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उर्बी एत ओर्बी, संत पापाः विश्व में शांति एवं सांत्वना हेतु आहृवान

संत पापा फ्राँसिस ने अपने ऊरबी एत ओरबी, रोम शहर से विश्व को दिये गये अपने संदेश में विश्व शांति हेतु निवेदन किया और ईश्वर से सांत्वना की प्रार्थना की।

संजय दिलीप एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, 09 अप्रैल 2023 (रेई) संत पापा फ्राँसिस ने पास्का, प्रभु के पुनरूत्थान महापर्व के अवसर पर वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के झरोखे से, ऊरबी एत ओरबी, रोम शहर से पूरे विश्व को दिये गये अपने संदेश में विश्व शांति और सांत्वना की कामना की।  

जीवन के सेतू

संत पापा ने कहा कि इस दिन हम यह घोषित करते हैं कि हमारे जीवनदाता ईश्वर, विश्व के लिए “पुनरूत्थान और जीवन हैं।” आज पास्का, पुनरूत्थान का पर्व है, पास्का का अर्थ “पार जाना” है जो येसु ख्रीस्त में मानवता के लिए एक निर्णयक मार्ग बन गया हैः जहाँ हम मृत्यु से जीवन की ओर जाते हैं, पाप के कृपा की ओर, भय से विश्वास की ओर, यह निराशा से मिलन की ओर जाना है। संत पापा ने कहा कि समय और इतिहास के ईश्वर में, मैं आनंद भरे हृदय से सबों को खुश पास्का कहना चाहूँगा।

रोम और विश्व को उर्बी एत ओर्बी संदेश देते संत पापा फ्राँसिस
रोम और विश्व को उर्बी एत ओर्बी संदेश देते संत पापा फ्राँसिस

प्रिय भाइयो एवं बहनो, यह पास्का आप में से हर जन के लिए हो, और विशेष रुप से बीमार और गरीब, बुजुर्ग, दुःख और विपत्तियों से होकर गुजर रहे लोगों के लिए, जिससे आप अपनी तकलीफों से सांत्वना की ओर जा सकें। हम अकेले नहीं हैं येसु, जो जीवित हैं, सदैव हमारे साथ हैं। आज कलीसिया और विश्व आनंद मनाये, क्योंकि आज हमारी आशाएँ मृत्‍यु की दीवार के विरूध खड़ी नहीं होतीं क्‍योंकि प्रभु ने हमारे लिए जीवन का एक सेतु तैयार किया है। हाँ, पास्का में हम विश्व की नियति को बदलता पाते हैं, क्योंकि यह जहाँ हम येसु ख्रीस्त के पुनरूत्थान की यादगारी मानते हुए आनंदित होते हैं, कृपा के रुप में हमारे लिए इतिहास का एक अति महत्वपूर्ण और सुन्दर दिन है।

ख्रीस्त जी उठे हैं

संत पापा ने कहा,“येसु ख्रीस्त जी उठे हैं, वे सचमुच जी उठे हैं।” पूर्वी कलीसियों की पारंपरिक उद्घोषणा में “सचमुच” शब्द हमें इस तथ्य की याद दिलाती है कि हमारी आशा अपने में अमूर्त नहीं है बल्कि यह सत्य है। और यह, पास्का के संदर्भ में, मानवता की यात्रा में, आशा से जुड़ी हुई है जो और भी अधिक तत्परता से हमें आगे ले चली है। पुनरूत्थान के प्रथम साक्ष्य इसे हमें अपने उदाहरणों के द्वारा प्रस्तुत करते हैं। सुसमाचार हमारे लिए शीघ्रता की चर्चा करता है, पुनरूत्थान की सुबह, नारियाँ “दौड़ती हुई शिष्यों को बलताने गई” (मत्ती.28.8)। मरियम मगदलेना तब “दौड़कर सिमोन पेत्रुस के पास गई”, वहीं योहन और पेत्रुस, एक साथ उस स्थान की ओर दौड़े जहाँ येसु को दफनाया गया था। बाद में, पास्का शाम को, पुनर्जीवित प्रभु से एम्माऊस की राह में, अपने मिलन उपरांत दो शिष्य “बिना देर वहाँ से चल पड़े” (लूका.24.33) और वे रात में मीलों की यात्रा की, यह हमारे लिए पास्का की आनंत खुशी को प्रकट करता है जो उनके हृदयों को उद्दीप्त कर रहा था। गलीलिया झील के किनारे हम पेत्रुस में उसी आनंद को पाते हैं जो पुनर्जीवित प्रभु को देख, नाव और अन्य लोगों को छोड़कर, पानी में कूद पड़ते और उनकी ओर तैर कर आते हैं (यो.21.7)। इस भांति, पास्का में, हम यात्रा की तीव्रता को पाते हैं जो एक दौड़ बन जाती है क्योंकि मानवता अपनी इस यात्रा में एक लक्ष्य को देखती है, जिसे हम येसु ख्रीस्त में पाते हैं, जो हमें अति तीव्रता में उनसे मिलने का आहृवान देता है, जो विश्व की आशा हैं।

