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पोप फ्राँसिस: दुनिया में अच्छे बीजों की देखरेख करना सीखें

रविवार को देवदूत प्रार्थना के दौरान संत पापा फ्राँसिस ने विश्वासियों को प्रोत्साहन दिया कि वे "जीवन के खेत में खेती करें", उस सुन्दरता को देखना और सराहना करना सीखते हुए जिसको प्रभु ने हममें, दूसरों में और दुनिया में बोया है, ताकि ईश्वर की भलाई की फसल प्रचुर मात्रा में बढ़े।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, रविवार, 23 जुलाई 2023 (रेई) : दादा-दादी एवं बुजूर्गों के लिए विश्व दिवस के अवसर पर, रविवार 23 जुलाई को वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ करने के पूर्व संत पापा ने विश्वासियों को सम्बोधित करते हुए, जंगली बीज के दृष्टांत पर चिंतन किया।

संत पापा ने कहा, “आज का सुसमाचार पाठ हमारे गेहूँ और जंगली बीज (मती.13:24-43) का दृष्टांत प्रस्तुत करता है। एक किसान जिसने अपने खेत में अच्छा बीज बोया था, पाता है कि उसमें रात में किसी बैरी ने जंगली बीज बो दिया है, जो पौधा गेहूँ के समान ही था लेकिन जंगली पौधा था।”

दुनिया एक बड़ा खेत

उन्होंने कहा, “इस तरह येसु हमारी दुनिया के बारे बोलते हैं जो वास्तव में एक बड़े खेत की तरह है जहाँ ईश्वर गेहूँ (भलाई) बोते हैं और दुश्मन जंगली बीज। जहाँ अच्छे और बुरे दोनों एक साथ बढ़ते हैं।” हम इसे समाचारों में, समाज में और परिवार एवं कलीसिया में भी देखते हैं।

जब अच्छे बीज के साथ जंगली बीज को भी देखते हैं, तो हम उसे तुरन्त उखाड़ देना चाहते हैं, ताकि सफाई किया जा सके। लेकिन आज प्रभु हमें चेतावनी देते हैं कि यह एक प्रलोभन है। कोई भी व्यक्ति एक पूर्ण विश्व का निर्माण नहीं कर सकता, न ही बुरे को शीघ्र नष्ट कर भला काम कर सकता है। क्योंकि इसका अधिक बुरा असर होगा। ऐसा करने पर हम वही कर बैठेंगे जैसा कि एक कहावत है, "बच्चे को नहाने के पानी के साथ फेंक देना।"   

हृदय का खेत

संत पापा ने कहा, “हालांकि एक दूसरा खेत है जहाँ हमें सफाई करने की जरूरत है। यह खेत हैं हृदय, एकमात्र ऐसा स्थान जहां हम सीधे हस्तक्षेप कर सकते हैं। वहाँ भी गेंहूँ और जंगली बीज हैं, वास्तव में वहीं से दोनों दुनिया के विस्तृत में फैलते हैं। हमारा हृदय एक आजाद खेत है, यह बाँझ प्रयोगशाला नहीं है लेकिन एक खुला स्थान है जिसके कारण यह एक नाजुक स्थल है।

इसलिए सही फसल प्राप्त करने के लिए, यह जरूरी है कि अच्छाई की नाजुक टहनी की देखभाल की जाए और दूसरी ओर, खरपतवारों को पहचाना और उखाड़ा जाए। अतः आइये हम अपने अंदर झांककर देखें और जाँच करें कि हममें क्या हो रहा है, क्या बढ़ रहा है, अच्छाई अथवा बुराई।

इसके लिए एक अच्छा उपाय है, अंतःकरण की जाँच, जिसके द्वारा हम ईश्वर के प्रकाश में अपने आपको देखते हैं कि मेरे हृदय रूपी खेत में क्या हो रहा है।

पड़ोसी का खेत

दुनिया के खेत और हृदय के खेत के बाद, एक तीसरा खेत है। हम इसे पड़ोसी का खेत कह सकते हैं। ये वे लोग हैं जिनसे हम हर रोज मिलते हैं और जिनका हम अक्सर न्याय करते रहते हैं। संत पापा ने कहा, “उनके जगली घासों को पहचानना कितना आसान है और उनके बढ़ते अच्छे बीज को पहचानना कितना कठिन। आइये, हम याद रखें कि यदि हम जीवन के खेत को पाना चाहते हैं तो सबसे पहला और महत्वपूर्ण है हमें ईश्वर के कार्य की खोज करना। उस सौंदर्य को देखने सीखना जिसको ईश्वर ने बोया है। धूप से पीले गेहूँ की बालों को, दूसरों में, दुनिया में और अपने आप में देख पाना।

अच्छे बीजों को देखें

आइये, हम कृपा मांगें कि इसे अपने जीवन में देख सकें, बल्कि दूसरों के जीवन में भी देख सकें, अपने सबसे नजदीक के लोगों से शुरू करते हुए। यह कोई अंजान दृष्टिकोण नहीं है, परन्तु विश्वास योग्य है क्योंकि ईश्वर, दुनिया के विशाल खेत के मालिक अच्छाई देखना पसंद करते हैं और इसे बढ़ाना चाहते हैं ताकि फसल लुनने का उत्सव मना सकें।   

चिंतन

संत पापा ने चिंतन हेतु प्रेरित करते हुए कहा, “अतः आज भी हम अपने आप से कुछ सवाल पूछ सकते हैं।”

दुनिया के खेत के बारे सोचते हुए : “क्या मैं जानता हूँ कि हमें अपने स्वयं के जीवन पर ध्यान देना चाहिए और दूसरों के व्यापक निर्णय के साथ "सारे घास को एक साथ बांधने" के प्रलोभन का विरोध कैसे करना चाहिए, जब हमें उनकी कमजोरियों को नजरअंदाज किए बिना यह देखने की कोशिश करनी चाहिए कि क्या अच्छा है?

हृदय के खेत के बारे सोचते हुए : “क्या मैं अपने अंदर की बुरी घास-फूस को ढूँढने में ईमानदार हूँ, और उन्हें ईश्वर की दया की आग में फेंकने में निर्णायक हूँ?”

पड़ोसी के खेत के बारे सोचते हुए : क्या मुझमें यह देखने की बुद्धि है कि दूसरों की कमजोरियों और सीमाओं से हतोत्साहित हुए बिना मैं अच्छाई देख पाता हूँ?

तब माता मरियम से प्रार्थना करते हुए संत पापा ने कहा, “माता मरियम हमें धैर्य पू्र्वक यह देखने में मदद करे कि प्रभु हमारे जीवन के खेत में क्या बोते हैं।”

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

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23 July 2023, 13:18