खोज

2022.04.19 एम्माउस के मार्ग पर येसु और दो चेले 2022.04.19 एम्माउस के मार्ग पर येसु और दो चेले 

संत पापा फ्राँसिस: कलीसिया एक बुलाहटीय स्वर समता है

संत पापा फ्राँसिस ने बुलाहट के लिए प्रार्थना के विश्व दिवस, पास्का के चौथे रविवार - जिसे भला चरवाहा रविवार भी कहा जाता है, के लिए अपना संदेश जारी किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 26 अप्रैल 2023 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने बुलाहट के लिए प्रार्थना के विश्व दिवस के अपने संदेश में "बुलाहट: अनुग्रह और मिशन" विषय पर विचार करते हुए कहा, "यह दिन विस्मय के साथ याद करने का एक अनमोल अवसर है कि प्रभु की पुकार अनुग्रह है, एक पूर्ण उपहार है और साथ ही दूसरों तक सुसमाचार पहुँचाने की प्रतिबद्धता है।”

बुलाहट के लिए प्रार्थना का दिन प्रत्येक वर्ष पास्का के चौथे रविवार को पड़ता है, जब कलीसिया भले चरवाहे के सुसमाचार अंश को पढ़ती है। (योहन 10:1-10) इस वर्ष रविवार, 30 अप्रैल को यह दिवस मनाया जा रहा है।

ईश्वर द्वारा चुना गया

इस वर्ष के संदेश में, संत पापा इस बात पर जोर देते हैं कि प्रत्येक मानव व्यक्ति ईश्वर द्वारा चुना गया है, "प्यार से, प्यार के लिए और प्यार में बनाया गया है, " पुरोहिताई के लिए अपने स्वयं के बुलाहट के आह्वान को याद करते हुए, संत पापा फ्राँसिस बताते हैं कि ईश्वर की पुकार "स्वयं को धीरे-धीरे प्रकट करती है," और हमारी ओर से प्रतिक्रिया की मांग करती है। "बुलाहट 'ईश्वरीय पसंद और मानव स्वतंत्रता के बीच परस्पर क्रिया है' ... ईश्वर हमें प्यार से बुलाते हैं और हम बदले में उन्हें प्यार से जवाब देते हैं।"

मिशन के बिना कोई बुलाहट नहीं

संत पापा ने आगे कहा, "ईश्वर की बुलाहट ... में एक 'भेजना' शामिल है। मिशन के बिना कोई बुलाहट नहीं है।” संत पापा फ्राँसिस ने एक बार फिर इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रत्येक बपतिस्मा प्राप्त ख्रीस्तीय को दया के आध्यात्मिक और शारीरिक कार्यों के माध्यम से येसु के "हर्षित गवाही देने" के लिए बुलाया गया है। ईश्वर और लोगों की सेवा में, "हम ख्रीस्तीय बुलाहट के मर्म को समझते हैं: येसु मसीह का अनुसरण करने के लिए, जो सेवा कराने के लिए नहीं, बल्कि सेवा करने के लिए आया था।"

संत पापा ने तब ख्रीस्त की मृत्यु और पुनरुत्थान के बाद एम्माउस के मार्ग पर शिष्यों की छवि पर ध्यान दिलाते हुए विश्वासियों से कहते हैं कि हमारी बुलाहट, हमारी अपनी "क्षमताओं, योजनाओं या परियोजनाओं" का परिणाम नहीं है, बल्कि यह "येसु के साथ हमारा गहरा अनुभव है।" संत पापा ने प्रार्थना की कि प्रत्येक पुरुष और महिला उन शिष्यों की तरह "उठने और उद्दीप्त हृदय के साथ जल्दबाजी में जाने के लिए बुलावा महसूस करें।"

"हर पुरुष और महिला उठे और दिल में आग लिए जल्दबाजी में जाने के लिए बुलाए जाने का अनुभव करें।"

एक बुलाहटीय स्वर समता

अंत में, संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि ईश्वर की पुकार कलीसियाई समुदाय के भीतर से आती है। उन्होंने कहा, "कलीसिया एक एक्लेसिया (ग्रीक शब्द) है, यह  बुलाए गए व्यक्तियों का एक समुदाय है,जो येसु मसीह के मिशनरी शिष्यों के समुदाय को बनाने के लिए आपस में प्रेम बांटने और उस प्रेम को अन्य सभी तक फैलाने के लिए प्रतिबद्ध है, इसलिए कि ईश्वर का राज्य आ सके।

कलीसिया के सभी सदस्य - महिला और पुरुष, समर्पित धर्मसंघी और अभिषिक्त पुरोहितों को सुसमाचार फैलाने के मिशन में अपनी भूमिका निभानी है। संत पापा ने कहा, "क्या कलीसिया में कोई विशेष बुलाहट पूरी तरह से अपनी वास्तविक प्रकृति और समृद्धि को प्रकट करता है।" इस प्रकाश में, "कलीसिया एक बुलाहटीय स्वर समता ('सिम्फनी') है, जिसमें प्रत्येक बुलाहट एकजुट लेकिन विशिष्ट है, सद्भाव में है और दुनिया भर में ईश्वर के राज्य के नए जीवन को प्रसारित करने के लिए 'आगे बढ़ने' में एक साथ शामिल है।"

अपने संदेश का समापन करते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने बुलाहट को "एक उपहार और एक कार्य, नए जीवन का स्रोत और सच्चा आनंद" कहा और उन्होंने विश्वासियों को बुलाहट के लिए प्रार्थना के पहले विश्व दिवस के लिए संत पापा पॉल षष्टम द्वारा रचित प्रार्थना को अपना बनाने के लिए आमंत्रित किया: “हे येसु, आत्माओं के दिव्य चरवाहे, आपने प्रेरितों को बुलाया और उन्हें मनुष्यों का मछुआरा बनाया। युवा लोगों में से उत्साही और उदार आत्माओं को आपके अनुयायी और आपके पुरोहित बनने के लिए आकर्षित करना जारी रख। उन्हें सभी की मुक्ति के लिए अपनी प्यास में हिस्सा दें ... उनके सामने पूरी दुनिया के क्षितिज खोलें ... आपके बुलावे का जवाब देकर, वे आपके मिशन को यहां पृथ्वी पर बढ़ा सकें, आपके रहस्यमय शरीर का निर्माण कर सकें जो कि कलीसिया है और 'पृथ्वी का नमक' और 'जगत की ज्योति' बन सकें।”

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

26 April 2023, 16:17