संत पेत्रुस व पौलुस के महापर्व पर पोप : येसु का अनुसरण एवं ईशवचन
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
संत पापा फ्राँसिस ने संत पेत्रुस और पौलुस के महापर्व के अवसर पर नये महाधर्माध्यक्षों के लिए पालिया पर आशीष प्रदान की।
ख्रीस्तयाग के दौरान अपने उपदेश में संत पापा फ्राँसिस ने संत पेत्रुस और पौलुस की शिक्षा पर जोर दिया जिन्होंने जीवन के एक मौलिक सवाल का जवाब दिया – “येसु मेरे लिए कौन हैं?”- उनके शिष्यों के समान उनका अनुसरण करते हुए एवं सुसमाचार का प्रचार करने के द्वारा।
संत पापा ने कहा कि कलीसिया प्रभु के द्वारा इसी रूप में बुलायी गई है कि वह लगातार एवं दीनता से उनकी खोज करे एवं दुनिया के सामने सुसमाचार की घोषणा करे। लोगों के हृदयों को ईश्वर की उपस्थिति को खोले। संत पापा ने विश्वासियों को आमंत्रित किया कि वे जहाँ कहीं भी हैं, "विशेषकर, उन स्थानों पर जहां गरीबी, क्षय और उपेक्षा की जड़ें गहरी हैं।"
संत पापा ने बतलाया कि प्रेरित हमें सिखलाते हैं कि जब कभी हम सुसमाचार का प्रचार करते हैं, तब हम खुद के लिए सुसमाचार प्रचार करते हैं।
हालांकि हम दूसरों को जितना देते हैं, उससे कहीं अधिक प्राप्त करते हैं, "यह हमारे समय में भी कलीसिया के लिए आवश्यक है: सुसमाचार को केंद्र में रखना, एक ऐसी कलीसिया बनना जो सुसमाचार प्रचार करने से कभी थकती नहीं" : 'धिक्कार मुझे यदि मैं सुसमाचार का प्रचार न करूँ'!
बाहर निकलनेवाली कलीसिया
संत पापा ने विश्वासियों को याद दिलाया कि संत पेत्रुस और पौलुस जिनका पर्व हम आज मना रहे हैं वे हमें येसु का अनुसरण करने और सुसमाचार का प्रचार करने के लिए आमंत्रित करते हैं अतः कलीसिया को उसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
पालियुम
आज नये महाधर्माध्यक्ष संत पापा से पालियुम ग्रहण करते हैं, संत पापा ने इस धर्मविधि की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा, पालियुम “रोम की कलीसिया के साथ सम्मिलित होने का चिन्ह है।”
नये महाधर्माध्यक्षों से संत पापा ने कहा, “संत पेत्रुस और पौलुस के समान प्रेरित बनें”। धर्मशिक्षा देने में प्रेरितों का अनुसरण करें। ईश्वर के सभी लोगों के साथ सुसमाचार की सुन्दरता सभी ओर फैलायें।”
कुस्तुनतुनिया के ग्रीक प्राधिधर्माध्यक्ष के प्रतिनिधियों का अभिवादन
अंत में, संत पापा ने कुस्तुनतुनिया के ग्रीक प्राधिधर्माध्यक्ष के प्रतिनिधियों का अभिवादन किया जो इस समय रोम में हैं।
संत पापा ने उन्हें सम्बोधित कर कहा, “आपकी उपस्थिति के लिए धन्यवाद! जैसे-जैसे हम येसु का अनुसरण करने और वचन का पालन करने में बढ़ते हैं हम एक साथ आगे बढ़ें। संत पेत्रुस और पौलुस हमारे साथ चलें और हमारी मध्यस्थता करें।”
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