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सुपीरियर जेनेरलों के संघ (उसमी) से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस सुपीरियर जेनेरलों के संघ (उसमी) से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस  (Vatican Media)

पोप ने सुपीरियर जेनेरलों से कहा कि वे हमारी 'खोई हुई' दुनिया में आशा लाते रहें

संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार को इटली में सुपीरियर जेनेरलों के संघ (उसमी) से मुलाकात की जो अपनी 70वीं महासभा में भाग ले रहे हैं। उन्होंने उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर तीन बिन्दुओं पर चिंतन करने हेतु आमंत्रित किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा फ्राँसिस ने 'सिनॉडल मार्ग पर, पुनर्जीवित प्रभु की महिला गवाह' विषय पर तीन पहलुओं को चुनते हुए वाटिकन में इटली की सुपीरियर जेनेरलों के संघ के सदस्यों को उनकी 70वीं महासभा के लिए संबोधित किया।

महिलाओं का साक्ष्य

संत पापा ने कहा कि उनकी विषयवस्तु पर आधारित पहला आयाम है कि "महिलाएँ पुनर्जीवित प्रभु की साक्षी।" संत पापा ने बतलाया कि प्रभु के पुनरुत्थान की पहली गवाह वास्तव में महिलाएँ थीं। उन साहसी महिलाओं ने खुद को चकित होने दिया और पुनर्जीवित प्रभु की शक्ति और प्रकाश से प्रेरित होकर उन्हें खोजने के लिए निकल पड़ीं।" वे हमेशा इस बात से पूरी तरह वाकिफ थे कि हमारे दिलों में प्रभु का जीवित रहना कितना महत्वपूर्ण है।

चुनाव करना

संत पापा ने जिस दूसरे पहलू के बारे में बात की, वह है उनका "सिनॉडल पथ पर" होना। इस संबंध में, संत पापा फ्राँसिस ने उपस्थित लोगों को याद दिलाया कि येसु की उपस्थिति हमें अपने आप में बंद नहीं करती, बल्कि "हमें दूसरों के साथ मिलने और दूसरों के साथ चलने के निर्णय की ओर धकेलती है।" वास्तव में, "इन महिलाओं ने न तो मुलाकात की खुशी को अपने तक सीमित रखना और न ही अकेले यात्रा करना चुना बल्कि उन्होंने दूसरों के साथ चलने का चुनाव किया।"

संत पापा फ्राँसिस ने हमेशा याद रखने के महत्व पर बल दिया कि "एक साथ चलने" के लिए यह आवश्यक है कि हम स्वयं को आत्मा से संचालित होने दें ताकि वास्तव में धर्मसभा की मानसिकता, साहस और हृदय की स्वतंत्रता के साथ परिवर्तन की प्रक्रिया में प्रवेश कर सकें। उन्होंने कहा कि यह कलीसिया की मुख्य सड़क है।

महिलाओं के लिए उम्मीद

संत पापा ने कहा कि तीसरा और अंतिम आयाम है “आशा के बीज बोनेवाले बनना।” उन्होंने कहा कि पुनर्जीवित येसु के साथ मुलाकात हृदय को आशा से भर देती है और हमें "आशा के जनक" बनाती है और इसलिए "हमारे इस संसार में ईश्वर की मुक्ति की घोषणा करना और लाना है, जो अक्सर खो जाता है, जिसे ऐसे उत्तर की आवश्यकता होती है जो प्रोत्साहित करते हैं, जो आशा प्रदान करते हैं, जो यात्रा को फिर से बल प्रदान करेगा।" संत पापा ने उन्हें जोर देते हुए कहा कि इस रास्ते पर चलते रहें।

अंत में, संत पापा फ्राँसिस ने उपस्थित बहनों से कहा कि "प्रभु आपको नए उत्साह के साथ बुला रहे हैं" सिनॉडल पथ पर और आशा की बोनेवाली महिलाओं के रूप में। संत पापा ने उन्हें आशीर्वाद दिया और उन्हें प्रभु तथा माता मरियम को सौंप दिया।

 

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14 April 2023, 18:05