हंगरी के राष्ट्रपति एवं प्रधान मंत्री से मुलाकात
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
बुडापेस्ट, शनिवार, 29 अप्रैल 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): मध्य यूरोपीय राष्ट्र हंगरी की अपनी यात्रा पर सन्त पापा फ्राँसिस का पहला पड़ाव राष्ट्रपतिभवन अर्थात् एलेक्ज़ेन्डर प्रासाद था, जो हंगरी की राष्ट्रपति कटालिन नोवाक का आधिकारिक निवास है। राष्ट्रपति कटालिन नोवाक के साथ एक वैयक्तिक बैठक के बाद, सन्त पापा ने देश के प्रधान मंत्री विक्टर ओर्बन से मुलाकात की। गोपनीयता की परम्परा को बरकरार रखते हुए इन बैठकों का विवरण प्रकाशित नहीं किया गया है।
औपचारिक स्वागत
बुडापेस्ट के स्थानीय समयानुसार, शुक्रवार को, सन्त पापा फ्राँसिस 11 बजकर 18 मिनट पर एलक्जेन्डर प्रासाद पहुंचे, जहाँ गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उनका स्वागत किया गया। हंगरी और वाटिकन दोनों के राष्ट्रगान की धुनें बजाई गईं तथा राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री, साथ ही हंगरी के अन्य अधिकारियों ने सन्त पापा का राष्ट्र में औपचारिक अभिवादन किया। तदोपरान्त, उन्होंने राष्ट्रपति नोवाक के साथ राष्ट्रपतिभवन में प्रवेश किया जहाँ राष्ट्रपति एवं प्रधान मंत्री से मुलाकातों के उपरान्त आधिकारिक तस्वीरें ली गईं तथा सन्त पापा ने राष्ट्रीय बुक ऑफ ऑनर पर हस्ताक्षर किए, इताली भाषा में उन्होंने लिखा: "मैं इतिहास और संस्कृति से समृद्ध देश हंगरी में एक तीर्थयात्री और मित्र के रूप में आया हूं; पुलों और संतों के शहर, बुडापेस्ट से, मेरे विचार सम्पूर्ण यूरोप की ओर अभिमुख होते हैं और मैं प्रार्थना करता हूँ कि, एकात्मता और एकजुटता में, यह हमारे समय में भी शांति का धाम एवं स्वागत की भविष्यवाणी सिद्ध हो।"
उपहारों का आदान-प्रदान
उपहारों के आदान-प्रदान के अवसर पर सन्त पापा ने राष्ट्रपति नोवाक को हंगरी के प्रथम सम्राट सन्त स्टीफन और पवित्र कुँवारी मरियम से अंकित एक स्मारक पदक प्रदान किया जबकि राष्ट्रपति ने हंगरी की संसद, बुडापेस्ट के सन्त स्टीफन महागिरजाघर तथा डेन्यूब नदी की छवियों से अंकित एक स्मारक फलक अर्पित किया। तदोपरान्त, सन्त पापा ने राष्ट्रपति के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें अपना आशीर्वाद दिया तथा राष्ट्रपति भवन के मरिया तेरेसा प्रासाद में प्रधान मंत्री विक्टर ओरबान से मुलाकात की।
महागिरजाघर में
शुक्रवार शाम बुडापेस्ट में यात्रा के प्रथम दिन उत्साह एवं उमंग से परिपूर्ण सन्त स्टीफन महागिरजाघर के भावपूर्ण समारोह में धर्माध्यक्षों, पुरोहितों, उपयाजकों एवं समर्पित लोगों को उन्होंने सम्बोधित किया। सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया शीर्ष सन्त पापा फ्राँसिस की एक झलक पाने के लिये महागिरजाघर के प्राँगण के सामने का चौक भी खचाखच भरा हुआ था और लोग अपनी बालकनियों पर खड़े अपने यहाँ पधारे खास मेहमान का स्वागत कर रहे थे। धर्माध्यक्षों, पुरोहितों तथा कलीसियाई अधिकारियों एवं कार्यकर्त्ताओं को उन्होंने आन्तरिक थकावट के प्रति चेतावनी दी जो मनुष्य को मामूलियत की ओर ले जाती है तथा जिसमें जीवन के उत्साह की समाप्ति का ख़तरा रहता है। इसके बजाय सन्त पापा ने आनन्दपूर्वक जीवन में निरन्तर आगे बढ़ने हेतु प्रोत्साहन दिया। सन्त पापा ने कहा, वर्तमान विश्व में व्याप्त चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना करने के लिए परिवर्तनों और नवीन प्रवृत्तियों की व्याख्या केवल पुनर्जीवित ख्रीस्त को देखकर ही संभव है, जो इतिहास के केंद्र और हमारा भविष्य हैं।
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