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पेन्तेकॉस्त पर पवित्रआत्मा का मरियम एवं प्रेरितों पर अवतरण पेन्तेकॉस्त पर पवित्रआत्मा का मरियम एवं प्रेरितों पर अवतरण   (Copyright (c) 2022 Renata Sedmakova/Shutterstock. No use without permission.)

पवित्रआत्मा शांति और एकता हैं, विभाजन नहीं, सन्त पापा फ्राँसिस

वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में रविवार को पेन्तेकॉस्स महापर्व के उपलक्ष्य में ख्रीस्तयाग के अवसर पर प्रवचन करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने स्मरण दिलाया कि पवित्रआत्मा शांति और एकता हैं, विभाजन नहीं।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार, 29 मई 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में रविवार को पेन्तेकॉस्स महापर्व के उपलक्ष्य में ख्रीस्तयाग के अवसर पर प्रवचन करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने  स्मरण दिलाया कि पवित्रआत्मा शांति और एकता हैं, विभाजन नहीं।

पवित्र आत्मा से प्रार्थना करें

सन्त पापा ने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि वर्तमान विश्व में हम सब एक दूसरे से जुड़ें हैं फिर भी हमारे बीच दरारें, विभाजन, मतभेद और वैमनस्यता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि प्रभु येसु ने अपने पुनःरुत्थान के बाद हमें पवित्रआत्मा का वरदान दिया है जो स्वयं शांति, मैत्री और एकता हैं इसलिये हम प्रतिदन विश्व में शांति और एकता के लिये पवित्र आत्मा से प्रार्थना करें।

सन्त पापा ने कहा, आज हमारी दुनिया में इतना विवाद, इतना विभाजन है। हम सभी "जुड़े" हैं, फिर भी उदासीनता से बेहोश और एकांत से अभिभूत होकर हम ख़ुद को एक दूसरे से अलग पाते हैं। इतने सारे युद्ध, इतने सारे संघर्ष, विश्वस नहीं होता कि मनुष्य इतनी अधिक बुराई में सक्षम है। उन्होंने कहा कि वास्तव में, हमारी शत्रुता को विभाजन की भावना से बढ़ावा मिलता है, विभाजन शैतान का कार्य है जिसके नाम का अर्थ ही "विभाजक" है। प्रकाशना ग्रन्थ में हम पढ़ते हैं कि वही शैतान सारे संसार को भटकाता है, उसके प्रलोभन से बचने के लिये हम सतत् पवित्रआत्मा से प्रार्थना करें, क्योंकि शैतान संघर्ष, अन्याय और बदनामी से आनन्दित होता है। कलह की बुराई का मुकाबला करने के लिए और सद्भाव कायम करने के लिये हमारे प्रयास पर्याप्त नहीं होते इसीलिये प्रभु येसु ने हमें पवित्रआत्मा का वरदान दिया है।  

हर चीज में सामंजस्य

सन्त पापा ने कहा कि पेन्तेकॉस्त के दिन से ही पवित्रआत्मा कलीसिया में क्रियाशील हैं। वे कलीसिया पर निमयों को नहीं थोपते, वे येसु के प्रेरितों पर अवतरित होते तथा उनमें से प्रत्येक को विशिष्ट करिशमे और कृपा का वरदान देते हैं। उन्होंने सचेत किया कि इतने अधिक वरदानों की बहुतायत भ्रम पैदा कर सकती है, लेकिन, जैसा कि सृष्टि में है, पवित्र आत्मा विविधता में एकता और सामंजस्य उत्पन्न करते हैं, इसीलिये कलीसिया एवं उसके सेवकों से यही अपेक्षा की जाती है कि वे विविधता में एकता की खोज करें तथा विभाजनों के बजाय मैत्री, सामंजस्य एवं शांति की स्थापना करें।

सन्त पापा ने कहा कि पेन्तेकॉस्त के दिन सभी प्रेरित अपनी-अपनी भाषाओँ में बोलने लगे थे इसलिये यह कहना उचित होगा कि पवित्रआत्मा केवल किसी एक भाषा की संरचना नहीं करते जो सबके लिये समान हो। वे विविधताओं एवं संस्कृतियों को खत्म नहीं करते बल्कि, एकरूपता को कम किए बिना, हर चीज़ में सामंजस्य की स्थापना करते हैं।     

पवित्रआत्मा कलीसिया का प्राण

इस समय रोम में जारी सिनड अर्थात् धर्माध्यक्षीय महासभा के सन्दर्भ में सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि धर्माध्यक्षों की इस महासभा को, दुनिया के एजेंडे के अनुसार, अधिकारों की मांग और जरूरतों का दावा करने वाली संसद नहीं होना चाहिये बल्कि, पवित्रआत्मा के अनुरूप, विनम्र भाव से आगे बढ़नेवाली, तीर्थयात्रा होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि पवित्रआत्मा ही कलीसिया का प्राण एवं सिनड की संचालक शक्ति है, क्योंकि उन्हीं से कलीसिया और सुसमाचार प्रचार मिशन का शुभारम्भ हुआ था। पवित्रआत्मा के बिना कलीसिया निर्जीव है, विश्वास मात्र सिद्धांत है, नैतिकता मात्र कर्तव्य है, और प्रेरितिक कार्य मात्र परिश्रम है। दूसरी ओर, पवित्रआत्मा के संग विश्वास जीवन है, क्योंकि प्रभु येसु का प्रेम हमें विश्वास दिलाता है जिससे आशा का पुनर्जन्म होता और कलीसिया में एकता एवं  सामंजस्य का निर्माण सम्भव होता है।

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29 May 2023, 09:16