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संत पापाः जीवन की सुन्दरता मदद करने में

कसाल देल मारमो में अंतिम व्यारी की धर्मविधि का अनुष्ठान करते हुए संत पापा ने युवाओं के पैर धोये, उन्होंने इस बात की याद दिलाई कि कैसे वे हमें नम्रता और सेवा की शिक्षा देते हैं जो एक नेक हृदय में उत्पन्न होती है।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, 06 अप्रैल 2023 (रेई) संत पापा फ्रांसिस ने रोम के बाहर, बाल सुधारगृह कसाल देल मारमो में पुण्य बृहस्पतिवार, अंतिम व्यारी की धर्मविधि का अनुष्ठान करते हुए बराह युवाओं के पैर धोये।

बराह शिष्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले 14 से 25 वर्ष के युवा दल में दो युवतियाँ भी शामिल थीं, उनमें से दो सिंटी मूल के थे,  जबकि अन्य क्रोएशिया, सेनेगल, रोमानिया और रूस से, जो विभिन्न विश्वास परंपराओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।

संत पापा फ्रांसिस ने इसके पहले भी कसाल देल मारमो की भेंट करते हुए अंतिम व्यारी की धर्मविधि का अनुष्ठान सन् 2013 में किया था, जब वे कलीसिया के परमधर्माध्य नियुक्त किये गये थे।

नेक हृदय सभों के लिए

संत पापा ने धर्मविधि हेतु निर्धारित सुसमाचार पर स्वतः अपने चिंतन प्रस्तुत करते हुए कहा कि अपने दुःखभोग के एक दिन पहले येसु अपने शिष्यों के पैर धोते हैं जो नम्रता और उनकी सेवा को व्यक्त करता है। उस समय में यह कार्य एक गुलाम के द्वारा किया जाता था।

संत पापा ने इस तथ्य का जिक्र करते हुए कहा कि जीवन कैसे अपने में अति सुन्दर हो सकता है यदि हम इस निशानी का अनुपालन करते हुए एक दूसरे की सेवा करें, न कि दुनियावादी रूप में दूसरों को धोखा या एक-दूसरे से फायदा उठाने की कोशिश करें। एक-दूसरे की सेवा करने का भाव एक नेक हृदय में उत्पन्न होता है। येसु आज हमें इसी बात की शिक्षा देते और अपने में “नेकी हृदय” बनने को प्रोत्साहित करते हैं।

हम उन बातों से अपने में हताश या शर्मिदगी का अनुभव करेंगे जो हमारे हृदय के अंदर हैं लेकिन वे उन सारी बातों को जानते हैं और वे हमें “हम जैसे हैं वैसी ही प्रेम करते हैं।” वे प्रेम में हमारे पैरों को धोते हैं। उन्होंने कहा, “हमें अपनी कमजोरियों से कभी भयभीत नहीं होना चाहिए, हम इस बात से निशिचत हों कि येसु हमारी यात्रा में हमारे साथ चलने की आशा करते हैं, “हमारा हाथ पकड़ कर हमें आगे लेना चाहते हैं जिससे हमारा जीवन कठिन न हो।”

दूसरों की मदद करने का निमंत्रण

पैर धोवन के मर्म की व्याख्या करते हुए संत पापा ने कहा कि यह कोई पौराणिक चिन्ह नहीं है बल्कि एक निशानी जो हमें यह बतलाती है कि हमें कैसे एक-दूसरे की मदद करनी है। हमें एक दूसरे को प्रेम करते हुए सम्मान देने की जरुरत है यहां तक की हमारी कमजोरियों में भी जहाँ हम अपने को पापियों के रुप में पाते हैं। यदि हम इस मनोभाव और सेवा के जीवन को अपनाते तो हम दुनिया से बहुत सारे अन्यायों को दूर करेंगे। संत पापा ने याद दिलाया कि बेरोजगार होना, टूटे हुए परिवारों में रहना, जीवित रहने के लिए संघर्ष करना, अपनी कमजोरियों के आगे झुकना ये ऐसी बातें हैं जो हम में से प्रत्येक के साथ कभी भी हो सकती हैं।

पैर धोने के द्वारा येसु हमें अपने अनंत प्रेम की याद दिलाते हैं। हमारी परिस्थिति और कमोजरियों कुछ भी क्यों न हों, वे सदैव हमारे साथ, हमारी बगल में रहते हैं, वे हमें कभी नहीं छोड़ते हैं।

मिस्सा बलिदान के उपरांत संत पापा ने धन्य पुरोहित पिनो पुग्लिसी के नाम समर्पित गिरजाघर के उद्घाटन हेतु बड़ी पट्टिका को आशीर्वाद दिया। सिसिली के प्रसिद्ध पल्ली पुरोहित पिनो पुग्लिसी की हत्या कर दी गई थी क्योंकि उन्होंने संगठित अपराध को चुनौती दी थी। संत पापा ने सुधारगृह के सभी युवाओं का अभिवादन किया और उनके द्वारा लकड़ी से बनाने गये क्रूस के साथ-साथ युवाओं द्वारा उत्पादित कुछ बिस्कुट और पास्ता भी उपहार स्वरुप ग्रहण किये। संत पापा ने कसाल देल मारमो के अधिकारियों और कार्यकर्ताओं को रोजरी और इतालवी परंपरा के अनुसार चॉकलेट ईस्टर अंडे उपहार में दिये।

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06 April 2023, 22:45