रोम और विश्व को उर्बी एत ओर्बी संदेश देते संत पापा फ्राँसिस
रोम और विश्व को उर्बी एत ओर्बी संदेश देते संत पापा फ्राँसिस

संत पापा ने कहा कि हम भी शीघ्रतापूर्वक अपनी इस यात्रा में आगे बढ़ते हुए व्यक्तिगत रुप में एक-दूसरे, अन्य लोगों और देशों के संग अपने विश्वास का आदान-प्रदान करें। हम अपने को पास्का की घोषणा से आश्चर्यचकित होने दें, उस ज्योति से जो अँधेरे और निराशा को प्रकाशित करती है जिसमें हम सभी और विश्व अपने को ढंका पाता है।

हम अपने बीच से लड़ाई और विभाजन को तेजी से दूर करें और अपने हृदयों को उनके लिए खोलें जिन्हें हमारी सबसे अधिक जरुरत है। हम तेजी से शांति और भ्रातृत्व के मार्ग में आगे बढ़ें। हम आशा की ठोस निशानियों पर आंनदित हों जो बहुत सारे देशों से हमारे बीच पहुंचती है, जिसकी शुरूआत उन लोगों से होती है जो हमें सहायता पहुंचाते हैं और उन सभी लोगों का स्वागत करते हैं जो युद्ध और गरीबी के कारण पलायन के लिए विवश हैं।

रोम और विश्व को उर्बी एत ओर्बी संदेश देते संत पापा फ्राँसिस
रोम और विश्व को उर्बी एत ओर्बी संदेश देते संत पापा फ्राँसिस

वहीं अपनी इस यात्रा में हम बहुत सारे पत्थर रूपी अड़चनों का सामना करते हैं जो पुनर्जीवित प्रभु की ओर तेजी से आने में हमारे लिए कठिनाई और समस्या बनते हैं। ऐसी परिस्थिति में, तब हम उनसे प्रार्थना करते हैं, प्रभु, दौड़कर आने में हमारी मदद कीजिए। हमारे हृदयों के खोलने में हमारी मदद कीजिए।

यूक्रेन और रूस पर पास्का का प्रकाश

संत पापा ने कहा, हम यूक्रेन के प्रिय लोगों को शांति की उनकी यात्रा में मदद करें, और रूसी लोगों को पास्का की ज्योति से आलोकित होने में सहायता दें। हम घायलों और उन लोगों को सांत्वना दें जिन्होंने युद्ध में अपने प्रियजनों को खो दिया है, हम कैदियों की मदद करें जिससे वे सुरक्षित और भले-चंगे रुप में अपने परिवारों की ओर लौट सकें। पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हृदय को खो दे जिससे वे युद्ध और विश्व में हो रही लड़ाई और खून खराबे की स्थिति को खत्म करने का प्रयास करें, यह सीरिया से शुरू हो, जो अब भी शांति की प्रतीक्षा में है। हम उस सभों के लिए प्रार्थना करते हैं जिन्होंने अपने परिवार और मित्रों को खो दिया है और वे जो गृहविहीन हो गये हैं। उन्हें ईश्वर से सांत्वना मिले और परिवार रूपी देशों से सहायता प्राप्त हो।

रोम और विश्व को उर्बी एत ओर्बी संदेश देते संत पापा फ्राँसिस
रोम और विश्व को उर्बी एत ओर्बी संदेश देते संत पापा फ्राँसिस

विभाजन को चंगा कर

संत पापा ने अपनी प्रार्थना में कहा, “इस दिन में, हे प्रभु, हम येरूसालेम शहर को तुझे अर्पित करते हैं जिसने तेरे पुनरूत्थान का प्रथम साक्ष्य दिया। वहाँ इस्राएलियों और फिलीस्तियों ने बीच विश्वास और आपसी सम्मान में पुनः एक वार्ता की शुरूआत हो सके, जिससे पवित्र शहर और पूरे प्रांत में शांति कायम रहे।”

हे प्रभु, लेबनान की सहायता कर, जिसे अब भी स्थिरता और एकता की आवश्यकता है, जिससे विभाजन खत्म हो सके और इसके निवासी देश की भलाई हेतु आपसी सहयोग कर सकें।

तुनिशिया पर अपनी कृपादृष्टि कर, विशेषकर युवाओं और वे जो सामाजिक और आर्थिक कठिनाइयों के कारण कष्ट सह रहे हैं जिससे वे अपनी आशा न खोयें और एक साथ मिलकर भविष्य में शांति और भाईचारे की स्थापना हेतु कार्य करें।

रोम और विश्व को उर्बी एत ओर्बी संदेश देते संत पापा फ्राँसिस
रोम और विश्व को उर्बी एत ओर्बी संदेश देते संत पापा फ्राँसिस

