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बच्चों को आशीर्वाद देते सन्त पापा फ्राँसिस, तस्वीरः 12.04.2023 बच्चों को आशीर्वाद देते सन्त पापा फ्राँसिस, तस्वीरः 12.04.2023  (ANSA)

सामाजिक स्वास्थ्य संस्थानों के धार्मिक संघ (आरिस) से सन्त पापा

इटली के सामाजिक स्वास्थ्य संस्थानों के धार्मिक संघ (आरिस) के सदस्यों ने गुरुवार को वाटिकन में सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना। इस अवसर पर उन्होंने स्वास्थ्य सेवा से सम्बन्धित अनेक सन्तों को याद किया।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, गुरुवार, 13 अप्रैल 2023(रेई, वाटिकन  रेडियो): इटली के सामाजिक स्वास्थ्य संस्थानों के धार्मिक संघ (आरिस) के सदस्यों ने गुरुवार को वाटिकन में सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना।      

अपने सम्बोधन में सन्त पापा ने ख्रीस्तीय-प्रेरित स्वास्थ्य संरचनाओं के प्रबंधन में लगे संघों से मुलाकात पर  प्रसन्नता ज़ाहिर की और कहा कि इनकी तुलना भले समारी के सराय से की जा सकती है (लूक. 10:25-37), जहां बीमार "सांत्वना का तेल" प्राप्त कर सकते और उपचार एवं देखभाल पाने की उम्मीद कर सकते हैं। उन्होंने कहा, मैं इटली में मौजूद अनेकानेक स्वास्थ्य सेवा संस्थानों में किए जा रहे नेक कार्यों की सराहना करता और उन्हें उदारता में दृढ़तापूर्वक आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करता हूं।

काथलिक स्वास्थ्य सेवा का इतिहास

सन्त पापा ने कहा कि इटली में धार्मिक संस्थाओं द्वारा स्वास्थ्य देखभाल का एक सुंदर और सदियों पुराना इतिहास रहा है। कलीसिया ने स्वास्थ्य देखभाल के माध्यम से समाज के ग़रीब, कमज़ोर और परित्यक्त वर्गों को सुनने और उन पर ध्यान देने के लिए बहुत कुछ किया है। इस क्षेत्र में आधिकारिक गवाहों की कमी नहीं रही, जिन्होंने बीमारों एवं पीड़ितों में मसीह को पहचाना और उनकी सेवा की, यहां तक ​​कि खुद को पूरी तरह से अर्पित कर दिया और अपने प्राणों की भी आहुति दे दी। इनमें उन्होंने सन्त कामिल्लो दे लेलिस, सन्त जोसेफीना वान्निनी, सन्त जोसफ मोसकाती, सन्त अगस्टीना पियेत्रान्तोनी और अन्य कई सन्तों के नेक कामों को याद किया।  

सन्त पापा ने कहा कि अतीत के लिए आभारी रहते हुए, वर्तमान में सक्रिय प्रतिबद्धता और भविष्यवाणी की भावना के साथ जीने के लिए हमें बुलाया गया है। फेंक देने की संस्कृति के प्रति सचेत करते हुए उन्होंने कहा, स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में, कचरे की संस्कृति अन्य जगहों की तुलना में कहीं अधिक, कभी-कभी स्पष्ट रूप से अपने दर्दनाक परिणाम दिखा सकती है। उन्होंने कहा, वास्तव में, जब बीमार व्यक्ति को केंद्र में नहीं रखा जाता है और उसकी गरिमा पर विचार नहीं किया जाता है, तो ऐसे दृष्टिकोण उत्पन्न होते हैं जो दूसरों के दुर्भाग्य के बारे में अटकलें भी लगा सकते हैं और इससे हमें सतर्क रहना चाहिए।

ज़रूरतमन्दों के प्रति सचेत

इस बात के प्रति ध्यान आकर्षित कराते हुए कि विभिन्न कारणों से, मौजूदा संरचनाओं को बनाए रखना कठिन होता जा रहा है, सन्त पापा फ्राँसिस ने काथलिक स्वास्थ्य संस्थाओं में कार्यरत सेवकों का आह्वान किया कि वे विश्व में उत्पन्न नई ऐतिहासिक स्थिति में काथलिक स्वास्थ्य सेवा के संस्थापक आकर्षण को पुनर्प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि कलीसिया के सदस्यों के रूप में, हमें सबसे अधिक ग़रीबों, बहिष्कृत लोगों और उन लोगों की स्वास्थ्य देखभाल की मांग का जवाब देने के लिए बुलाया जाता है, जो आर्थिक या सांस्कृतिक कारणों से अपनी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाते हैं।

सन्त पापा ने कहा कि प्रत्येक बीमार व्यक्ति परिभाषा के अनुसार कमज़ोर, ग़रीब तथा मदद की ज़रूरत में होता है, और कभी-कभी अमीर लोग भी ख़ुद को ग़रीबों की तुलना में अधिक अकेला और परित्यक्त पाते हैं। हालांकि, यह स्पष्ट है कि आज सबसे वंचित लोगों की तुलना में जिनके पास वित्तीय संसाधन हैं, उनके लिए देखभाल की पहुंच के विभिन्न अवसर हैं। यही कारण है कि विभिन्न ऐतिहासिक कालखंडों में साहसी करिश्मा के साथ पैदा हुई इतनी सारी काथलिक स्वास्थ्य सम्बन्धी संस्थाओं के करिशमों को हम याद रखें तथा उनके पद चिन्हों पर चलकर रोगियों, पीड़ितों एवं कमज़ोर लोगों की सहायता को आगे आयें।

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13 अप्रैल 2023, 10:47