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आम दर्शन समारोह के दौरान सन्त पापा फ्राँसिस युवाओं से मिलते हुए, 24.05.2023 आम दर्शन समारोह के दौरान सन्त पापा फ्राँसिस युवाओं से मिलते हुए, 24.05.2023  (VATICAN MEDIA Divisione Foto)

पोलैण्ड के बीमार बच्चों से सन्त पापा ने की मुलाकात

पोलैण्ड से रोम आये बीमार बच्चों ने सोमवार को सन्त पापा फ्राँसिस से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद ग्रहण किया। बच्चों से उन्होंने कहा कि वे स्वतः को कभी भी अकेला न समझें अपितु प्रभु येसु के प्रेम की याद कर अपनी बीमारी के बावजूद आगे बढ़ते जायें।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर, वाटिकन रेडियो

वाटिकन सिटी, सोमवार, 29 मई 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): पोलैण्ड से रोम आये बीमार बच्चों ने सोमवार को सन्त पापा फ्राँसिस से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद ग्रहण किया। बच्चों से उन्होंने कहा कि वे स्वतः को कभी भी अकेला न समझें अपितु प्रभु येसु के प्रेम की याद कर अपनी बीमारी के बावजूद आगे बढ़ते जायें।    

सन्त पापा ने बीमार बच्चों से कहा, मैं आपको देखकर अति प्रसन्न हूँ और आप सबका हार्दिक  स्वागत करता  हूँ। अति प्रिय बच्चों मैं आप सभी को प्रोत्सहित करता हूँ कि आप ईश्वर के प्रेम के प्रेरित बनें।

येसु सदैव हमारे साथ हैं

सन्त पापा ने कहा, जीवन में आपकी यात्रा थोड़ी कठिन है, क्योंकि आपको खुद को ठीक करना है, बीमारी पर काबू पाना है या बीमारी के साथ जीना है, और यह आसान कार्य नहीं है। जीवन में कितनी बार हम खुद को आगे बढ़ने की ताकत न होने की स्थिति में पाते हैं, तथापि, आप कभी अकेले नहीं हैं! येसु हमेशा आपके पास हैं, और वे आपसे  कहते हैं: जाओ, आगे बढ़ो! मैं आपके साथ हूँ"। जब आपने एक बच्चे के रूप पहले कदम उठाने शुरु किये थे तब से येसु आपके साथ हैं और कहते हैं, "मैं आपका हाथ थाम लूंगा"।

सन्त पापा ने कहा, प्रिय बच्चो, येसु हमेशा हमारे साथ रहते तथा हममें आशा का संचार करते हैं, बीमारी के क्षण में भी, अत्यधिक दुखद एवं कठिन परिस्थितियों में भी येसु हमारे साथ रहते और हमें सम्बल प्रदान करते हैं। इसी प्रकार आपके माता पिता, आपके चिकित्सक और आपके मित्र भी आपको आगे बढ़ने की शक्ति देते हैं। प्यारे बच्चो,  ईश्वर आपसे प्यार करते हैं, क्या आप कलीसिया में और विश्व में ईश प्रेम के प्रेरित बनना चाहते हैं? आनन्द और उत्साह के साथ उनके सवाल का प्रत्युत्तर दें तथा ईशप्रेम को अन्यों में बाटें। 

सन्त पापा ने कहा, यदि कोई स्वतः को अकेला पाता है और परित्यक्त महसूस करता है, तो हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पवित्र कुँवारी मरियम हमारी माता हमेशा हमारे क़रीब है, खासकर जब बीमारी का बोझ हमें दबा देता है: वे हमारे क़रीब हैं, उसी प्रकार जैसे वे क्रूस तले अपने बेटे येसु ख्रीस्त के साथ थीं। उनके ममतामय प्रेम की हम याद करें, उनसे प्रार्थना करें और जीवन में आगे बढ़ने का बल प्राप्त करें।

 

 

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29 May 2023, 11:26