हैती पर अपनी दृष्टि फेर जो अपने में घोर सामाजिक, आर्थिक और मानवीय संकट के दौर से होकर गुजर रही है और वहाँ के राजनयिकों के प्रयासों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सहायता कर जिससे वे समस्याओं का एक निश्चित समाधान खोज सकें जो लोगों को बुरी तरह से प्रभावित करता है।

शांति और मेल-मिलाप

इथियोपिया और दक्षिण सूडान में की गई शांति और मेल-मिलाप की प्रक्रियाओं को मजबूत कर और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में हिंसा को समाप्त कर।

संत पापा ने प्रार्थनामय निवेदन करते हुए कहा, “हे प्रभु, ख्रीस्तीय समुदायों को सुदृढ़ बनाए रख जो आज विशेष परिस्थितियों में पास्का का त्योहार मना रहे हैं, जैसे कि निकारागुआ और इरितिया में, और उन सभी की याद कर जिन्हें स्वतंत्र और सार्वजनिक रूप से अपने विश्वास को अभिव्यक्त करने से रोका गया है। अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के पीड़ितों को सांत्वना दें, विशेष रूप से बुर्किना फासो, माली, मोजाम्बिक और नाइजीरिया के लोगों को।

रोम और विश्व को उर्बी एत ओर्बी संदेश देते संत पापा फ्राँसिस
रोम और विश्व को उर्बी एत ओर्बी संदेश देते संत पापा फ्राँसिस

हे प्रभु म्यांमार को शांति के मार्ग में चलने हेतु मदद कर, और नेताओं के दिलों को प्रकाशित कर, ताकि वे गंभीर रूप से प्रभावित रोहिंग्या लोगों को न्याय दिला सकें।

मानव प्रतिष्ठा के लिए सम्मान

शरणार्थियों, निर्वासितों, राजनीतिक कैदियों और आप्रवासियों को सांत्वना दे, विशेषकर, जो सबसे कमजोर हैं, साथ ही जो भूखमरी, गरीबी और नशीली पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी एवं अन्य सभी प्रकार की गुलामी के शिकार हैं। हे प्रभु, देश के नेताओं को प्रेरित कर कि वे यह सुनिश्चित कर सकें कि किसी भी स्त्री या पुरूष को भेदभाव एवं अपनी प्रतिष्ठा के हनन का सामना करना न पड़े; जिससे मानवाधिकारों और लोकतंत्र के लिए पूर्ण सम्मान के साथ इन सामाजिक घावों को ठीक किया जा सकता है; कि नागरिकों की सार्वजनिक भलाई हमेशा और पूरी तरह की जा सके; और सुरक्षा एवं बातचीत और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए आवश्यक शर्तों की गारंटी दी जा सके।

रोम और विश्व को उर्बी एत ओर्बी संदेश देते संत पापा फ्राँसिस
रोम और विश्व को उर्बी एत ओर्बी संदेश देते संत पापा फ्राँसिस

भाइयो एवं बहनो, हम अपनी यात्रा के आनन्द को पुनः प्राप्त कर सकें, आशा की धड़कन को तेज कर सकें और स्वर्ग की सुंदरता का पूर्वाभास कर सकें। आइये, आज हम अच्छाई में आगे बढ़ने के लिए अच्छाई से ही ऊर्जा का आह्वान करें, जो कभी निराश नहीं करती। जैसा कि एक प्राचीन धर्माचार्य ने लिखा है, सबसे बड़ा पाप है, “पुनरूत्थान की शक्ति पर विश्वास नहीं करना।”  (निन्वेह के संत आइजक, संतों के उपदेश,1,5) आइये, आज हम विश्वास करें एवं कहें, “ख्रीस्त मृतकों में से सचमुच जी उठे हैं!” प्रभु येसु हम तुझपर विश्वास करते हैं। हम विश्वास करते हैं कि आपके साथ आशा का पुनःजन्म हुआ है और यह यात्रा जारी रहेगी। जीवन के प्रभु, हमें यात्रा के लिए प्रोत्साहित करते हैं और जिस तरह उन्होंने पास्का की शाम को शिष्यों से कहा था, हम भी उसे दोहराते हैं, “तुम्हें शांति मिले, तुम्हें शांति मिले, तुम्हें शांति मिले।” (यो.19:21)

इसके उपरांत बाद संत पापा फ्राँसिस ने दूतों और संतों, संत पौलुस और संत पेत्रुस से विचवई प्रार्थना करते हुए सब विश्वासियों को समारोही दण्डमोचन प्रदान किया और अंत में सबों को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान दिया।

रोम और विश्व को उर्बी एत ओर्बी संदेश देते संत पापा फ्राँसिस
रोम और विश्व को उर्बी एत ओर्बी संदेश देते संत पापा फ्राँसिस

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09 April 2023, 14:08