीय काल जो करूणा के बैनर तले शुरू हुआ था।

कलीसिया हर कोई के लिए जगह है कहने का क्या अर्थ है?

इसको स्पष्ट करते हुए संत पापा ने कहा, “कोई भी बेकार नहीं है; कोई फालतू नहीं है; हरेक के लिए जगह है। जिस प्रकार हम में से प्रत्येक जन कह सकते हैं...’लेकिन संत पापा, मैं तो बदकिस्मत हूँ; मैं पापी हूँ : मेरे लिए जगह नहीं है?’ सभी के लिए जगह है। क्योंकि ईश्वर हमें प्यार करते हैं; ईश्वर हमें वैसा ही प्यार करते हैं जैसे हम हैं।

वे हमारी खामियों, सीमाओं और जीवन में प्रगति की इच्छाओं के साथ हमसे प्यार करते हैं। ईश्वर हमें इस प्रकार बुलाते हैं: विश्वास रखो क्योंकि ईश्वर एक पिता हैं, और वे एक प्रेमी पिता हैं, एक पिता जो हमसे प्रेम करते हैं।”

ऐसे समय में भी जब हर कोई अपना विचार देता और सुनता कोई नहीं है, जब कई लोग ऐसे दिखने की कोशिश करते हैं जो वास्तव में वे नहीं हैं, तब पोप हमें याद दिलाते हैं जिससे अधिक आकर्षक और क्रांतिकारी संदेश नहीं है: ईश्वर हमें वैसे ही प्यार करते हैं जैसे हम हैं, हमेशा हमें माफ करते हैं, खुली बांहों के साथ हमारा इंतजार करते हैं और अपनी दया हमें प्रदान करते हैं।

यह चेतना उस तर्क का प्रतिनिधित्व करता है जो मानवीय क्षमता से परे जाता तथा ईश्वर तक पहुँचता है, जिसे हम सुसमाचार पाठ में जकेयुस की घटना में पाते हैं, उन्हें जेरिखो नगर में सभी लोग नापसंद करते थे। अपने बारे में दूसरों की राय जानने के बावजूद और नाजरेथ के नबी के बारे में उत्सुकता महसूस करने की वजह से  जकेयुस एक गूलर के पेड़ पर चढ़ जाता है और पत्तों के बीच आधा छिपा हुआ येसु के गुजरने का इंतजार करता है।

येसु सबसे पहले उन्हें देखते हैं, उन्हें प्यार करते हैं और जकेयुस के घर जाने की इच्छा प्रकट करते हैं, दर्शकों की अपमानजनक टिप्पणियों की परवाह किए बिना।

येसु का दयालु आलिंगन प्राप्त करने के लिए कोई पूर्व शर्त नहीं है। पालन करने के लिए कोई "निर्देश" नहीं हैं, भाग लेने के लिए कोई प्रारंभिक पाठ्यक्रम नहीं है, न ही सीखने के लिए तकनीक।

जब वे वहाँ से गुजरें तो उपस्थित रहना, प्रेम और दया से भरी उनकी दृष्टि प्राप्त करना ही काफी है। हमें सिर्फ अपनी बाधाओं को दूर करना और उन्हें गले लगाने की जरूरत है, उन गवाहों के चेहरों पर उन्हें पहचानना है जो वे हर दिन हमारे रास्ते में रखते हैं।

कलीसिया के पास हर कोई के लिए जगह है, जैसा कि जकेयुस के लिए था, जिसे अपने घर में अपनी मेज पर येसु की मेजबानी करने का सौभाग्य मिला। वह एक अभूतपूर्व आश्चर्य था, एक मुफ़्त उपहार, जो पूरी तरह कृपा के माध्यम से प्राप्त हुआ था।

येसु की नजर, उनकी बुलाहट, जकेयुस के जीवन को पूरी तरह बदल दिया : क्योंकि वह अब पहले की तरह नहीं जीने लगा, वह अब अपने अस्तित्व में पाप की गंभीरता और भ्रष्टाचार को समझने लगा था।

हालांकि, जकेयुस के लिए प्रेम और क्षमा प्राप्त करने हेतु मन-परिवर्तन कोई पूर्व शर्त नहीं थी।

उसकी गति अलग थी : दिव्य करूणा को अनुभव करते हुए उसने अपने पापाचरण एवं भ्रष्टाचार को महसूस किया। दिव्य करुणा को महसूस करते हुए अपने बारे उसे एहसास हो गया कि वह एक बेचारे पापी के रूप में है।

"पुनःजीवंत" पोप फ्रांसिस ने "युवाओं के बीच" उनके उत्साह से प्रभावित होकर जो निमंत्रण दोहराया, वह आज सुसमाचार प्रचार की कुंजी है।

हमें और क्या चाहिए अगर कोई हमें वैसे ही अपनाए जैसे हम हैं, हमें विशेष महसूस कराए, वांछित, प्यार किया गया और माफ दिया गया? हमें आश्वस्त होने के अलावा और क्या चाहिए: आपके लिए भी जगह है, चाहे आपकी परिस्थितियाँ कुछ भी हों?

युवाओं को पोप का आह्वान

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04 August 2023, 15:06