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संत पापा फ्रांसिस संत पापा फ्रांसिस 

संत पापाः भ्रातृत्व का साक्ष्य सेवा में

संत पापा फ्रांसिस ने मिलान महाधर्मप्रांत के फ्रातेल्ली ओबलेट धर्मसमाज के धर्म बधुओं से भेंट की और उन्हें सेवा का संदेश दिया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी,14 अप्रैल 2023 (रेई) संत पापा फ्रांसिस ने मिलान के ओबलेत धर्मबधुओँ से भेंट करते हुए उन्हें भातृत्व और नम्रता सेवा का संदेश दिया।

अपने संबोधन में संत पापा ने कहा कि आप धर्मग्रंथ के अनुसार भ्रातृत्व की निशानी हैं। हम अपने जीवन में जो चीजें करते हैं वे सारी चीजें अच्छी और जरुरी हैं, लेकिन भ्रातृत्व जिसका साक्ष्य हमें अपने ठोस कार्य से देते वह हमें अन्य बातों से अलग स्थापित करता है। “आप का व्यक्तिगत जीवन जहाँ आप अपने गुणों और कमजोरियों के द्वारा अपने स्थायी जीवन का साक्ष्य देते भ्रातत्व भावना को व्यक्त करता है।” संत पापा ने कहा कि यही आप के जीवन की आंतिरक खुशी का कारण है जो आप को येसु ख्रीस्त की तरह बनाता है क्योंकि उन्हें अपने जीवन में इसी आयाम को जीते हुए सबों के लिए वैश्विक भाई बन गये। अपने भ्रातृत्वमय खुशनुमा जीवन जीने के द्वारा इस भांति हम ख्रीस्त के देहधारण रहस्य को जीते हैं।

नम्रता में सेवा

संत पापा ने उनके समर्पित जीवन चढ़ावे की सार्थकता पर जोर देते हुए कहा कि आप ओबलाती के धर्मबंधु हैं जो आपकी सेवा भावना के उपहार को व्यक्त करता है। येसु ने एक सेवक की भांति इसी भावना का आलिंगन किया। उन्होंने सेवा के नम्रतापूर्ण भावना की ओर उनका ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यह नुमाशी की सेवा न बनें, बल्कि दीन-हीन सेवा रहे जिसमें हम कई बार अपमान को पाते हैं। “यह वह मार्ग है जिसमें हर खीस्तीय को चलने की आवश्यकता है।”

उन्होंने कहा कि यह आप का आदर्श है जिसके अनुरूप जीवनयापन करने से आप पवित्र आत्मा की खुशी को अपने अंतरतम में अनुभव करते हैं। “मदर तेरेसा ने बहुधा सेवा की इस खुशी की चर्चा की।” मरिया द्वारा एलिजबेद की सेवा को किसी ने नहीं जाना, आनंद की ऐसी सेवा को केवल ईश्वर जानते हैं।

प्रेम की अभिव्यक्ति 

धर्माप्रांत के ओबलेट धर्मबधु होना अपने के जीवन का एक अन्य आयाम है जिसमें हम शरीरधारण को पाते हैं। संत पापा ने उन्हें धर्मप्रांत, लोकधर्मियों और अपनी मातृभूति के प्रति निष्ठावान बन रहने का आग्रह करते हुए कहा कि ईश्वर अपनी खोई हुई भेड़ों के लिए अपने प्राण अर्पित करते हुए अपने पिता के प्रति निष्ठावान बने रहे। उन्होंने अपने जीवन के अंतिम समय तक खून बहाते हुए उन्हें प्रेम किया जिन्हें पिता ने उन्हें सौंपा था। यह प्रेम का नियम है, “हम अमूर्त रूप में मानवता को प्रेम नहीं कर सकते हैं।” निष्ठा एक दुर्लभ गुण है। धर्मप्रांत की सेवा अपने में निष्ठा का विद्यालय है इसके आप ओबलेट धर्मबधुओं के रुप में करते रहें। 

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14 April 2023, 13:48