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इतालवी मिश्नरी संगठनों के सदस्यगण संत पापा के संग इतालवी मिश्नरी संगठनों के सदस्यगण संत पापा के संग  (ANSA)

संत पापाः साक्ष्य द्वारा ख्रीस्त को घोषित करें

संत पापा फ्राँसिस ने इतालवी मिशनरियों को याद दिलाया कि प्रार्थना और सुनना हमें ख्रीस्त के कार्य को मूर्त रूप देने में मदद करते हैं, ईश्वर हमें अपने भाई-बहनों के लिए मुक्ति का स्रोत बनने को कहते हैं।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, गुरूवार, 11 मई 2023 (रेई) संत पापा फ्राँसिस ने इतालवी मिशनरी संस्थानों के सम्मेलन की 50वीं वर्षगाँठ के अवसर पर प्रेरितिक समुदाय से मुलाकात की और उन्हें ईश्वर के प्रेम संदेश को निरंतर बांटते रहने को प्रेरित किया।   

संत पापा फ्रांसिस ने मिशनरी संस्थानों के सदस्यों के समर्पित कार्य हेतु उनका धन्यवाद अदा करते हुए कहा कि द्वितीय वाटिकन महासभा कहती है, “पूरी कलीसिया मिशनरी है, और सुसमाचार प्रचार का कार्य ईश्वर के लोगों का एक मौलिक कर्तव्य है”। उन्होंने कहा कि कलीसिया की उद्घोषणा अपने में वैकल्पिक या छोटा नहीं अपितु एक मुख्य आयाम है। यह पवित्र आत्मा में उत्पन्न “बाहर जाने वाला” एक समुदाय है। “प्रेरिताई ख्रीस्तीय जीवन का ऑक्सीजन है जिसके बिना यह अपने में बीमार और मुरझा जाती है।”

संत पापा ने कहा कि इस मनोभाव से आप के द्वारा किये जाने वाले सारे कार्य पवित्र आत्मा की शक्ति में पुनर्जीवित ख्रीस्त के प्रेम को प्रसारित करे जिससे दीवारें तोड़ी जा सकें और सुसमाचार के सिद्धांतों प्रेम, न्याय और शांति की स्थापना पूरे समाज में की जा सके।

हमारे प्रेरितिक कार्य

आप के संगठनों के मुख्य कार्य- जीवन का साक्ष्य, ईशवचन का प्रचार, धर्मशिक्षा और संस्कारों का अनुष्ठान की चर्चा संत पापा पौलुस 6वें भी करते हैं जो हमारे लिए प्रथम ख्रीस्तीय समुदाय की प्रेरणा को प्रस्तुत करता है जिसके फलस्वरुप उन्होंने पवित्र आत्मा की प्रेरणा और उत्साह में सुसमाचार की घोषणा की। संत पापा ने कहा, “यही आप की कार्य शैली रहे, आप ख्रीस्त का साक्ष्य अपने जीवन के द्वारा दें।” उन्होंने संगठन के लोगों को अपने बीच, संस्थानों, संस्कृतियों की विभिन्नताओं, उम्र, सोचने विचारने के तरीकों में प्रेम को विकसित करने का आहृवान किया जिससे उनकी सेवा में आदर्श प्रस्तुत हो सके। “आप अपने बीच गरीबों और परित्यक्त लोगों का स्वागत अपने करें, वे आप के लिए पास्का की खुशी का कारण बनें।”

शक्ति के स्रोत

संत पापा ने संगठन के सदस्यों को ईशवचन, यूखारिस्तीय बलिदान और प्रार्थना से अपने जीवन को प्रोषित करने का आग्रह किया। “एकता में प्रेरिताई कृपा रुपी रहस्य है। यह हमारा नहीं अपितु ईश्वर का कार्य है, हम इसे अकेले नहीं करते बल्कि पवित्र आत्मा से प्रेरित, इसे नम्रता में पूरा करते हैं।” उन्होंने कहा कि प्रेरिताई और एकता प्रार्थना से प्रस्फुटित होती है और दिन-ब-दिन ईश्वर के वचन को सुनने में मजबूती को प्राप्त करती है। इस तरह हम अपने भाई-बहनों के लिए मुक्ति का साधन बनते हैं जिन्हें ईश्वर ने हमारे लिए सौंपा है। इन सारी चीजें के बिना हमारे संगठन खोखले और केवल सामाजिक या कल्याण के कार्य मात्र बना कर रह जाते हैं।

संत पापा ने संगठन के सदस्यों को इस बात के लिए प्रेरित किया कि वे अपने कार्यों को ईशवचनों के श्रवण, यूखारिस्तीय बलिदान और प्रार्थना में पूरा होने दें। “व्यक्तिगत और सामूहिक रुप में आप सारी चीजों को ईश्वर को समर्पित करें, अपने हृदय और संघ को शुद्ध करें जो पवित्र आत्मा के सृजनात्मक कार्यो में बाधा उत्पन्न करती हैं।”

प्रेरिताई का अर्थ

संत पापा एभंनजेली गौदियुम को उद्धरित करते हुए उन्हें इस बात की याद दिलाई कि प्रेरिताई व्यवसाय या संगठन की परियोजना नहीं है और न ही मानवतावादी संगठन या धर्म परिवर्तन है। यह उन सारी चीजों के बढ़कर है। यह हमारे लिए एक निमंत्रण है जहाँ हम निष्ठा, सृजनात्मकता और उदरता में फलों का कामना किये बिना, बिना निराश हुए अपने को पिता ईश्वर के हाथों में समर्पित करते हैं। वे हमें अपनी इच्छा के अनुरूप हमारे प्रयासों को फलप्रद करते हैं।

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11 May 2023, 17:09