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संत पापा ने इटली के टेनिस और पैडल फाऊँडेशन के खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों से मुलाकात की। संत पापा ने इटली के टेनिस और पैडल फाऊँडेशन के खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों से मुलाकात की।  (ANSA)

पोप : खेल को जुनून से खेलने का मौका न चूकें

टेनिस और पैडल की छटवीं अंतरराष्ट्रीय बैठक की शुरूआत शनिवार को वाटिकन में संत पापा फ्राँसिस के साथ मुलाकात के द्वारा हुई। संत पापा के अनुसार, खेल में प्रतिस्प्रद्धा की भावना तब तक अच्छी होती है जब तक कि यह खेल के आयाम को दूर नहीं करती। जब खेल अपने मुफ्त होने के गुण को खोता तब यह व्यापार बन जाता है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 6 मई 2023 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 6 मई को वाटिकन के पौल षष्ठम सभागर में टेनिस और पैडल के 6वें अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के करीब 6000 प्रतिभागियों से मुलाकात की तथा उन्हें खेल में हमेशा साकारात्मक मनोभाव बनाये रखने का प्रोत्साहन दिया।

6वें अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में करीब 30 देशों के खेल प्रशिक्षक और बच्चे भाग ले रहे हैं। 6 और 7 मई को दो दिवसीय यह सभा खासकर, शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण आयाम पर प्रकाश डालेगी।

संत पापा ने उन्हें सम्बोधित कर कहा, “मैं आप सभी को प्रोत्साहन देता हूँ कि आप इस शैक्षणिक रास्ते पर चलते रहें” ... क्योंकि “अच्छा खेल हमले और बचाव की सही गतिशीलता से आता है।” और शैक्षिक यात्रा में जोखिम और विवेक को अच्छा से जोड़ता है।

शौक से खेलना खेल को वास्तविकता प्रदान करता है

टेनिस या कोई दूसरा खेल न केवल हमेशा हमला करता, न केवल जोखिम उठाता लेकिन वह बचाता भी है। इस तरह खिलाड़ी को आक्रमण करने एवं बचाने दोनों क्षमताओं में निपुण होना जरूरी है। एक शिक्षक जो केवल हमला करने के प्रशिक्षण पर ध्यान देता है या इसके विपरीत सिर्फ बचाने पर ध्यान देता है तो वह अपने विद्यार्थियों को दूसरे आयाम के लिए “निरावरण” छोड़ता है। इस तुलना को विकसित करना और व्यक्तित्व शिक्षा के साथ समानताएँ खोजना दिलचस्प है।

संत पापा ने प्रशिक्षकों के गुणों पर प्रकाश डालते हुए कहा, “एक अच्छा प्रशिक्षक जोखिम और विवेक पर संतुलन करना जानता है। जोखिम उठाने का अर्थ है, उदाहरण के लिए, विद्यार्थियों को नया अनुभव करने देना, जिसका अनुभव उसने कभी नहीं किया है और जिसके लिए मालूम नहीं है कि क्या प्रतिक्रिया मिलेगी लेकिन हमें यकीन है कि यह उसे बढ़ने में मदद देगा।” संत पापा ने शिक्षकों से कहा कि विद्यार्थी स्वतंत्र महसूस करें लेकिन साथ ही परित्यक्त महसूस न करें।

शिक्षा का रास्ता

अभिभावक या शिक्षक जो किसी अप्रत्याशित घटना से बच्चों की सुरक्षा के लिए उन्हें मना करते, उनकी समस्या का समाधान करने की कोशिश करते हैं, वे उसे बढ़ने नहीं देते। संत पापा ने कहा कि यह विवेकशीलता नहीं है यह वास्तविकता से डर और बच्चे के प्रति स्वार्थी स्वामित्व का मिश्रण है। जो कि अच्छा नहीं है।

दूसरी ओर, सच्ची प्रज्ञा जैसा कि अच्छा बचाव, हमेशा एक सकारात्मक मनोभाव होता है, नाकारात्मक कभी भी।

खेल में बचाव एक-दूसरे प्रकार का हमला है। इस प्रकार लड़के और लड़की की क्षमता के संबंध में स्थितियों का अच्छी तरह से मूल्यांकन करने के लिए शिक्षा में विवेक अपरिहार्य है।

हमले और बचाव

इसके साथ ही विद्यार्थियों को प्रतिरोध सिखाना है जो त्यागना नहीं है बल्कि उस निशानेबाज को जवाब देना है  जो अस्वीकारीय प्रतीत होता जबकि उन्हें तत्परता और फुर्ती से जीता जा सकता है। संत पापा ने खेल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “सबसे महत्वपूर्ण क्या है: टेनिस एक खेल है, और उनकी शैक्षिक ताकत खेल की गतिशीलता में सटीक रूप से निहित है। अपने आप को जुनून से खेलने, खेल का आनन्द लेने और अपना मनोरंजन करने के आनंद से वंचित न होने दें। प्रतिस्पर्धात्मकता तब तक अच्छी है अगर यह इस चंचल आयाम को दूर नहीं करती। दूसरी ओर यदि प्रतिस्पर्धा की गतिशीलता प्रबल होती है, तब यह स्वार्थ के विभिन्न रूपों को उत्प्रेरित करता है जो खेल अभ्यास को बर्बाद कर देता और इसे शैक्षिक नहीं रहने देता।

संत पापा ने खेल संगोष्ठी के सभी सदस्यों को प्रोत्साहन दिया कि वे आगे बढ़ें, जोखिम उठायें और विवेश का सहारा लें, एक साथ हमला और बचाव करें। अंत में संत पापा ने सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

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06 May 2023, 14:58