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क्रेमा धर्मप्रांत के मिशनरियों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस क्रेमा धर्मप्रांत के मिशनरियों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस  (ANSA)

पोप ने विनम्रता, आनन्द, आश्चर्य को मिशनरियों की विशेषता कहा

संत पापा फ्राँसिस ने धन्य अलफ्रेदो क्रेमोनेसीस के मिशनरी कार्य पर प्रकाश डाला और म्यांमार के लिए प्रार्थना का आग्रह किया जहाँ धन्य अलफ्रेदो ने अपना जीवन अर्पित कर दिया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार को इटली के क्रेमा धर्मप्रांत के विश्वासियों से मुलाकात की तथा धन्य फादर अलफ्रेदो क्रेमोनेसी के मिशनरी कार्यों की याद की जिन्हें बर्मा में (अब म्यांमार के रूप में जाना जाता है) 70 साल पहले शहीद होना पड़ा था। मुलाकात 2019 में धन्य अलफ्रेदो की धन्य घोषणा के बाद होनेवाली थी लेकिन कोविड महामारी के कारण स्थगित हो गई थी।   

म्यांमार के लिए अपील

फादर अलफ्रेदो की हत्या दोनोकू के छोटे पहाड़ी गाँव में सरकारी सैनिकों द्वारा कर दी गई थी जो मानते थे कि वे बर्मा की स्वतंत्रता के लिए विद्रोहियों की सहायता कर रहे हैं। संत पापा ने कहा, “जैसे कि आप जानते हैं (म्यांमार) एक पीड़ित भूमि है...जिसको मैं अपने हृदय में रखता हूँ।” उन्होंने विश्वासियों से देश के लिए प्रार्थना की अपील की कि वे ईश्वर से शांति के वरदान के लिए प्रार्थना करें।”

धन्य अलफ्रेदो का मिशनरी साक्ष्य

अपने सम्बोधन में संत पापा फ्राँसिस ने उस दृढ़ता का उल्लेख किया जिसके साथ फादर अल्फ्रेदो ने अपनी सेवा का प्रयोग किया, "बिना हिसाब किये और खुद को बचाये बिना, सौंपे गए लोगों की भलाई के लिए खुद को अर्पित कर दिया।"

संत पापा फ्राँसिस ने गौर किया कि फादर अलफ्रेदो ने अपने मूल स्थान क्रेमा का उदाहरण प्रस्तुत किया, विशेष रूप से उनकी "मजबूत धर्मपरायणता, उदार श्रम, सादा जीवन और मिशनरी उत्साह को।" ये सदगुण आज न केवल फादर अंद्रेया मंदोनिको और फादर पियेर लुइजी मक्काली जैसे मिशनरियों में पाये जाते हैं जो नाईजर और माली में दो साल बंदी थे बल्कि क्रेमा के लोगों में भी। संत पापा ने कहा, “फादर अलफ्रेदो की मिशनरी आवाज आप प्रत्येक को, आपके शब्दों को और सबसे बढ़कर एक ख्रीस्तीय के रूप में आपके अनुभव को सौंपी गई है।”

मिशनरियों की विशेषताएँ

फादर अलफ्रेदो के शब्दों को याद करते हुए संत पापा फ्रांसिस ने कहा कि “मिशनरी भावना” पहचानती है कि ईश्वर ही मिशनरी के माध्यम से कार्य करते हैं और उन मिशनरियों की विशेषता होनी चाहिए, विनम्रता, आनन्द और आश्चर्य।

उन्होंने संत लौरेंस की कहानी याद की जिन्होंने कलीसिया के खजाने को रोमी अत्याचारियों को दिये जाने के आदेश पर रोम के गरीबों को प्रस्तुत किया। संत पापा ने कहा, “हम कह सकते हैं कि यही कलीसिया का खजाना है, मैं और आप, ईश्वर के सामने गरीब तथा उनके प्रेम के धनी हैं, जो अद्वितीय रूप से प्रत्येक की आँखों में प्रतिबिम्बित होता है, और जिसके हम गवाह और मिशनरी हैं।”

समुदायिक यात्रा में समर्पण और उत्साह

संत पापा फ्राँसिस ने क्रेमा के विश्वासियों को "प्रतिबद्धता और उत्साह के साथ अपनी सामुदायिक यात्रा जारी रखने के लिए" प्रोत्साहित करते हुए अपने सम्बोधन का समापन किया। और उनसे एकता, सहयोग, स्वागत और समावेशन, युवाओं के लिए शिक्षा, और बुजुर्गों, गरीबों और बीमारों की देखभाल करने के साथ-साथ सृष्टि के वफादार नेतृत्व को विकसित करने का आह्वान किया।

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15 April 2023, 16:14