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छोटी मिशनरी बहनों ,  डॉन ओरियोन बहनों छोटी मिशनरी बहनों , डॉन ओरियोन बहनों   (Vatican Media)

संत पापाः मातृतुल्य प्रेम सेवा दें

संत पापा फ्राँसिस छोटी मिशनरी बहनों , जिन्हें डॉन ओरियोन बहनों के नाम से भी जाना जाता है, को प्यार करने वाली माँ बनने और दूसरों की कोमलता से सेवा करने को प्रोत्साहित किया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, गुरूवार, 25 मई 2023 (रेई) संत पापा फ्रांसिस ने करूणा की प्रेरिताई धर्मसमाजी धर्मबहनों से मुलाकात करते हुए उन्हें मातृतुल्य प्रेममय सेवा का संदेश दिया।

संत पापा ने 13वीं आमसभा में सहभागी हो रहें करूणा की प्रेरिताई धर्मबहनों से भेंट की और उन्होंने अपने संदेश में कहा कि यह पवित्र आत्मा से मिलन और उनसे वार्ता का अवसर है न कि अपनी पहलों और संरचनाओं पर जिक्र करने का। जब संत लुईजी ओरियोन ने प्रथम समुदाय की स्थापना की तो उन्होंने अपने अनुयायियों को पवित्र आत्मा से प्रेरित ईश्वर और कलीसिया के करूणामय कार्यों के निर्वाहन की जिम्मेदारी सौंपी। इस प्रेरिताई हेतु उन्होंने तीन दिशा निर्देश दिये येसु के संयुक्त रहना, भाइयों के निकट रहना और सेवा में सक्रिया रहना।

 

येसु के संग रहना

येसु के संग संयुक्त रहने के बारे में संत पापा ने कहा कि यह स्पष्ट है कि येसु के संग बने रहना आपके लिए सभी कार्यों में प्रमुख है। द्वितीय वाटिकन महासभा भी सभी धर्मसमाजियों और धर्मबधुओं-बहनों को इसकी याद दिलाते हुए कहती है कि ईश्वर के साथ जुड़े रहना कलीसिया में हमारी प्रेरिताई को और अधिक महत्वपूर्ण बनाता है जैसे कि हम इस प्रथम शिष्यों के जीवन में देख सकते हैं। अतः यह आध्यात्मिक और प्रेरितिक जीवन में महारत हासिल करना नहीं और न ही अपने में परिवर्तन लाते हुए अपने कार्यो को उत्तम तरीक से पूरा करना है, बल्कि यह येसु के मार्ग को अपने जीवन का मार्ग बनाना है। अपने को उनके हाथों में समर्पित करना, उन्हें अपने जीवन में कार्य करने देना, जैसे कि संत पौलुस कहते हैं,“मैं नहीं लेकिन ख्रीस्त मुझ में जीते हैं।”

ईश्वर को विजय होने दें  

“ख्रीस्त का प्रेम हममें निवास करता है” संत ओरियोने ने अपने जीवन में इसका अनुभव किया। “ईश्वर को पाने और दूसरे को समझने हेतु हमें चाहिए कि हम गहन ईश्वरीय जीवन को अपने में जीये”, एक विश्वास को अपने में ज्वल्लित करें जो हमारे चारो ओर चमकता है। संत पापा ने कहा कि आप सर्वप्रथम अपने को ईश्वर के द्वारा विजय होने दें। उनकी उपस्थिति को परमप्रसाद, वचनों और स्वयं में देखें तथा पवित्र आत्मा का धन्यवाद करें। “आप इस बात को याद रखें कि माताओं के रुप में आप बच्चों को सबसे बड़ा उपहार येसु के करूणामय प्रेम का एहसास करने में देते हैं, जिन्हें ईश्वर ने आप को सौंपा है, आप उन्हें प्रेम करना सीखायें, उसी भांति जैसे कि आप उन्हें जानते और प्रेम करते हैं।” आप अपने विश्वास को उनके साथ साझा करें।

भाइयों के निकट रहे

संत ओरियोने ने आप को भाइयों के निकट रखा। येसु भी हमें इस बात की शिक्षा देते हैं, “जो कुछ तुम ने मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों के लिए किया तुम वह मेरे लिये किया” (मत्ती.25.40)। ऐसा करने के द्वारा आप अपनी सेवा में उनसे मिलते और उन्हें अपने प्रेम दिखलाते हैं। ईश्वर अपने को सबसे छोटों में व्यक्त करते हैं अतः आप अपनी कोमलता को दूसरे के संग साझा करें। संत पापा ने कहा कि रोटी का एक छोटा टुकड़ा, मुस्कान के साथ दूसरों को बांटना, एक भोज से बेहतर है, जिसमें प्रेम का स्वाद नहीं है। आपके निवास मातृत्वमय प्रेम और सेवा के स्थल हों।

माता की भांति सबों को प्रेम करें

संत लूईजी ने आप को कठिन मेहनत करने की शिक्षा दी है। संत पापा ने कहा कि आप सबसे जरुरमंदों की सेवा में कोई कसर न छोड़ें। “गरीबों, परित्यक्तों, दुःख से पीड़ितों की सेवा करें, आप यह एक माता की भांति करूणामय, सृजनात्मकता और प्रेम से ओत-प्रोत हो कर करें।” एक माता अपने बच्चों की जरुरतों का तिरस्कार नहीं करती है वह कठिन परिस्थितियों में भी उन जरूरतों को पूरा करती है, ऐसा इसलिए क्योंकि वह प्रेम करती है, प्रेम हमें स्वतंत्र और सक्रिया बनाता है। एक माता सभों को प्रेम करती और किसी से भेदभाव नहीं करती है। अतः आप भी एक माता की भांति ऐसा ही करें। ऐसा करने के द्वारा आप सबों को खुशी और आशा से भर देंगे, जीवन का एक ठोस उदाहरण उन युवाओं के लिए देंगे जो अपने को संवेदनशील और जीवन में भ्रमित पाते हैं।

संत पापा ने कहा कि आप अपने को सामारितानी धर्मसमाज की बहनें कहते हैं। अतः आप दूसरों के घावों की चंगाई करें जिससे वे स्वस्थ्य होकर अपने घरों को जा सकें। आप उसी भांति अपने प्रेम को दूसरों के लिए प्रकट करें जैसे कि संत लुईजी ने किया। 

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25 May 2023, 16:32