खोज

क्लारिसियन धर्मबहनों के साथ संत पापा फ्राँसिस क्लारिसियन धर्मबहनों के साथ संत पापा फ्राँसिस  (ANSA)

संत पापा क्लारिस धर्मबहनों से : ईश्वर का प्रचुर प्रेम अर्पित करते रहें

संत पापा फ्राँसिस ने दुनिया भर के लोगों के बीच ईश्वर के अथाह प्रेम को दिखाने के उनके प्रयासों के लिए क्लारिस मिशनरी धर्मबहनों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। वे सुसमाचार के आनंद का प्रसार करते हैं।

वाटिकन समाचार

वाटिकन सिटी, सोमवार 24 जुलाई 2023 : संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार को वाटिकन में क्लारिस मिशनरी धर्मसमाज के 18वां महासभा की प्रतिभागी धर्मबहनों से मुलाकात की। अपने संबोधन में संत पापा ने मिशनरियों से आग्रह किया कि वे हमारे प्रति ईश्वर के अथाह प्रेम की गवाही देते रहें और सुसमाचार का आनंद प्रसारित करते रहें।

उन्होंने उन्हें माता मरियम के पहचान को अपनाने और धन्य माँ के उदाहरण का अनुकरण करने के लिए भी आमंत्रित किया, जिसने हमेशा दूसरों को अपने बेटे का अनुसरण करने के लिए आमंत्रित किया, खुद को कभी नहीं।

संत पापा ने कहा, "कलीसिया और दुनिया को आज आपके समर्पित जीवन के वफादार और साहसी गवाह की तत्काल आवश्यकता है।"

क्लारिस मिशनरी धर्मबहनें

क्लारिस धर्मबहनों का धर्मसमाज 1855 में संत्यागो दे क्यूबा में संत अंतोनी मेरी क्लारेट और मारिया अंतोनिया पेरिस द्वारा स्थापित मिशनरियों का एक समूह है।

इस धर्मसमाज का मिशन "ईश्वर के राज्य और उसके न्याय की तलाश में येसु के संदेश को खुशी के साथ जीना एवं घोषित करना, भाईचारे और कलीसिया के नवीनीकरण में योगदान देना है।" वे दूसरों की मदद करने और दुनिया भर में सुसमाचार फैलाने के लिए सक्रिय रूप से काम करती हैं।

येसु की उपस्थिति में हृदय उदीप्त

संत पापा ने कहा कि उनके धर्मसभा का कार्यक्रम और एक साथ एकत्रित होना, उन्हें एम्माउस की यात्रा की याद दिलाता है, जहां दो शिष्य एक साथ चल रहे हैं, और एक निश्चित क्षण में, वे एक अजनबी से मिलते हैं और बात करते हैं, उसे रात के खाने पर आमंत्रित करते हैं, और बाद में उन्हें एहसास होता है कि अजनबी उनके प्रभु हैं।

संत पापा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि उन्हें पता चलता है कि यह तीर्थयात्री पुनर्जीवित ईसा मसीह हैं, क्योंकि "उन्हें लगता है कि उनके दिल उनकी उपस्थिति में उदीप्त हो रहा है।"  फिर उन्हें "खुशी से भरे प्रसंग का प्रचार करने" का मिशन दिया गया।

संत पापा ने कहा, “एम्माउस की कहानी में हम देखते हैं "धर्मसभा प्रक्रिया के मुख्य तत्व जो हम कलीसिया में अनुभव कर रहे हैं: मुलाकात, सहभागिता, संवाद, साम्य, मिशन।"

संत पापा ने सुनने को बढ़ावा देने और दुनिया भर में सुसमाचार का प्रचार करने के लिए स्थान बनाने हेतु उन्हें धन्यवाद दिया।

मेरियन, मिशनरी, क्लारिसियन

संत पापा ने तीन विशेषताओं पर प्रकाश डाला जो उनके बुलाहट की विशेषता है: उनकी मेरियन, मिशनरी और क्लारिसियन पहचान।

"मेरियन" पहलू पर विचार करते हुए, उन्होंने कहा कि निष्कलंक माँ मरिया उनके साथ है, जो उन्हें मसीह के पवित्र हृदय की ओर इशारा करती हैं।

“यह दिलचस्प है, मरिया कभी अपनी ओर किसी को आकर्षित नहीं करती परंतु हमेशा अपने बेटे येसु की ओर इशारा करती है। यही माता मरिया का मिशन है: येसु की ओर इशारा करना।"

दूसरा "मिशनरी" पहलू की ओर इशारा करते हुए, संत पापा ने कहा कि उन्हें जहाँ भी भेजा जाए, येसु मसीह के संदेश को ले जाने की उनकी इच्छा की सराहना करते हैं। माता मरिया ने विश्वास और कोमलता के साथ, ईश्वर के शब्दों को मूर्त रूप देकर उनके प्रेम के राज्य को दुनिया में लायी।"

"क्लारिसियन" पर पर विचार करते संत पापा ने  संत अंतोनी मारिया क्लारेट की बेटियों के रूप में उनकी पहचान को याद किया, जिन्हें उन्होंने "एक पवित्र चरवाहा, मिशनरी और संस्थापक कहा जो आपके लिए मध्यस्त करते हैं और वे आपके आदर्श है जिसे आप हमेशा देख सकते हैं।"

सुसमाचार का आनंद संचारित करना

संत पापा ने धर्मबहनों से इन तीन अनमोल तत्वों को गहरा करने का आग्रह किया, ताकि वे अपने आस-पास के सभी लोगों को "सुसमाचार के आनंद से भर सकें।"

संत पापा ने कहा, "भौगोलिक सीमाओं और यहां तक कि अस्तित्व संबंधी सीमाओं को पार करने से ना डरें, जैसा कि फादर क्लारेट ने किया था, ताकि हर कोई ईश्वर के हृदय के उमड़ते प्रेम को जान सके।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

24 July 2023, 16:29